Breaking News

ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेसवे के गजट के बाद एक व्यक्ति का बड़ा कारनामा,40 से अधिक आराजियों पर ठोका दांवा, डीएम के 15 दिन जेल भेजनें के निर्देश के बाद भी पुलिस निष्क्रिय



बलिया।। ग्रीन फिल्ड एक्सप्रेसवे के लिये जमीन अधिग्रहण के लिये गजट के बाद प्रभावित आराजियों पर एकाएक विवाद पैदा हो गया है और इसके चलते राजस्व न्यायालयों में विवादों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। विजयीपुर के लगभग 50 कास्तकारों ने जिलाधिकारी को पत्रक सौप कर इन सब लोगों को मुक़दमे में फंसाने वाले जाहिद नामक भू माफिया को जेल भेजनें और अपने अपने आराजियो के ऊपर तथाकथित रूप से मुकदमा दाखिल करने वाले जाहिद को जेल भेजनें की मांग की जा रही  है।











 जिलाधिकारी को सौपे पत्रक में ग्रामीणों ने कहा है कि जिन आराजियों पर जाहिद द्वारा आपत्ति दाखिल की गयी है, वह कभी इसकी या इसके परिजनों की थी ही नहीं। जाहिद ने यह कृत्य पैसा वसूली के लिये किया है।



सभी ने कहा है कि ग्रीन फील्ड परियोजना में मौजा विजयीपुर, मखदूमही व बनकटा के प्रभावित है उक्त मौजों के भूस्वामी में अपनी भूमियों का बैनामा करना चाहते हैं परंतु भूमाफिया जाहिद पुत्र उस्मान निवासी चमन सिंह बाग रोड ने ग्रीन फील्ड परियोजना के गजट प्रकाशन होने के पश्चात धारा 144 के अंतर्गत लगभग 30 से अधिक मुकदमा दाखिल करके लगभग विजयीपुर व मखदूमही मौजों के सभी आराजी नंबरों पर फर्जी आपत्ति प्रार्थना पत्र दिया है जबकि हम भू स्वामियों का 1290 ,1345 में हमारे पूर्वजो का और वर्तमान में हम लोगो का नाम दर्ज रहा है अथवा बैनामदार के रूप में हम लोग दर्ज हुए हैं।

कहा है कि जाहिद पुत्र उस्मान द्वारा अपने अपत्ति प्रार्थना पत्र को हटाने के लिए लोगों से पैसा की मांग की जा रही है । बता दे कि प्रकरण के संबंध में दिनांक 07 /01/2023 को जिलाधिकारी  को तहसील सभागार में ग्रामीणों द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया। उक्त प्रार्थना पत्र के समय 50 से अधिक कस्तकार उपस्थित रहे। जिस पर जिला अधिकारी द्वारा जाहिद पुत्र उस्मान को 15 दिन बंद करने और सारे आपत्ति प्रार्थना पत्र को mखारिज करने के संबंध में उप जिला अधिकारी  बलिया सदर व कोतवाली प्रभारी को निर्देशित किया परंतु अभी तक जाहिद के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

सभी पीड़ितों की मांग है कि जाहिद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाय । साथ ही उप जिलाधिकारी सदर के न्यायालय में जाहिद द्वारा दर्ज कराये गये सभी मुकदमा को निरस्त करने की मांग की गयी है।