Breaking News

मुख्यमंत्री जी इन पर भी लागू कीजिये स्थानांतरण पॉलिसी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित स्थानांतरण नीति में संशोधन करके हट माध्यमिक शिक्षा मंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री ने संयुक्त रूप से स्थानांतरण की जो नीति तैयार की है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम होगी । इन दोनों मंत्रियों की दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभागों में कुंडली मारकर भ्रष्टाचार फैलाने वाले बाबुओं का कॉकस इस बार टूट पाया है । ऐसी ही नीति अन्य विभागों में लागू होनी चाहिये जिससे दशकों से या 5 वर्ष से अधिक समय से जमे कर्मियों या अधिकारियों को हटाया जा सके ।

कमाऊ पूत को स्थानांतरण नीति में क्या मिली है छूट ?

सरकार को राजस्व सबसे ज्यादे देने वाले विभागों में आबकारी विभाग का स्थान सर्वोपरि है । यह कटु सत्य है जहां आमदनी ज्यादे होती है, वहां भ्रष्टाचार के भी अधिक होने की प्रबल संभावना होती है । ऐसी जगहों पर भ्रष्टाचार अपनी जड़ न जमा पाये इसके लिये जरूरी है कि यहां पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिये एक स्पष्ट स्थानांतरण नीति हो और उसका कड़ाई के साथ अनुपालन भी सुनिश्चित हो । लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस विभाग में स्थानांतरण नीति का पालन हो ही नही रहा है । सूत्रों की माने तो इस विभाग में लगभग तीन दर्जन जिला आबकारी अधिकारी ऐसे है जो 4 से 6 सालों से एक ही जनपद में जमे हुए है,जिनका स्थानांतरण नही होता है । जबकि नियमतः 3 साल बाद इनका तबादला हो जाना चाहिये था ।

बेसिक का वित्त व लेखा अनुभाग, नही होता है तबादला

दूसरा विभाग  बेसिक व माध्यमिक का वित्त व लेखा अनुभाग है जिसके कार्मिकों के ऊपर जैसे स्थानांतरण नीति लागू ही नही होती है। इस विभाग में पटल देखने वाले बाबू 15 साल , 20 साल से एक ही जगह जमे हुए है । इस वर्ष इस विभाग में 10 प्रतिशत स्थानांतरण के आदेश का पालन किया गया है । इस आदेश से सिर्फ उन्हीं लोगों का स्थानांतरण हो पाया है जो 25 साल से अधिक समय से एक ही जगह जमे हुए थे । जबकि इस विभाग में भी माध्यमिक व बेसिक शिक्षा की तरफ स्थानांतरण का झाड़ू चलाकर सफाई जरूरी है । इस विभाग में बलिया जनपद में ही दो बाबू ऐसे है जो बेसिक शिक्षा का कार्य 15 से 20 सालों से देख रहे है,इनका तबादला होता ही नही है ।

खाद्य सुरक्षा व औषधि प्रशासन में नही है कोई नीति

ऐसा ही एक विभाग है खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रसाधन का जिनमे तैनात बाबू भी 25 साल से जमे हुए है । बलिया में तो औषधि प्रसाधन का पटल देखने वाले बाबू को लोग ड्रग इंस्पेक्टर ही समझते है । इनके खौफ से दवा व्यवसायियों में दहशत रहती है । इनका तबादला किसी नीति में है ही नही ।





लेखा कार्मिकों का पटल परिवर्तन किये जाने का आदेश सिर्फ कागजों में

राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद ने पूरे प्रदेश के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं में कार्यरत संविदा/आउट सोर्सिंग कार्मिकों के पटल परिवर्तन के लिये आदेश देते हुए 30 जून 2022 को अंतिम तिथि घोषित की थी लेकिन बलिया में इस आदेश का अनुपालन हुआ ही नही है ।

राज्य परियोजना निदेशक ने 27 जून 2022 को लिखे अपने पत्र में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया था कि समग्र शिक्षा के अन्तर्गत प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाये यथा ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत, शारदा, समर्थ, दीक्षा, मध्यान्ह भोजन योजना संचालित की जा रही है। उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण हेतु समग्र शिक्षा के अन्तर्गत नितान्त अस्थायी रूप से सृजित पदों के सापेक्ष मण्डल / जिला / ब्लाक स्तरीय कार्यालयों में आउटसोसिंग के माध्यम से कार्मिकों एवं लेखा कार्मिकों को संविदा पर आबद्ध किया गया है।


उक्त के अनुक्रम में आपको निर्देशित किया जाता है कि मण्डल / जिला स्तरीय कार्यालय में कार्यरत कार्मिकों व लेखा कार्मिकों जिनको एक ही पटल / ब्लाक पर 03 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूर्ण हो गया है, उनके पटल / ब्लाक परिवर्तन की कार्यवाही दिनांक 30.06.2022 तक अनिवार्यत पूर्ण करते हुये कृत कार्यवाही की सूचना संलग्न प्रारूप ई-मेल 22@gmail.com पर दिनांक 02.07.2022 तक प्रत्येक दशा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।उपरोक्त निर्देशों का समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।