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बोले पुलिस अधीक्षक,किशोरी के साथ प्रारम्भिक जांच मे दुष्कर्म की पुष्टि नही, बयान पर उठने लगे सवाल



मधुसूदन सिंह 

नगरा बलिया।। नगरा थाना क्षेत्र की शनिवार की सुबह मिली किशोरी के साथ पुलिस की प्रारंभिक जांच मे दुष्कर्म की पुष्टि नही हुई है। किशोरी को आरोपी नौशाद हत्या की नियति से अपने साथ बाइक पर ले गया था। पुलिस के अनुसार चिकित्सको से कराई गयी प्रारंभिक जांच मे दुष्कर्म की पुष्टि नही हुई है।किशोरी का इलाज वाराणसी मे चल रहा है। होश मे आने के बाद उसके बयान के आधार आगे की कार्यवाई की जायेगी। उपरोक्त बातें पुलिस अधीक्षक  ने  नगरा थाने मे पत्रकार वार्ता के दौरान कही । बताया कि 15 अक्टूबर को 6 बजे प्रातः एक किशोरी  घायल अवस्था में सिकरहटा गांव के बाहर पुलिया के पास मिली थी । सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष नगरा  मौके पर पहुंच कर किशोरी को पीएचसी नगरा ले जाकर प्राथमिक उपचार कराया । उसके पश्चात बेहतर इलाज हेतु जिला अस्पताल बलिया से ट्रामा सेंटर बीएचयू रेफर कर दिया गया। घटना के संबंध मे पीडिता के पिता द्वारा थाने मे 15 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कराई गयी। घटना की गंभीरता को देखते हुए अनावरण हेतु कुल 4 टीमें बना कर कार्यवाई प्रारंभ की गयी।



 इसी क्रम में सर्विलांस टीम, स्वाट टीम को भी लगया गया़। तत्पश्चात घटना से संबंधित कई संदिग्धों को बुलाकर पूछताछ व दबिश दी गयी । कार्यवाई के दौरान प्रमाणित साक्ष्य मिलने पर नौशाद अंसारी निवासी ताड़ीबड़ागांव जो एफआईआर मे अभियुक्त भी है, को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के बयान के आधार पर घटना में प्रयुक्त ब्लेड, रुमाल, लड़की का मनी पर्स व अन्य सामान घटनास्थल से दूर ताड़ीबड़ागांव से मलप  जाने वाले मार्ग के मध्य पुलिया के पास झाड़ी में सामान फेके जाने की बात बताया। आरोपी की निशानदेही पर 16 अक्टूबर को पुलिस आरोपी नौशाद को लेकर माल बरामदगी हेतु रवाना हुई । इसी दौरान आरोपी द्वारा पुलिस टीम को झटका मार कर झाड़ी में रखे झोले में से नाजायज कट्टा 315 बोर मय कारतूस पुलिस वालों को लक्ष्य करके फायर कर दिया। जबाब में पुलिस टीम द्वारा आत्मरक्षार्थ फायरिंग करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया।




उपरोक्त बातें प्रेस वार्ता मे पुलिस अधीक्षक राजकरन नय्यर ने कही है। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने यह बताया ही नही कि आरोपी की किशोरी से क्या अदावत थी कि वह उसकी हत्या करना चाहता था।  पुलिस अधीक्षक के ही अनुसार किशोरी की सहेलियों ने बताया कि किशोरी एक युवक के साथ मोटर साइकिल पर बैठ कर गयी थी, तो वह मोटर साइकिल कहाँ है? जो किशोरी अभियुक्त के कहने पर मोटर साइकिल पर बैठ जाती है, उससे दुश्मनी कैसे? पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों के सवालों को सुना जरूर पर जबाब वही दिया जो वो देना चाह रहे थे।






घायल अवस्था मे जिस परिस्थिति मे किशोरी पड़ी मिली थी, उसके कपड़ो की स्थिति थी, उसको देखने के बाद हर कोई यह कहते सुना गया कि इस किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या का प्रयास किया गया है,एक पुलिस ही है जो इस बात को नकार रही है। यह प्रकरण अब दो सवालों के मध्य ही उलझ कर रह गया है। पहला जब आरोपी रुमाल से गला घोटने का प्रयास कर रहा था तो युवती ने अपने बचाव मे आरोपी को कुछ तो क्षति पहुंचायी ही होगी, वह आरोपी के शरीर पर दिखी है क्या? यही नही पुलिस अधीक्षक के ही बयान के अनुसार रुमाल से गला घोटने मे सफलता नही मिलने पर आरोपी ने ब्लेंड से किशोरी के दोनों हाथों की नसे कांट दी, अब यहां भी सवाल खड़ा हो जाता है कि जिस लड़की का कुछ क्षण पहले गला घोटा जा रहा था, वह अपने दोनों हाथ हत्या करने की कोशिश करने वाले के सामने फैला देती है कि लो काट डालो? जिस तरह से युवती को शारीरिक चोट पहुंचायी गयी है वह एक व्यक्ति के द्वारा संभव नही दिखती है।

दूसरा बड़ा सवाल यह है कि पुलिस द्वारा आनन फानन मे किशोरी को पहले उपचार के लिये नगरा पीएचसी पर और फिर जिला अस्पताल पहुँचाया गया। जिला अस्पताल से युवती अचेतावस्था मे वाराणसी रेफर कर दी गयी। ऐसे मे पुलिस ने कब दुष्कर्म होने या न होने के लिये जांच करा दी, इसका खुलासा नही किया है।