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ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने खोला मोर्चा, सरकार ने मांगी 24 घंटे में रिपोर्ट, महिला पहलावानों के साथ यौन शोषण का आरोप



मधुसूदन सिंह 

नई दिल्ली।। जिस देश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ का नारा लगता हो, जहां बेटियों को महा लक्ष्मी महा सरस्वती और मां दुर्गा के रूप में पूजा जाता हो, उस देश में महिला पहलवानो का रेसलिंग फ़ेडरेशन के अध्यक्ष पर यौन शोषण का आरोप लगाना, बेहद ही संवेदनशील और गंभीर मामला है। यह तब और गंभीर हो जाता है ज़ब यह आरोप सत्ता पक्ष के किसी सांसद के खिलाफ हो, दो दिनों से धरना प्रदर्शन हो रहा हो, प्रधानमंत्री निवास मात्र 1 किमी की दूरी पर हो और पूरी दुनिया की मीडिया की नजर देश की इज्जत को मौका मिलते ही उछालने के लिये तैयारी के साथ लगी हो। ऐसे में सरकार की चुप्पी देश के मान सम्मान के लिये घातक हो सकती है।

रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया आज आपाधापी के दौर से गुजर रहा है। देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर खिलाडियों ने फेडरेशन के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और इनके खिलाफ यौन शोषण /उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाते हुए  अध्यक्ष ब्रज भूषण शरण सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

 वही अध्यक्ष श्री सिंह इसे अपने खिलाफ बड़ी राजनैतिक साजिश बता रहे हैं और डंके की चोट पर इस बात को कह रहे हैं कि वो किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार है। यह भी कहा है कि वो किसी अपराधी की तरफ इस्तीफा नहीं देंगे। यह मामला क्योंकि देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों और भारतीय कुश्ती महासंघ की तनातनी से जुड़ा है इसलिए खेल मंत्रालय भी गंभीर हो गया है। मंत्रालय ने मामले का संज्ञान लेते हुए फेडरेशन से 24 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।विवाद बढ़ने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से बात की जिसके बाद सरकार द्वारा जांच के लिए एक तीन सदस्यी जांच समिति बनाए जाने की बात भी सामने आ रही है।महिला पहलवानों ने ब्रज भूषण सिंह पर तमाम गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन सिंह भी हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं।



मामले को भले ही गैर राजनैतिक कहा जा रहा हो। लेकिन ब्रज भूषण सिंह के खिलाफ जैसा रवैया खिलाड़ियों का है, इस बात में कोई शक नहीं कि विषय सिर्फ खेल, खिलाड़ी और कुश्ती नहीं हैं। खिलाड़ियों का साफ़ कहना है कि जब तक सरकार/खेल मंत्रालय ब्रज भूषण शरण सिंह को नहीं हटाती है, फेडरेशन को भंग नहीं करती है,तब तक वो किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लेंगे।








कही नया नियम बगावत का सबब तो नहीं?

 सवाल ये है कि क्या इस पूरे विवाद की वजह खिलाड़ियों के प्रति ब्रज भूषण सिंह की सख्ती है? जवाब ढूंढने के लिये हमें उस नई पालिसी को समझना होगा।खिलाड़ियों और ब्रज भूषण शरण सिंह के बीच जारी गतिरोध कोई आज नया नहीं है। इस पूरे विवाद की शुरुआत नवंबर 2021 में उस वक़्त हुई थी जब भारतीय कुश्ती महासंघ ने अपनी पॉलिसी में कुछ महत्वपूर्व बदलाव किये थे। फेडरेशन ने अपने नए नियमों में तय किया था कि ओलंपिक के लिए टीम को आखिरी रूप देने से पहले ओलंपिक कोटा हासिल करने वाले खिलाड़ियों को भी ट्रायल्स में भाग लेने के लिए कहा जा सकता है। इस विवाद में नया यह है कि खिलाड़ियों ने अध्यक्ष पर इस बार यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा दिया है।

