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अजीब दास्तान,5 कमरों में चलते है 3 प्राथमिक और एक उच्च प्राथमिक विद्यालय, 400 बच्चो को पढ़ाते है 14 अध्यापक,9 आंगनबाड़ी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक तरफ सरकार प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षण से लेकर आवश्यक साजोसामान से सुसज्जित करने के लिये प्रयासरत है । वही बलिया जनपद के तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही कहे या उदासीनता,जिला प्रशासन के अधिकारियों की पर्यवेक्षण की लापरवाही कहे, गंगा और घाघरा की कटान से पीड़ितों को एक तरफ आशियाने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ इनके बच्चो को माकूल प्राथमिक शिक्षा भी बलिया का जिला प्रशासन नही दे पा रहा है ।



यह कितनी बड़ी लापरवाही है कि एक एक कमरे में 3 प्राथमिक विद्यालय के कक्षा1 से 5 तक के और एक कमरे में उच्च प्राथमिक के कक्षा6 से 8 तक के बच्चे पढ़ाई कर रहे है । यह दृश्य बतलाता है कि गरीबो के बच्चो को अच्छी शिक्षा देने के लिये तत्कालीन बेसिक शिक्षा के अधिकारी कितने तत्पर रहे है । बता दे कि इन चारों विद्यालयों पर 4 प्रधानाध्यापकों समेत कुल 14 अध्यापक,9 आंगनबाड़ी,9 रसोइयां तैनात है । कागजी तौर पर यहां लगभग 400 छात्र/छात्राएं अध्ययन रत है । निरीक्षण में बीएसए मनीराम सिंह को अध्यापकों और आंगनवाड़ीयो के बैठने के लिये कुल 23 कुर्सी भी नही मिली । बता दे कि 2013 से कटान में अस्तित्व खो चुके इन प्राथमिक विद्यालयों पर प्रतिवर्ष के मेंटिनेंस पर भी धनराशि व्यय हो रही होगी,इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता है । इसकी जांच होनी चाहिये ।





बता दे कि इन विसंगतियों की शिकायत स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह की शिकायत पर बेसिक शिक्षा विभाग,उत्तर प्रदेश के निदेशक कुंवर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह के आदेश व जिला अधिकारी,बलिया सौम्या अग्रवाल के निर्देश पर आज 20 जुलाई 2022 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी,बलिया मनीराम सिंह प्राथमिक विद्यालय सुघर छपरा शिक्षा क्षेत्र बैरिया पर पहुंचे व लगभग 1 घंटे तक निरीक्षण किया ।श्री सिंह ने निरीक्षण के बाद में माना कि इस विद्यालय की स्थिति काफी गंभीर है।





बताते चलें कि कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि विनोद सिंह ने निदेशक बेसिक शिक्षा और जिला अधिकारी बलिया से यह शिकायत की थी कि प्राथमिक विद्यालय सुघर छपरा पर तीन  प्राथमिक विद्यालय सुघर छपरा,श्रीनगर,और गंगौली और चौथा विद्यालय उच्च प्राथमिक विद्यालय सुघरछपरा संचालित हो रहा हैं। चार चार विद्यालय और मात्र 5 कमरे हैं । यानी एक विद्यालय को एक कमरा । इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक एक कमरे में बच्चे कैसे बैठते है और पढ़ते है ।श्री सिंह ने कहा कि यह लगभग 3 वर्षों से इन विद्यालयों के निर्माण की लड़ाई जनपद स्तर से लेकर शासन स्तर तक लड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012-13 से ग्राम सभा केहरपुर अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय श्रीनगर;प्राथमिक विद्यालय गंगौली;उच्च प्राथमिक विद्यालय,सुघरछपरा गंगा नदी में विलीन हो गए हैं।इसके अतिरिक्त विकासखंड बैरिया,बेलहरी और रेवती के अन्य 8 विद्यालय यानी कुल 1 दर्जन परिषदीय विद्यालय गंगा व घाघरा नदी में इन 8 वर्षों में विलीन हो गए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने कांग्रेस नेता को भरोसा दिलाया कि वह जिलाधिकारी से वार्ता कर नदी में विलीन इन विद्यालयों के भवनों का निर्माण अवश्य करेंगे।इस अवसर पर ग्राम ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजेंद्र सिंह,क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय मिश्रा सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित थे।