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न्यायालय का स्थगन आदेश भी नही मानते तहसीलदार बैरिया,पीड़ित से सादे कागज पर जबरिया लिया हस्ताक्षर, एसडीएम करेंगे जांच

 


बैरिया बलिया ।।बैरिया के नवागत तहसीलदार शैलेष चौधरी के कार्य पद्धति पर रोज सवाल खड़े हो रहे है।पहले समाधान दिवस में बेटी के अपहरण की शिकायत करने वाले को समाधान दिवस के बदले थाने में जाने को कहने,गरीब सवर्णो को 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए प्रमाण पत्र जारी करने में हीलाहवाली के आरोप के लगने के बाद अब नारायणगढ़ गांव में दीवानी न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद उस जमीन को एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को पट्टा देने के आरोप के घेरे में आ गये है । इनकी कार्यप्रणाली को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है।



बता दे कि नारायणगढ़ निवासी सुदर्शन ठाकुर ने उपजिलाधिकारी को शुक्रवार को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया है कि गुरुवार को तहसीलदार शैलेश चौधरी मौके पर पहुंचे और जिस जमीन पर हम लोग वर्षो से बसे है उसे खाली करने को कहने लगे।जब हम लोगों ने बताया कि इस प्रकरण पर दीवानी न्यायालय का स्थगन आदेश है इसके बावजूद उन्होंने जबरन हम लोगों से सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर उस जमीन को किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को आवंटित कर दिए है।






इस घटना की सूचना मिलने पर जब अमर उजाला के पत्रकार विश्वनाथ तिवारी घटना स्थल पर पहुंचे और तहसीलदार से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने लगे तो तहसील भड़क गये और श्री तिवारी से भी उलझने और अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने लगे । जब पत्रकारों द्वारा भी इनका विरोध जबरदस्त तरीके से किया जाने लगा तो अपनी हद में वापस लौटे ।

 श्री तिवारी ने तहसीलदार से कहा कि आप माननीय न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद जमीन पर से काबिज व्यक्ति को बेदखल कैसे कर सकते है ? आप को किसने अधिकार दिया कि आप सादे कागज पर किसी व्यक्ति का उसकी मर्जी के खिलाफ हस्ताक्षर ले ले ? पत्रकारों के तीखे सवालों से तहसीलदार का कानूनी ज्ञान बगले झांकने लगा । श्री तिवारी ने माननीय न्यायालय के स्थगन आदेश को मानने से इंकार करने वाले तहसीलदार बैरिया के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है ।



इस प्रकरण को लेकर तहसीलदार के साथ पत्रकारों की झड़प की सूचना पाते ही मौके पर पहुंचे एसडीएम आत्रेय मिश्र ने स्वयं मामले की जांच की बात कहकर मामले को शान्त कराया।इस बाबत पूंछने पर एसडीएम आत्रेय मिश्र ने बताया कि इस प्रकरण का मैं स्वयं जांच करूँगा जांचोपरांत उचित कार्रवाई करूँगा।