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ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा पत्रक, मांगा पंचायती राज व्यस्था के 73 वे संविधान संशोधन में मिले अधिकार



मधुसूदन सिंह

बलिया।। शुक्रवार को जनपद के ग्राम प्रधानों ने जुलुस की शक्ल में पहले कलेक्ट्रेट, फिर विकास भवन पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के प्रतिनिधि सीडीओ प्रवीण कुमार वर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी जी को 7 सूत्रीय मांगो वाला अपना पत्रक भेजा। कहा कि सरकार द्वारा मनरेगा मजदूरों की हाजिरी के लिये जो नई गाइड लाइन लागू की गयी है, जिसमे एमएमएस के माध्यम से हाजिरी लग रही है उसको तत्काल बदल कर पुरानी गाइड लाइन लागू किया जाय। इस नई गाइड लाइन में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से मजदूरों की हाजिरी प्रभावित होकर अनुपस्थिति लग जा रही है।





साथ ही मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बाजार दर की आधी है इसको बाजार दर के अनुरूप 400 रूपये प्रतिदिन किया जाय।  कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में हुए 73 वे संशोधन में ग्राम प्रधानों को जो अधिकार मिले हुए है, उनको यूपी में भी लागू किया जाय। इसके साथ ही मांग की कि ग्राम प्रधानों का वेतन सीधे शासन से इनके खाते में मिले।

कहा कि ग्राम सभाओ के कार्यों को ऑनलाइन करने के लिये और युवाओ को रोजगार देने के लिये सरकार ने जो सहायक सचिव कम डेटा एंट्री ऑपरेटर रखा है, उसका वेतन सरकार सीधे अपने यहां से दे, ग्राम सभाओ के बजट से इनका भुगतान बंद किया जाय।









साथ ही यह भी मांग की है कि ज़ब हम लोगों से एक साल की कार्य योजना पहले ही मांग ली जा रही होती है तो फिर हमारी योजना को न देकर दूसरी योजनाओं को कराने का दबाव गलत है। प्रधानों द्वारा विकास के लिये दी गयी कार्य योजनाओं के पूर्ण करने का ही दायित्व दिया जाय। अगर सरकार अपनी प्राथमिकता की कोई योजना देती है तो उसके लिए सरकार अलग से बजट दे, ग्राम सभाओ के बजट को ऐसे कार्यों पर खर्च न किया जाय।

वही इन लोगों का कहना है कि विकास कार्यों में प्रयुक्त होने वाली सभी वस्तुओं का भाव आसमान छू रहा है लेकिन सरकार द्वारा पुरानी ही दर लागू है। ऐसे में विकास कार्यों को कराने में परेशानी हो रही है। इनकी मांग है कि प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं की दर वर्तमान बाजार के दर पर निर्धारित किया जाय। वही इनकी यह भी मांग है कि शिकायत के जांच में फर्जी पाये जाने पर शिकायतकर्ता के खिलाफ उचित वैधानिक कार्यवाही की जाय जिससे ऐसी शिकायतों पर रोक लग सके।








प्रमुख मांगे निम्न है ---


1. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना की नई गाइड लाइन को निरस्त कर पुरानी गाइड लाइन को लागू किया जाय।

2 ग्राम प्रधानों का वेतन सरकार द्वारा उनके खातों में भेजा जाय।

3- ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालयों के केयर टेकर एवं ग्राम सचिवालय में रखे गये सहायक सचिव कम डाटा एंट्री आपरेटर को सरकार द्वारा वेतन दिया जाय।

4 ग्राम प्रधानों के खिलाफ किए गए फर्जी शिकायतों में शिकायतकर्ताओं के खिलाफ उचित वैधानिक कार्यवाही की जाय।

5. पंचायती राज व्यवस्था में 73 वें संविधान संशोधन के तहत ग्राम प्रधानों को मिले अधिकारों को उत्तरप्रदेश में भी लागू किया जाए।

6- ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कराए जा रहे विकास कार्यों में उपयोग किये जा रहे सामग्रियों (ईट,पेवर्स ब्लॉक, सीमेंट, बालू, मोरंग सहित अन्य सामग्री) के मूल्यों का भुगतान बाजार मूल्य के बराबर किया जाए।

 7- मनरेगा मजदूरों का मजदूरी भुगतान बाजार भाव के अनुसार किया जाएं।