Breaking News

निजी आईटीआई चलाने के नाम पर पूरे प्रदेश मे बड़ा फर्जीवाड़ा, बलिया मे दो निजी आईटीआई की हुई शिकायत, डीएम ने बैठायी जाँच



मधुसूदन सिंह

बलिया।। पूरे प्रदेश मे निजी आईटीआई चलाने के नाम पर एक बड़े फर्जीवाड़े का अंदेशा प्रबल दिख रहा है। राजकीय आईटीआई के प्रधानाचार्य /अधिकारियो की मिलीभगत, बिजली विभाग के अधिकारीयों के साथगांठ से यह फर्जीवाड़े का खेल पूरे प्रदेश स्तर पर चलने की खबर मिल रही है। बलिया मे ऐसे ही चल रही दो आईटीआई की जाँच के लिए जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री के साथ ही प्रधानमंत्री को कृष्णा मिश्रा ने पत्र भेज कर फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगाया है। श्री मिश्र ने जो आरोप लगाये है वो न सिर्फ बड़े ही गंभीर है बल्कि यह नौजवानों को स्किल इंडिया के तहत टेक्निकल रूप से प्रशिक्षित करने के नाम पर एक बड़ा धोखा है। यही नही प्रति वर्ष शुल्क के नाम पर होने वाली वसूली को सीए के माध्यम से फर्जी तरीके से खर्च दिखाकर आयकर की बड़ी चोरी भी की जा रही है।

इस फर्जीवाड़े का खुलासा थाना कोतवाली के हरपुर निवासी कृष्णा नन्द मिश्र ने अपने शिकायती पत्र के माध्यम से किया है। जिस भूखंड को मान्यता लेने के समय योगेंद्र नाथ आईटीआई आवास विकास कालोनी हरपुर बलिया के प्रबंधक अजीत मिश्र द्वारा बयान हल्फी के माध्यम से अपना बताया गया है, उसको कृष्णानंद मिश्र द्वारा सबूतों के साथ शिकायती पत्रों मे अपना बताया गया है। यानी इस आईटीआई की नीव झूठ की जमीन पर रखी गयी है। यही नही श्री मिश्र ने यह भी आरोप लगाया है कि जिस प्रिंसिपल के नाम पर यह आईटीआई लगभग डेढ़ साल तक चलायी गयी है, वो तथाकथित प्रिंसिपल कौशलेश राय पुणे मे एक बड़ी दूरसंचार कम्पनी मे इंजीनियर के पद पर लाखों रूपये महवार का वेतन ले रहे थे और अब दूसरे देश मे कार्यरत है। श्री मिश्र ने किसने प्रिंसिपल के रूप मे कौशलेश राय का हस्ताक्षर कर छात्रों और प्रशासन के साथ धोखाघड़ी की है, कि जाँच की मांग की है।









दूसरा फर्जीवाड़ा छात्रों के भविष्य के साथ किया जा रहा है। इनको पढ़ाने वाले स्किल्ड टीचर्स के नाम पर फर्जी व अन स्किल्ड टीचर्स के द्वारा तथाकथित शिक्षण कार्य कराना  है। सबसे बड़ी बात तो प्रायोगिक प्रशिक्षण को लेकर सामने आ रही है। आरोप लगाया गया है कि मशीनों को चलाने के लिए बिजली विभाग से साथगांठ करके फर्जी कनेक्शन के माध्यम से सरकार को लाखों का चुना लगाया जा रहा है। शिकायतकर्ता श्री मिश्र ने योगेंद्र नाथ आईटीआई मे लगे बिजली विभाग के मीटर को दिखाते हुए आरोप लगाया है कि मीटर को देखकर कोई भी कह सकता है कि यह विभागीय फर्जीवाड़े का एक जीता जागता उदाहरण है। श्री मिश्र की शिकायत पर जिलाधिकारी बलिया के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी, एसडीएम सदर, लेखाधिकारी विकास भवन और अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय की एक जाँच समिति पिछले 22 जून को ही गठित कर दी है लेकिन इस समिति ने न जाने क्यों अभी तक अपनी जाँच शुरू ही नही की है।






निजी आईटीआई खोलकर जिस तरह से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, बिजली विभाग से मिलकर और राजकीय आईटीआई के प्रिंसिपल/अधिकारियों के साथ मिलकर सरकार के साथ धोखाघड़ी की जा रही है, और सीए के माध्यम से आमदनी को फर्जी तरीके से खर्च दिखाकर आयकर को भी चुना लगाया जा रहा है। प्रदेश सरकार को चाहिये कि पूरे प्रदेश मे एक अभियान चलाकर सभी निजी आईटीआई की जाँच करानी चाहिये जिससे chhatro/नौजवानों के जीवन के साथ हो रहे खिलवाड़ को रोकना चाहिये।





श्री कृष्णानंद मिश्र ने योगेंद्र नाथ आईटीआई की  निम्न विन्दुओं पर जाँच कराने कि मांग की है। इस विद्यालय की मान्यता सं0-DGET/06/124/253/2009 T.कॉल है ----


1. विद्यालय की मान्यता के दाखिल आवेदन में प्रथम विद्युत कनेक्शन की रसीद जिस पर कनेक्शन सं० तथा दिनांक यह रसीद बुक विद्युत विभाग, बलिया से जारी हैं कि नहीं।

