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कटान पीड़ितों की सूची में अपात्रों के नाम,पीड़ितों ने की है लिखित शिकायत,पर मौन है जिला प्रशासन,क्या है कोई दबाव ?

 



मधुसूदन सिंह

मझौवां बलिया ।। ग्राम पंचायत गंगापुर विकासखंड बेलहरी सदर तहसील बलिया 2016 गंगा नदी के कटान से विस्थापित पीड़ितों को सरकारी आवासीय भूमि एवं आवास आवंटन में घोर धांधली हुई हैं। इसकी शिकायत कटान पीड़ितों ने लिखित रूप से 4 जून 2022 को सम्पूर्ण समाधान दिवस में की हुई है । बावजूद इसके एक माह बीत जाने के बाद भी तहसील प्रशासन ने अबतक कोई कार्यवाही नही की है । प्रशासन के द्वारा शिकायत के बाद भी अपात्रों को सूची से बाहर न निकालने का कोई भी प्रयास होते न दिखने पर कटान पीड़ितों में आक्रोश दिख रहा है, जो जिला मुख्यालय पर बड़े प्रदर्शन का भविष्य में कारण बन सकता है ।



 कटान पीड़ितों ने इसके लिये तत्कालीन गंगागपुर लेखपाल लक्ष्मण सिंह व दलालों को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि इन्ही लोगो के माध्यम से अपात्रों को कटान पीड़ित बनाकर सरकारी सुविधाओं को बेचा गया हैं। जिसके कारण वास्तविक कटान पीड़ित जो पात्र है, को सुविधाएं उपलब्ध नही मिली,लेकिन अपात्रों को पैसे के बल पर सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराया जा रहा है। काफी हो-हल्ला के पश्चात पुनः एक सूची बनी उसमे भी दलालों एवं वर्तमान छुटभैया नेताओ, सफेदपोशों के साठगांठ से आपत्रों को सूची में स्थान दिया गया है । जिसके विषय में पुनः पात्रों द्वारा तहसील दिवस पर लिखित शिकायत भी की गई हैं। फिर भी अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए संवेदनहीन जिला प्रशासन गोल मटोल उत्तर दे रहा है।





गड्ढे की जमीन को महंगे दर पर खरीदने का आरोप

  भ्रष्टाचार का आलम यह है कि दलालों के माध्यम से प्रशासन द्वारा आवासीय भूमि आवंटन के लिए नाले में जहां साल मे चार-पांच माह जल जमाव से भरा रहता है, वह भूमि खरीदा गया है। बार-बार जनता जांच की मांग करती रही लेकिन आज तक जाँच तो दूर इस विषय पर प्रशासन गोल मटोल जवाब देकर अपने द्वारा किया गये भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल रहा है। कटान पीड़ित गंगजली देवी, सरल, नकुल, विमला,रमेश पाण्डेय, टिंकल गोड़, सतेन्द्र यादव,बड़क तुरहा,मनवा देवी, एवं मंजू देवी ने यह आरोप लगाया है कि जिस "नाले" में जो की आज भी बुजुर्गों द्वारा सरजू नदी के नाम से जाना जाता हैं, जिसमें चार से पाँच माह तक चार से पांच फीट तक पानी भरा रहता है ,उस जमीन को उच्चाधिकारियों को अंधेरे में रखकर निजी स्वार्थ के कारण दलालों के माध्यम से तहसील कर्मियों द्वारा जमीन खरीदने का कार्य हुआ है।

 सूत्रों के हवाले से अब यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि तहसील कर्मी व दलालों के द्वारा कटान पीड़ितों से कहा जा रहा है कि पैसा दो अच्छे जगह पर प्लांट की व्यवस्था करा दिया जायेगा। पात्र कटान पीड़ितो में जिनका नाम सूची से बाहर निकाल दिया गया है । कटान पीड़ितों ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से कटान पीड़ितों के लिये जमीन खरीदने के नाम पर हुए भ्रष्टाचार और अपात्रों को सूची में शामिल करने वालो के खिलाफ जांच कराकर कठोर दंडनात्मक कार्यवाही की मांग की  है जिससे इस भ्रष्टाचार पर अंकुश  लगाया जा सके ।