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डिप्टी कलेक्टर ने सीएमओ को पत्र जारी कर कलेक्ट्रेट मे किया तलब,जिले के डॉक्टरों में नाराजगी, हुए लामबंद



कहा डीएम के अलावा सीएमओ को बुलाने का किसी को अधिकार नही

बलिया।। डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कलेक्ट्रेट में 3 अक्टूबर को शहर में आशाबहुओ के नियुक्ति में हुई धांधली के मामले उपस्थिति होने के लिये पत्र करने पर चिकित्सकों मे उबाल आ गया है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के बैनर तले चिकित्सकों ने इसके प्रति गहरा रोष जताया है । कहा है कि सीएमओ को बुलाने का प्रोटोकॉल जिलाधिकारी को छोड़ किसी भी अधिकारी को नही है। यह अपमान कत्तई बर्दाश्त नही किया जाएगा। आज सीएमओ कलेक्ट्रेट मे डिप्टी सीएमओ के समक्ष पेश होंगे, इसकी संभावना नही दिख रही है।



बता दे कि मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश जनपद शाखा बलिया द्वारा 12 सितंबर 2022 को जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र दिया गया था। जिसमें जनपद में नियुक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति में हुए अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच करने की अपेक्षा की गई थी। इस प्रकरण में 27 सितंबर 2022 को डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को 28 सितंबर 2022 को कलेक्टर कार्यालय में आशाओं की नियुक्ति से सम्बंधित सभी अभिलेख लेकर उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया था। जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी नही उपस्थित हुए तो डिप्टी कलेक्टर बलिया द्वारा पुनः 30 सितंबर 2022 को सीएमओ को तीन अक्टूबर 2022 को कलेक्ट्रेट में सभी अभिलेखों के साथ उपस्थित होने का पत्र भेजा गया है ।





जब इसकी जानकारी जनपद के चिकित्सकों हुई तो आक्रोशित हो उठे। इसके बाद प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने सीएमओ से वार्ता की। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के जिला सचिव डॉ संतोष चौधरी ने कहा कि सीएमओ को बुलाने का अधिकार जिलाधिकारी के अलावा किसी को नही है, यह बर्दाश्त नही किया जाएगा।साथ ही यह भी कहा कि डिप्टी कलेक्टर को अस्पताल की भी जांच करने का अधिकार नही है। कहा कि ऐसी अपमान जनक स्थिति में काम करना सम्भव नही है। अगर व्यवस्था में सुधार नही हुआ तो हम चिकित्सक आगे की रणनीति बनाने पर मजबूर होंगे। कहा कि हम भी राजपत्रित अधिकारी है। मान स्वाभिमान गिराकर काम नही कर सकते है।

बता दे कि इसके पहले नगर मजिस्ट्रेट द्वारा 24 सितंबर को अनियमित नियुक्तियों की जांच के दौरान डिप्टी सीएमओ प्रथम डॉ सर्वेश गुप्ता के साथ अभद्र व्यवहार और उसके बाद हार्ट अटैक आने की घटना को चिकित्सक अभी भूल भी नही पाये है कि यह चिट्ठी आग मे घी का काम कर गयी है। बता दे कि डॉ सर्वेश गुप्ता ने दुर्व्यवहार के चलते नौकरी से इस्तीफा भी दे दिया है।