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स्मार्ट सिटी की तर्ज पर गांव बनाये जायेगे स्मार्ट गांव : केशव मौर्या



लखनऊ।। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्मार्ट सिटी की तर्ज पर स्मार्ट गांव विकसित किये जायेंगे, ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारी  व जनप्रतिनिधि मिलकर इस दिशा में तेजी से कार्य करें। श्री मौर्य ने कहा कि गरीबों के जीवन  में आमूलचूल परिवर्तन लाने का मनरेगा अच्छा माध्यम है।गांवो के विकास की महायोजना बनाई जाए। कहा कि हम सबको मिलकर गांव के विकास कार्य में क्रांति लाने का काम करना है ।

गांवों का विकास कर गरीबों के चेहरे पर मुस्कान लाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है और इस उद्देश्य की पूर्ति करने में  सरकार पूरी संकल्पबद्धता व प्रतिबद्धता के साथ कर रही है। श्री केशव प्रसाद मौर्य सोमवार को पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान अलीगंज  मनरेगा में एम आई एस (मैनेजमेंट आफ इन्फार्मेशन सिस्टम) से सम्बंधित में 4 दिवसीय प्रशिक्षण  कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विधिवत इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गांव -गरीब की सेवा करना हमारे स्वभाव में होना चाहिए,तभी हम सही मायने में गरीब कल्याण की योजनाओ को धरातल पर उतारने में पूरी तरह सफल हो सकेंगे।






  कहा कि गरीबी उन्मूलन  व रोजगार देने में ग्रामीण विकास विभाग का कार्य सराहनीय है।टीम भावना से कार्य करते हुये ग्राम्य विकास विभाग ने नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं, इसकी बानगी है कि अमृत सरोवरो के निर्माण में उत्तर प्रदेश देश में सबसे आगे हैं। मनरेगा श्रमिकों को श्रम विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के मामले में उत्तर प्रदेश आगे हैं। कोरोना काल में जब  आय के सारे स्रोत बन्द हो गये थे, मनरेगा में करोड़ों लोगों को रोजगार दिया गया।मनरेगा में 100 दिन काम करने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षण देकर उन्हें कुशल श्रमिक बनाने की दिशा में काम करके श्रमिकों के घर परिवार में खुशियां बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों व  जनप्रतिनिधियों को अपने दायित्वों का बोध कराते हुए कहा कि गरीबों की सेवा करने में दीर्घकालिक सुख की अनुभूति होती है।कहा मनरेगा के माध्यम से स्मार्ट विलेज बनाने का मौका हमारे हांथ में है। कहा कि श्रमशक्ति के बल पर  ग्राम्य विकास विभाग के सेक्टर को नम्बर एक पर ले जाने का संकल्प लेकर जांय। कहा कि गांव के विकास के माध्यम से गरीबों के जीवन में दिवाली लाएं। कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाली ग्राम पंचायतों को समारोह करके सम्मानित किया जाए,ताकि और ग्राम पंचायते भी इससे प्रेरणा ले सकें।

ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों  का मंडल स्तर पर सम्मेलन कराया जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि गांव के विकास में पसीना बहाने वाले श्रमिकों को सभी अनुमन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। गांव- गरीब के शैक्षिक, सामाजिक,व आर्थिक उत्थान के लिए प्रधानमंत्री जी के विजन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सब लोग पवित्र भावना से अपने दायित्वों का निर्वहन करें। कहा कि गरीबों को झोपड़ी से निकाल कर  प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के मकान दिये गये है।इन सभी लाभार्थियों को स्वच्छ शौचालय, गैस कनेक्शन, विद्युत कनेक्शन, आयुष्मान कार्ड, मनरेगा में 100 दिन कार्य जैसे सुविधाएं दी गयी हैं, किन्ही कारणों से किसी भी लाभार्थी को अनुमन्य सुविधाएं नहीं मिल पायी हों, तो उन्हें दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए।कहा कि आवासों की सभी किश्तें  समय से लाभार्थियों के खाते में पहुंचनी चाहिए।

कहा कि श्रम शक्ति के बल पर ग्राम विकास के क्षेत्र में नए आयाम ,नये मापदण्ड स्थापित किए जाएं। गांव के विकास कार्यों में कहीं भी संवादहीनता की स्थिति ना रहे , इसलिए योजनाओं की बारीकी जानकारी के लिए इस तरह के कार्यक्रम किये जाने चाहिए।गरीब कल्याण के महायज्ञ में सभी लोग अपनी आहुति डालें। कहा कि हम सब लोग गांवो को स्वच्छ व सुन्दर रखें।कहा कि स्वच्छता के बारे में प्रधानमंत्री जी के आदर्शों से हम सबको सीख लेनी चाहिए।

उन्होंने ग्राम प्रधानों की गांवों के विकास में उनकी भूमिका और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने घोषणा की कि उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रधानों को पुरस्कृत किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना की भी प्रशंसा की, जिसने कोविड महामारी के दौरान लौटने वाले प्रवासियों और स्थानीय आबादी की पीड़ा और दर्द को कम करने में उत्कृष्ट भूमिका निभाई थी।

प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास विभाग श्री हिमांशु कुमार ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को प्रतिनिधानित किये गये कार्यों व दायित्वों को सही तरीके से सम्पादित करानें के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है,कहा कि  इससे मनरेगा के दिग्दर्शी  सिद्धांतो  के अनुरूप कार्य करने का दायित्वबोध  होगा और अपनत्व का भाव भी पैदा होगा। कहा कि भविष्य में पंचायतो को वित्तीय अधिकारों के प्रतिनिधायन पर विचार किया जा सकता है।  ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों को दिये गये नये अधिकारों व दायित्वों को विधिवत क्रियान्वित कराने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।कहा कि मनरेगा के नये स्वरूप  को  धरातल पर उतारने मे हम सब कामयाब होंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनरेगा के क्रियान्वयन, निगरानी,व मूल्यांकन कार्य को कारगर बनाने हेतु  प्रतिभागियों को एम आई एस पोर्टल, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म और ऐप आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर राज्यमंत्री ग्राम्य विकास विभाग ,  श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम, अपर आयुक्त ( मनरेगा) श्री योगेश कुमार, संयुक्त आयुक्त (मनरेगा) श्री उमेश कुमार त्यागी, के अलावा लगभग डेढ़ दर्जन जिलों के  लगभग 400 प्रतिभागी मौजूद रहे।