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शहरी क्षेत्रों में शुरू हुआ टीका करण अभियान




बलिया।।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयन्त कुमार ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार रविवार से शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। इस अभियान के तहत 12 प्रकार के गंभीर बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए टीकाकरण किया जायेगा।मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि हमें अपने बच्चों को समय पर टीके लगवा लेने में भी समझदारी है l बच्चों के टीके लग जाने पर बच्चे जानलेवा बीमारियों से बचे रहते हैं।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ०वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार रविवार से  शहरी क्षेत्र के 2 नगरीय स्वास्थ्य केंद्र,जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा। यह अभियान सप्ताह के प्रत्येक मगंलवार से लेकर रविवार तक चलाया जाएगा |  इसके अलावा जिले के सभी  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सब सेंटर पर रोस्टर अनुसार टीकाकरण चलता रहेगा।

उन्होंने बताया कि टीकाकरण शिशु को 12 गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है। शिशु और छोटे बच्चों को विशेषतौर पर बीमारियों का खतरा अधिक होता है। इसलिए हमें अपने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण जरूर कराना चाहिए।










उन्होंने बताया कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पोलियो की खुराक के साथ ही टीबी से बचने के लिए बीसीजी का टीका, हेपेटाईटिस बी का टीका, इसके बाद डेढ़, ढाई और साढ़े तीन माह पर पोलियो की खुराक, पेंटा का टीका,  रोटा वायरस से बचाने के लिए रोटा का टीका और बच्चों को निमोनियां से बचाने के लिए पीसीवी का टीका साथ ही इंजेक्टेबल पोलियो का टीका दिया जाता है। इसके बाद नौ  माह पर खसरा और रुबेला  का टीका के साथ ही बच्चों को रतौंधी  रोग न हो और बच्चों की आँखों की  रोशनी अच्छी हो, इसके लिए विटामिन ए की खुराक भी दी जाती है साथ ही इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन की बूस्टर डोज भी दी जाने लगी है। 16 से 24 माह के बीच डीपीटी बूस्टर, पोलियो की खुराक,  खसरा और रुबेला  के टीके के साथ ही विटामिन ए की खुराक दी जाती है।





एनएफएचएस 5 (2019- 21) सर्वे के अनुसार जिले में टीकाकरण कार्ड के अनुसार 12 से 23 माह तक के 65.7 प्रतिशत बच्चों के सभी टीके लग चुके हैं l 12 से 23 आयुवर्ग में 96.8 प्रतिशत बच्चों के बीसीजी का टीका, इसी आयुवर्ग में 67.7 प्रतिशत बच्चों के पोलियो की तीन डोज, 69.4 प्रतिशत बच्चों को डीपीटी की तीनों डोज, 80.3 प्रतिशत बच्चों को मिजील्स रुबेला की प्रथम डोज, 31.5 प्रतिशत बच्चों को रोटा वायरस की तीनों डोज, 63.4 प्रतिशत बच्चों को पेंटा/ हेपिटाइटिस बी की तीनों डोज, 9 से 35 माह के 75.7 प्रतिशत बच्चों को विटामिन ए की खुराक (6माह) दी गयी है।