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सीएम योगी ने ऑनलाइन किया 11 लाख लोगों के बीच घरौनी का वितरण,रजिस्ट्री के समय ही नाम चढ़ाने का राजस्व विभाग को दिया सुझाव

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। राजस्व मामलों के विवाद में सबसे ज्यादे विवाद जमीन पर कब्जेदारी को लेकर ही होते है । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पहले कार्यकाल से ही भू विवादों को कम करने के लिये प्रयासरत है । सीएम योगी ने इसी के क्रम में घरौनी बनाने का एक अभियान चलाया हुआ है । सब से ज्यादे विवाद ग्राम समाज आदि की जमीनों पर दशकों से बसे गरीब परिवारों का आवास की जमीन पर नाम न होने से होता है । दबंग हमेशा इनके घर की जमीन पर कब्जा करने के लिये घात लगाये रहते है । सीएम योगी ने इस परेशानी को दूर करने के लिये घरौनी बनाने का अभियान शुरू कराया है । शनिवार को 11 लाख घरौनी यानी ग्रामीण आवासीय अभिलेख ,सीएम योगी ने ऑनलाइन वितरण किया ।



ग्रामीण अंचलों में झगड़े होंगे कम,लोन मिलना होगा आसान

सीएम योगी ने कहा कि घरौनी के बन जाने से ग्रामीणों के बीच गांव में जमीन को लेकर झगड़ा समाप्त होगा, जबकि आवासीय पट्टा मिलने से इनके लिए लोन लेना भी आसान हो जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोक भवन में 11 लाख ग्रामीणों को घरौनी प्रदान की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इनको स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अधिकार अभिलेख (घरौनी) का वितरण किया। इस दौरान लोक भवन में सीएम योगी ने दस ग्रामीणों को घरौनी दी, बाकी को जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर आनलाइन वितरित किया गया। राजस्व विभाग की ओर से इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं।





आत्मनिर्भर भारत ही नही,आत्मनिर्भर प्रदेश व जनपद भी है बनाना

उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बड़ी सौगात दी। 11 लाख ग्रामीणों को उनके आवास का डिजिटली प्रमाण पत्र दिया गया। इस आवासीय पट्टा के जरिए इनका लोन लेना आसान हो गया। इनके प्रमाण पत्र स्वामित्व योजना के तहत प्रमाण पत्र बने हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तर प्रदेश में अब 34 लाख लोगों के पास आवासीय पट्टा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के ग्रामीण आवासीय अभिलेख (घरौनी) वितरण कार्यक्रम में सभी लाभार्थीगण, प्रदेश के सभी 350 तहसील मुख्यालयों पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिनिधिगणों का मैं हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं। हमें आत्मनिर्भर भारत ही नहीं, आत्मनिर्भर प्रदेश व आत्मनिर्भर जनपद भी बनाना होगा। प्रदेश व जनपद को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान गांव और नगर निकायों से आगे बढ़ेगा।मैं राजस्व परिषद से कहूंगा कि प्राथमिकता के आधार पर लैंड रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज करें। यह भी सुनिश्चित करें कि अब छह वर्ष की खतौनी के इंतजार को समाप्त करते हुए जब किसी व्यक्ति के द्वारा जमीन बेची जा रही है, उसी समय उसका नाम खतौनी में दर्ज कराने का प्रावधान भी करें।

उन्होंने कहा कि पहले जब गरीब का मकान टूटता था तो गांव में कोई दबंग उसको फिर से मकान बनाने नहीं देता था। आज इस पर पूर्ण विराम लगाते हुए तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। अब ड्रोन सर्वे के माध्यम से जमीन की पैमाइश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं, जिनके प्रयास से पूरे देश में अप्रैल, 2020 में ग्रामीण आवासीय अभिलेख उपलब्ध कराने का अभिनव कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। प्रदेश में अब तक 34 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी वितरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। हम भारत के संविधान के अनुरूप भारत के लोकतंत्र को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। इस संकल्प के साथ घरौनी वितरण का यह कार्यक्रम भारत के लोकतंत्र के इतिहास का एक बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव है। आज के इस कार्यक्रम के साथ ही अब उत्तर प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के 34 लाख परिवार ऐसे होंगे जिनके पास अपनी जमीन का आवासीय पट्टा भी उनके नाम पर होगा, वह उसके नाम पर अपना व्यवसाय, बैंक से लोन लेने जैसे कार्यों को करा सकते हैं।

जमीन की रजिस्ट्री के समय ही नाम दर्ज करने का प्रयास करना हो शुरू

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की तरफ से अक्टूबर 2023 तक सभी ग्रामीणों को घरौनी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब तक 23 लाख परिवारों को पहले घरौनी चुकी है, इस तरह अब तक कुल 34 लाख ग्रामीण परिवारों को घरौनी दी जा चुकी है। अब कोई दबंग किसी गरीब की जमीन पर कहीं पर भी जबरन कब्जा नहीं कर सकेगा। राज्य सरकार ने पांच वर्षों में एंटी भू माफिया टास्क फोर्स की मदद से 64 हजार हेक्टेयर भूमि भू माफियाओं से मुक्त कराई है। अब जमीन बेचने पर ही खतौनी में नाम दर्ज हो जाएगा। एक व्यक्ति कई लोगों को जमीन बेचकर धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग और राजस्व विभाग मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। जनता दर्शन में 50 प्रतिशत मामले भूमि से जुड़े विवादों के ही होते हैं। वरासत की समस्या का समाधान भी प्राथमिकता पर किया जाएगा। कार्यक्रम में राजस्व राज्यमंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा और राजस्व परिषद के अध्यक्ष सुनील मित्तल आदि मौजूद थे।