2. यदि जारी हैं तो उक्त कनेक्शन सं0 की पत्रावली जिसमें जारी बिल जमा बिल तथा कब तक कनेक्शन चला है।

3. वर्ष 2009 से वर्ष 2022 तक लगातार विद्युत कनेक्शन की आपूर्ति कब से कब तक हुई है, तथा कितनी बार मीटर विभाग की मिली भगत से बदला गया है।

4. यदि लगातार बिजली कनेक्शन से आपूर्ति नहीं रहीं हैं तो छात्रों को प्रैक्टिकल कैसे कराया गया।

5. स्कील इण्डिया के तहत मानक के अनुरूप कम्प्यूटर क्लास अनिवार्य हैं तो मानक के अनुसार कम्प्यूटर हैं कि नहीं।

6. खरीदे गये कम्प्यूटर की पक्की बिल जो G.S.T. Paid हो ।

7. कम्प्यूटर क्लास के लिए इण्टरनेट ब्राड बैंड कनेक्शन, कनेक्शन संख्या, कनेक्शन जारी होने का दिनांक तथा कितने समय तक चला है। इण्टरनेट का बिल जो विद्यालय द्वारा जमा किया गया हैं जिसमें बैंक खाते में जमा हुआ उसका विवरण।

8. प्रति छात्र द्वारा 18,000/- रू० प्रतिवर्ष के हिसाब से जमा फीस संस्था के किस खाते में जमा हुई छात्रों के प्रवेश के हिसाब से।

9. वर्षवार पूरे विद्यालय में प्राप्त फीस से कुल जमा रूपये संस्था के किस खाते में जमा हुआ और कहाँ खर्च हुई। संस्था के खाते से काटे गये चेक का मिलान खर्च आय, व्यय ।

10. स्टाफ सूची के मुताबिक मौके पर स्टाफ का मिलान ।

11. स्टाफ सूची का बैंक खाता सं0, नाम और संस्था द्वारा दिये गये वेतन का मिलान ।

12. कार्यरत कर्मचारी का पी०एफ० खाता सं0. जमा धनराशि जो विद्यालय द्वारा काटकर कर्मचारी के खाता में जमा होता है।

13. कार्यरत कर्मचारी का उपस्थिति पंजीका पर हस्ताक्षर (एक ही स्याही से एक ही राइटिंग में तैयार किया गया है।)।

14. छात्रों की उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति ।

15. प्रैक्टिकल के लिए छात्रों को दिया जाने वाला सामान रजिस्ट्रर जिस पर छात्रों को देकर प्राप्त कराकर हस्ताक्षर बनवाया जाता है तथा वापसी के समय स्टाफ द्वारा सामान प्राप्त कर हस्ताक्षर बनवाया जाता है।

18. प्रैक्टिकल में पूरे वर्ष में माहवार प्रैक्टिकल में प्रयोग होने वाला सामान जो खर्च हुआ उसकी खरीदारी जो विद्यालय के प्रधानाचार्य / प्रबन्धक द्वारा की गयी है। उसकी पक्की बिल G.S.T Paid का मिलान ।

17. मानक के अनुसार विद्यालय में सामान दूल्स, मशीन की संख्या तथा इन सामानों के खरीद की पक्की बिल बिक्री कर सहित जो कब खरीदा गया हैं मान्यता लेने से पूर्व या पश्चात् कितना चाहिये, कितना खरीदा गया हैं कितना मौके पर है।

18. संस्था के आयकर रिटर्न में C.A द्वारा फर्जी चार्ट बनाकर आय को खर्च में दिखाना तथा आयकर में दिखाये गये खरीदारी का पक्का G.S.T Paid बिल की जाँच व मिलान ।

19. अग्निशमन विभाग द्वारा जारी NOC की जाँच तथा मौके पर अग्निशन यंत्र तथा आग बुझाने के लिए विद्यालय में उपलब्ध यंत्र ।

20. वर्तमान में बिजली व इण्टरनेट कनेक्शन।

21. विद्यालय के लिए दी गयी जमीन की चौहद्दी जो मेरे नाम पर है उसी चौहद्दी पर फर्जी शपथ पत्र देकर मान्यता लेना तथा मान्यता के समय दिये गये जमीन व टूल्स के शपथ पत्र की छायाप्रति की जाँच

22. विद्यालय में लगी हुयी प्रैक्टिकल के लिए बिजली वाली कोई भी मोटर चालू हालत में नहीं है। सारी मोटरें पुरानी खरीद कर लायी गयी थी।

23. लेथ मशीन जो पुरानी कबाड़ से खरीदकर लायी गयी थी चालू नहीं है। उसकी खरीद की पक्की बिल बिक्री सहित बिल का सत्यापन बिक्री कर विभाग से कराया जाये।

यदि वर्तमान में तत्काल स्टाफ बिजली कनेक्शन, इण्टरनेट कनेक्शन और प्रैक्टिकल का सामान आदि नहीं हैं तो तत्काल प्रभाव से विद्यालय में नये सत्र में प्रवेश पर रोक लगाते हुए उपरोक्त विन्दुओं पर जॉच करवाने की कृपा करें।