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रचनाकारों की साहित्यिक ऊर्जा को समृद्ध करते प्रतियोगी पटल







सम्मान पत्र का प्रोत्साहन कवियों और रचनाकारों के लिए बना संजीवनी    


डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय 

प्रयागराज।।आभासी दुनिया  ( फेसबुक और वाट्सएप पर ) में संचालित हो रहे विभिन्न साहित्यिक पटल   कवियों लेखकों और समर्थ रचनाकारों को  भरपूर उर्जा   देकर उन्हें पुष्पित पल्लवित कर रहे हैं और सम्मान पत्र देकर उनका प्रोत्साहन करके उनकी रचनाधर्मिता को संजीवनी प्रदान कर रहे हैं   

   काव्य रस साहित्यिक पटल के संस्थापक निदेशक डा० भगवान प्रसाद उपाध्याय  का मानना है कि फेसबुक और वाट्सएप  पर चलने वाले विभिन्न साहित्यिक  पटल अपनी दैनिक या साप्ताहिक प्रतियोगिता के माध्यम से सर्जनात्मक प्रतिभा को पुष्पित पल्लवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

   अभिव्यक्ति  साहित्यिक पटल के माध्यम से धामपुर बिजनौर निवासी डा० अनिल कुमार शर्मा अनिल यह मानते हैं कि आनलाइन  सम्मान पत्र और प्रोत्साहन स्वरूप प्रशस्ति पत्र देने से न केवल नवोदित रचनाकार स्वयं को धन्य मानते हैं बल्कि स्थापित रचनाकार भी सम्मान को बहुत ही आदर पूर्वक स्वीकार करते हैं और सम्मान पत्र देने वाली संस्था के प्रति वे सदैव कृतज्ञ रहते हैं ऐसी भावना को संबल देना सुधी साहित्यकारों का पुनीत कर्तव्य है। 

  


  साहित्य सर्जन मंच कौशांबी के माध्यम से दैनिक प्रतियोगिता और साप्ताहिक प्रतियोगिता का आयोजन करके आनंद नारायण पाठक अभिनव अपनी साहित्यिक प्रतिभा का सफलतापूर्वक दिग्दर्शन कर रहे हैं और वे शताधिक साहित्यकारों को प्रोत्साहित और ऊर्जावान बना रहे हैं। इसी तरह साहित्य सृजन मंच खगड़िया बिहार से शिव कुमार सुमन जी का प्रयास बहुत ही स्तुत्य और सराहनीय है। प्रतिदिन विधा विशेष पर रचनात्मक प्रतिभा को प्रोत्साहन देना और समय-समय पर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करना साहित्य सृजन मंच खगड़िया बिहार का बहुत ही सराहनीय प्रयास है। इस तरह दर्जनों संस्थाएं फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से साहित्य को संरक्षित कर रहे हैं और रचनाकारों को प्रकाश में लाकर श्लाघनीय  प्रयास कर रही हैं। नवोदित रचनाकार भी यह मानते हैं कि इस तरह के पटल और साहित्यिक मंच हम सबके लिए प्राणतत्व हैं और इनकी संजीवनी से हमें प्रतिदिन कुछ न कुछ नया लिखने की ललक बनी  रहती है।

 ( सम्पादक साहित्यांजलि प्रभा)