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पूर्व प्रधान की गला रेत कर हत्या



सुखपुरा बलिया।।थाना क्षेत्र के भलूही गांव में सोते समय धारदार हथियार से पूर्व प्रधान की हत्या कर दिए जाने की खबर है  ।सुबह उनकी पत्नी जब उनको जगाने आई तो खुन से लथपथ देख सन्न‌ रह गई। वही वह जोर जोर से दहाड़े मार रोने लगी।तब उनका बड़ा पुत्र इन्द्र पाल सिंह बाहर आया।उसने इसकी सूचना गांव के लोगों के साथ ही सुखपुरा पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस  ने शव को कब्जे में लेकर अन्त्य परीक्षण के लिए भेज दिया।

भलूही गांव के पूर्व प्रधान ह्रदय नारायण सिंह(66) सोमवार को करीब ग्यारह बजे खाना खा कर खपड़ैल वाले बरामदे में सोने चले गए।रात को किसी समय बदमाशों ने धारदार हथियार से गला काट कर हत्या कर दिया गया था। मंगलवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे उनकी पत्नी पूर्व प्रधान मुन्नी देवी उनको जगाने के लिए आई ।तो देखी की दिवाल पर खुन का धब्बा पड़ा है।उसके बाद कम्बल हटा के देखी तो सन्न रह गई। धारदार हथियार से गर्दन व चेहरे पर चोट गम्भीर चोटे पहुंचाई गई थी।जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बदमाशों ने हत्या करने के बाद उनको कम्बल से ढंक भी दिया था। मुन्नी देवी वही पर जोर जोर से दहाड़े मारकर रोने लगी।तब उनका बड़ा लड़का इन्द्र पाल सिंह घर से बाहर आया तथा घटना की सूचना पुलिस व पड़ोसी को दिया।मौके पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक अमित कुमार सिंह ने इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दिया। इसके तत्काल बाद पुलिस अधीक्षक राजकरन नैय्यर,अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा शंकर त्रिपाठी, पुलिस उपाधीक्षक जितेन्द्र कुमार,स्वाट टीम प्रभारी अजय यादव,   गड़वार‌ थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह समेत फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच किया।


पूरे गांव मे पसरा मातम 

भलूही के पूर्व प्रधान ह्रदय नारायण सिंह की धारदार हथियार से हत्या के बाद गांव समेत पूरे क्षेत्र मातम छा गया । जो जहां से इसकी खबर जाना भगे‌ भगे भलूही पहुंचा।मृदुभाषी स्वभाव के ह्रदय नारायण सिंह से किसी से गांव में  कोई रंजीश नहीं बताई जा रही है।यही कारण रहा की चार बार उनके घर में ही प्रधानी रही। जिसमें   वह खूद दो बार प्रधान  रहे ,एक बार उनकी पत्नी व एक बार उनकी भौजाई प्रधान रही।दो बार से वह केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डार बलिया लगातार अध्यक्ष थे।

ऐसी घटनाओं की पुनरावृति से सहमे लोग 

थाना क्षेत्र के  भलूही गांव  में धारदार हथियार से जघन्य हत्या करने या संघातिक चोट पहुचाने की प्रवृत्ति पिछले कई वर्षों से चली आ रही है।करीब 1992 में  हवलदार सिंह रात मे अपने दरवाजे पर सो रहे थे।उस समय धारदार हथियार से उनके चेहरे पर कई वार बदमाशों ने कर मराणास्न पर पहुंचा दिया ।लेकिन वह बच गए।उसके बाद 2003 मे तत्कालीन ब्लाक प्रमुख विरेन्द्र सिंह व उनके सहयोगी दीपक सिंह सुखपुरा बजार से अपने गांव भलूही जा रहे थे ।उसी समय ताल मे पुल के पास घात लगा कर बैठे बदमाशों ने उन लोगों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया।जिसमें दोनों लोगों की मौत मौके पर ही हो गई।इसी तरीके से पूर्व प्रधान ह्रदय नारायण सिंह की हत्या से लोग डरे सहमे‌ है।