ध्यान रहे कि ओलंपिक से पहले कई सारी चैम्पियनशिप होती हैं. इसमें जीतने वाले खिलाड़ी को ओलंपिक का कोटा मिल जाता है. जो देश जितनी ज्यादा चैम्पियनशिप जीतेगा, उसके उतने ज्यादा खिलाड़ी ओलंपिक में जा सकते हैं.चूंकि, ये चैम्पियनशिप ओलंपिक से काफी समय पहले होतीं हैं, इसलिए रेसलिंग फेडरेशन ने तय किया था ओलंपिक के लिए फाइनल टीम भेजने से पहले सभी खिलाड़ियों को ट्रायल से गुजरना पड़ सकता है, फिर चाहे उसने खुद ओलंपिक कोटा क्यों न हासिल किया हो।


 नये नियम का फेडरेशन ने कैसे किया बचाव 

इस नियम को क्यों बनाया गया? इसके पीछे की वजह बताते हुए फेडरेशन ने कहा था कि ओलंपिक कोटा हासिल करने के बाद कुछ खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं या फॉर्म में नहीं रहते और वो इस बात को छिपाकर ओलंपिक खेलने चले जाते हैं, जिससे मेडल की संभावनाएं कम हो जातीं हैं. इतना ही नहीं, अब ये नियम भी कर दिया गया है कि कोई भी राज्य नेशनल में एक से ज्यादा टीम नहीं भेज सकता. यहां ये बताना बहुत जरूरी है कि नियम बनने से पहले ओलंपिक में सबसे ज्यादा टीमें हरियाणा, रेलवे और सेना से भेजी जाती थीं।

फेडरेशन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो नए नियमों को लाने का उद्देश्य बस इतना ही था कि वो तमाम राज्य जो पहलवानी के हिहाज से कमजोर थे उन्हें भी आगे आने का मौका मिले। नियम बनने के पूर्व तक हरियाणा की टीम हर वर्ग में 6 पहलवानों को उतारती थी। कह सकते हैं कि ब्रज भूषण शरण सिंह के नेतृत्व में बने नए नियमों ने कुश्ती की दुनिया में कहीं न कहीं हरियाणा की मोनोपॉली को खत्म करने का काम किया है।


बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप गंभीर 

बाकी बात WFI और ब्रज भूषण शरण पर लगे यौन उत्पीडन के आरोपों की हुई है तो ये आरोप कितने गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहलवान विनेश फोगाट ने आत्महत्या तक की बात कह दी है।


मीडिया से मुखातिब फोगाट ने कहा है कि, 'महिला पहलवानों का यौन शोषण किया जाता है. मैं खुद महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के 5-7 मामलों के बारे में जानती हूं।जब हमें हाईकोर्ट निर्देश देगा तो हम सभी सबूत देंगे।वहीं विनेश ने खिलाड़ियों को मिलने वाली किट पर भी सवाल उठाए हैं और कहा है कि जो किट खिलाड़ियों को मिलती है वो बेहद घटिया क्वालिटी की होती है।


वहीं साक्षी मलिक का आरोप है कि इवेंट के अगले ही दिन टूर्नामेंट रख दिया जाता है और हमें प्रताड़ित किया जा रहा है. साक्षी ने दावा किया कि अगर कोई खिलाड़ी किसी वजह से टूर्नामेंट मिस कर देता है तो उसे बैन कर दिया जाता है। खिलाड़ियों के इन आरोपों पर ब्रज भूषण सिंह का पूरे कॉन्फिडेंस से इस बात को कहना कि वो किसी भी जांच के लिए तैयार हैं अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।


हो सकता है कि वाक़ई ब्रज सही हों और कुश्ती में सही काम करना चाहते हों और उनका ये अंदाज खिलाड़ियों को बुरा लग गया हो या ये भी हो सकता है कि वाक़ई महिला पहलवानों का शोषण हुआ हो,जो भी हो क्योंकि बात देश की है और इस मामले पर सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजर है तो इसकी विस्तृत जांच हो और खिलाड़ियों से लेकर ब्रज भूषण सिंह तक जो भी गलत हो उसे सख्त से सख्त सजा मिले।


ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा 


ब्रजभूषण शरण सिंह का जबाब