Breaking News

डॉ केशव प्रसाद से सीएमओ बलिया के अति प्रेम का क्या है राज? क्या ये भी करेंगे डॉ केशव के लिए शासनादेश की बेअदबी?



बलिया।। मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया के अधीन लेवल 1 के एक ऐसे चिकित्सक तैनात है जिनके लिए सीएमओ शासनादेश को भी रद्दी की टोकरी मे रखने को तत्पर है। सजातीय होने के कारण सीएमओ साहब का इस चिकित्सक के प्रति प्रेम कुछ ज्यादे ही दिख रहा है। 30 जून को पूरे प्रदेश मे लेवल 1 के चिकित्स्कों का स्थानांतरण हुआ। बलिया से भी लगभग 2 दर्जन चिकित्स्कों का भी स्थानांतरण हुआ था जिसमे गलती से लेवल 2 के चिकित्सक डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे और डॉ राघवेद्र बहादुर सिंह का भी स्थानांतरण महानिदेशक द्वारा कर दिया गया। संशोधन मे डॉ सिद्धार्थ मणि दुबे का स्थानांतरण निरस्त हो चुका है और डॉ राघवेंद्र बहादुर सिंह का भी प्रक्रियारत बताया जा रहा है (महानिदेशक को केवल लेवल 1 के ही चिकित्सकों का स्थानांतरण करने का अधिकार है, इससे ऊपर का स्थानांतरण शासन के द्वारा होता है )।

30 जून को हुए स्थानांतरण आदेश के क्रम मे 17 जून को जारी शासनादेश के अनुपालन मे मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया डॉ जयंत कुमार द्वारा 7 जुलाई को डॉ केशव प्रसाद समेत सभी स्थानांतरित चिकित्सकों को कार्यमुक्त करने का आदेश कागजी तौर पर तो कर दिया गया है लेकिन वास्तविक तौर पर ऐसा नही किया गया है। कार्यमुक्त करने के बाद भी सीएमओ द्वारा डॉ केशव प्रसाद से पूर्व की भांति ही कार्य लिया जा रहा है। डॉ केशव प्रसाद की उपस्थिति अगर चेक करनी हो तो सीएमओ बलिया के कार्यालय और आवास पर लगे सीसीटीवी के फुटेज को चेक करके सत्यता को जांची जा सकती है।कार्यमुक्त करने का आदेश जारी कर कार्यभार किसी अन्य चिकित्सक को देने का आदेश जारी न होना डॉ केशव को अघोषित रूप से शासनादेश का उल्लंघन ही है। देखते है कि शासन स्तर से ऐसे कृत्य के लिए क्या दण्डनात्मक कार्यवाही की जाती है?





2021 को दुहराने की राह पर फिर से डॉ केशव 

  बता दे कि विगत जुलाई 2021  से स्थानांतरण हो जाने के बाद बिना किसी शासन के आदेश के जमे हुए (स्थानांतरण के बाद इनको रिलीव भी कर दिया गया था ) डॉ केशव प्रसाद का यहां कार्य करना लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है । बता दे कि तत्कालीन सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ द्वारा अपने स्थानांतरण से पूर्व डॉ केशव प्रसाद को रिलीव भी कर दिया गया था । उसके बाद डॉ केशव का वेतन आहरण रुक गया था । लेकिन डॉ नीरज कुमार पांडेय सीएमओ बलिया  द्वारा मार्च 2022 से डॉ केशव प्रसाद के सभी अवशेषों के साथ वेतन देना शुरू कर दिया गया । अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस चिकित्सक का 11 माह पूर्व शासन से स्थानांतरण हो गया हो, योगी सरकार ने किसी के स्थानांतरण को भी निरस्त नही किया है,फिर सीएमओ बलिया डॉ केशव प्रसाद को कैसे वेतन दे सकते है ? 

एडी ने किया शासन के स्थानांतरण को स्थगित

डॉ केशव प्रसाद के मामले में सबसे चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि एडी आजमगढ़ ने इनके स्थानांतरण को स्थगित करते हुए सीएमओ बलिया को वेतन देने का आदेश दिया है । सूत्रों की माने तो डॉ केशव प्रसाद ने एडी आजमगढ़ के यहां पत्र भेजकर यह आरोप लगाया था कि सीएमओ बलिया मुझसे काम लेने के बावजूद वेतन नही दे रहे है । बता दे कि जुलाई में पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार ने चिकित्सको के स्थानांतरण किया था जिसमे डॉ केशव प्रसाद का भी हुआ था । इनके साथ के अन्य चिकित्सक रिलीव होकर नई तैनाती वाले जनपदों में कार्यभार ग्रहण कर लिये लेकिन डॉ केशव बलिया ही जमे रहे । तत्कालीन सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ ने जाते जाते रिलीव कर दिया लेकिन वो आज तक बलिया ही सीएमओ डॉ नीरज कुमार पांडेय और एडी आजमगढ़ की कृपा से बने हुए है । या यूं कहें कि शासन के आदेश पर एडी आजमगढ़ भारी है ।

अब हुआ देवरिया स्थानांतरण, रिलीव होने के बाद फिर पुरानी कहानी हुई शुरू

इस साल फिर डॉ केशव प्रसाद का स्थानांतरण देवरिया के लिए जून माह मे ही हो गया है। इनको रिलीव भी कर दिया गया है लेकिन आज भी मुख्यचिकित्साधिकारी के ऑफिस मे बैठ रहे है। ये हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक है लेकिन पिछले एक साल से मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय मे ही अधिकतर दिखाई देते है। इस कथन की पुष्टि के लिये मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज को देखा जा सकता है। यही नहीं एन एच एम के तहत हुई संविदा कि ए एन एम कि नियुक्ति मे भी सामान्य वर्ग कि सीटों पर ओबीसी और एस सी अभ्यार्थिनियों कि पोस्टिंग कराने मे डीपीएम के साथ मिलकर जबरदस्त खेल किये है, यह भी आरोप लगाया जा रहा है।

सजातीय मुख्यचिकित्साधिकारी के होने के कारण डॉ केशव प्रसाद पिछले साल के अपने गणित को लागू करने की फिराक मे है। पिछले साल की तरह ही मुख्यचिकित्साधिकारी काम कराने के कारण एडी से पुनः अपना आदेश कराकर स्थानांतरण को स्थगित कराने की जुगत मे है। अब देखना है की मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया ऐसे स्थानांतरण और रिलीव चिकित्सक को अपने पास बैठाकर काम लेते है और एडी अजमगढ़ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिये स्थानांतरण को अधिकार न होते हुए भी बदल देते है।

एक साल से अधीक्षक सीएचसी रतसर के आवास पर अवैध कब्जा

पिछले साल के तबादला के बाद अधीक्षक सीएचसी के पद से हटने के बाद भी डॉ केशव प्रसाद आवास पर अवैध रूप से कब्जा जमाये हुए है। इनके अवैध कब्जे के चलते वर्तमान अधीक्षक सीएचसी पर रह नहीं पा रहे है। न जिलाधिकारी, न ही मुख्यचिकित्साधिकारी अब तक इनसे आवास खाली करने को कह रहे है।