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उद्यान मंत्री ने जिला उद्यान अधिकारी को निलम्बित करने के दिए निर्देश

 


विभागीय दिशा-निर्देशों व योजनाओं की प्रगति की जानकारी तक नहीं होने पर की कार्रवाई


बलिया: प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने जिला उद्यान अधिकारी नेपाल राम को निलंबित करने के निर्देश दिए। शनिवार को उद्यान कार्यालय के निरीक्षण के दौरान विभागीय दिशा-निर्देश व योजनाओं की प्रगति के बाबत कोई जानकारी नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने यह कार्रवाई की।


दरअसल, उद्यान मंत्री ने उद्यान विभाग की योजना के संबंध में पूछताछ की तो जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि मुझे कोई जानकारी नहीं है। जबकि मौके पर ही उनके मोबाइल में व्हाट्सएप पर विभागीय अधिकारियों के निर्देश देखे गए। इस लापरवाही व मनमाना रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए उद्यान मंत्री ने जिला उद्यान अधिकारी को निलंबित करने की बात कही। अन्य विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्यान विभाग की योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।





उद्यान मंत्री ने कहा एक महीने पहले ही सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि प्रत्येक सप्ताह में एक दिन क्षेत्र में निकलें और विभाग की योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करें। न्याय पंचायतवार गोष्ठी चौपाल के कार्यक्रम पूर्व नियोजित करके अपने उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी अत्यंत सरलतम भाषा में दी जाए, जिससे किसान यह समझ सकें कि उद्यान विभाग की ओर से उनके हित में क्या-क्या कार्य हो सकते हैं। किसानों को यह महसूस हो कि उद्यान विभाग किसानों के हित के लिए सक्रिय है। यह क्रम तब तक चले, जब तक सभी जनपदों की सभी न्याय पंचायतो में यह पहला चक्र पूर्ण न हो जाए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 100 दिन का समय दिया गया है।


आधा समय कार्यालय तो आधा फील्ड में गुजारें अधिकारी


उद्यान मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लक्ष्य को पूरा करना ही होगा। अगर सप्ताह में एक दिन निकलने से लक्ष्य पूर्ण नहीं किया जा सकता तो सप्ताह में दो दिन या तीन दिन क्षेत्र में निकलें। आधा दिन कार्यालय और आधा दिन क्षेत्र में किसानों, शिक्षित बेरोज़गार, नौजवानों के बीच जाकर विभाग की ओर से संचालित योजनाओं से लाभान्वित होने की जानकारी दें। उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री जनहित के लिए 18 घंटे काम कर रहे हैं तो अधिकारी भी वातानुकूलित कक्षों से बाहर निकलकर व्यापक जनहित कार्य करें।इसके बाद उन्होंने मंडी समिति का भी निरीक्षण किया। वहां व्यवस्थाओं के संबंध में पूछताछ की।