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पठन - पाठन की संस्कृति एवं लघु पत्रिकाएं,विषयक संगोष्ठी के साथ संकल्प सृजन के द्वितीय अंक का हुआ लोकार्पण

 



बलिया ।। लघु पत्रिकाएं अपने कलेवर में भले ही लघु हों लेकिन  अपने उद्देश्य और सामाजिक सरोकारों  के कारण ये  हमेशा  बड़ी होती हैं । उपरोक्त बातें जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफेसर यशवंत सिंह ने साहित्य , कला और संस्कृति की त्रैमासिक पत्रिका संकल्प सृजन के दूसरे अंक के लोकार्पण के अवसर पर कही । उन्होंने कहा कि बलिया से प्रकाशित संकल्प सृजन जैसी पत्रिकाओं की आज बहुत जरूरत है । साथ ही उन्होंने के कहा कि जो भी लोग साहित्य से जुड़े हैं और सक्षम हैं उन्हें आगे आकर इस पत्रिका को सहयोग करना चाहिए। 

बता दे कि 20 मई शुक्रवार को देर शाम संकल्प के मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर संकल्प सृजन पत्रिका का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एक गोष्ठी भी आयोजित की गई। " पठन - पाठन की संस्कृति एवं लघु पत्रिकाएं " विषय पर बतौर मुख्य वक्ता आखर के संस्थापक सदस्य संजय सिंह ने कहा कि संकल्प सृजन जैसी पत्रिकाओं की आज बहुत जरूरत है । बदलते हुए समाज में सांस्कृतिक मूल्य तेजी से गिर रहे हैं । पढ़ने की संस्कृति खत्म होती जा रही है।ऐसी स्थिति में समाज के जागरूक लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि साहित्य कला और संस्कृति के क्षेत्र में हस्तक्षेप करे और समाज को एक दिशा दे। छोटे - छोटे प्रयासों से समाज में बड़े बदलाव होते है । 





कुंवर सिंह पीजी कॉलेज के राजनीति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राजेंद्र प्रसाद पटेल ने कहा कि आज के समय में हम सिर्फ तथ्यों को रटकर परीक्षा पास करने तक सीमित हो गये हैं । हमारे अंदर विश्लेषण करने की क्षमता खत्म होती  जा रही है। विश्लेषण करने , सोचने समझने की क्षमता विभिन्न किताबों , पत्र पत्रिकाओं के पढ़ने से आती है । अफसोस कि समाज से पढ़ने पढ़ाने की प्रवृत्ति घटती जा रही है। इसका खामियाजा पूरा समाज भुगत रहा है । खासकर युवा पीढ़ी मनुष्य से मशीन बनने की प्रक्रिया में है । यह भविष्य के लिए ठीक संकेत नहीं ।  समय - समय  पर जब भी आवश्यकता पड़ी है समाज को बेहतर बनाने में लघु पत्रिकाओं ने अपनी भूमिका निभाई है । संकल्प सृजन से भी बहुत उम्मीद है ।

 कार्यक्रम का संचालन कर रहे पत्रिका के सम्पादक आशीष त्रिवेदी ने कहा कि हमने एक पहल की है जरुरी है कि साहित्य,  कला, संस्कृति और समाज के जागरूक लोग आगे आएं और इस पत्रिका को विस्तार देने में अपनी भूमिका का निर्वहन करें।  कवि समीक्षक और पत्रिका के सम्पादक मंडल के सदस्य रामजी तिवारी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि इस पत्रिका की गुणवत्ता बनाए रखते हुए निरन्तर प्रकाशित करते रहें । पाठकों के सुझाव का हम स्वागत करते हैं ।  

इस अवसर पर सम्पादक मंडल के सदस्य शुभनीत कौशिक , मनजीत सिंह , अजय कुमार पाण्डेय ,  कवि श्वेतांक सिंह , आशुतोष तोमर , तारकेश्वर पासवान , आनन्द कुमार चौहान , ट्विंकल गुप्ता , अनुपम , राहुल , अखिलेश इत्यादि दर्जनों लोग उपस्थित रहे ।