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संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर, भी थे एक पत्रकार



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। डॉक्टर भीमराव आंबेडकर को हम संविधान निर्माता के तौर पर जानते हैं। यही छवि भारत वासियों के दिलो-दिमाग में बसी है, लेकिन संविधान निर्माता होने से पहले वह एक प्रखर पत्रकार भी थे इस बात को देश दुनिया ने भुला दिया। 

अंबेडकर ने चार अखबारों का सफलतापूर्वक संपादन किया। वह एक सक्रिय पत्रकार थे और स्वयं संपादकीय लिखते थे। इन अखबारों में मूकनायक ,जनता और प्रबुद्ध भारत इत्यादि शामिल है। यह अलग बात है कि तबके मराठी पत्रकारिता ने इन अखबारों की राह में अनेक रोड़े बिछाते हुए इन की राह कठिन कर दी और डॉ आंबेडकर इन अखबारों को ज्यादे दिन तक प्रकाशित न कर सके।




 स्वतंत्र पत्रकार एवं यूट्यूबर विजय कुमार बताते हैं कि, जो लोग बाबा साहब की लेखनी से परिचित हैं वह इस बात को भलीभांति समझते हैं की उनको सरस्वती का किस कदर वरदहस्त प्राप्त था। उनके संपादकीय लिखने का तौर तरीका आज भी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए किसी महान ग्रंथ से कम नहीं है। उनकी लेखनी का जादू ही था की 1920 में शुरू किए गए उनके अखबार लोकनायक के लिए छत्रपति शाहू महाराज द्वारा 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी गई । आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं की 1920 के 2500 रुपये आज के लाखों के बराबर हैं। 

कालांतर में जब भारत आजाद हुआ तब संविधान समिति के सदस्यों ने प्रस्ताव रखा कि पत्रकारों ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है ,इस लिये इनके लिए कुछ खास किया जाए। इस पर बाबासाहेब ने तर्क दिया कि देश के सभी नागरिकों को अधिकार दिए जा रहे हैं ऐसे में पत्रकारों के लिए अलग से कुछ करने की क्या आवश्यकता है  और बात खत्म हो गई। पत्रकारों को कुछ नहीं मिला।

 पत्रकारिता के हर सुख-दुख से गुजर चुके बाबासाहेब ने ऐसा क्यों किया, यह एक शोध का विषय है।संभव है तब के चर्चित अखबारों ने जो सलूक बाबा साहब के साथ किया,बाबा साहब भांप गये कि ये जब बिना अधिकार के सच्ची पत्रकारिता और इसको करने वाले पत्रकार को पत्रकार ही नही मान रहे है तो अगर इनको विशेष अधिकार दे दिया जाएगा तो और उदंड हो जायेंगे । संभवतः यही सोचकर पत्रकारों को विशेष दर्जा नही दिये ।

1947 में जो बाबा साहब ने सोचा था, वह सच हो रहा है । पत्रकारिता मिशन से कमीशन की तरफ बढ़ चुकी है । मिशन की पत्रकारिता करने वालो को मीडिया संस्थान बाहर का रास्ता दिखा रहे है और चाटुकारिता की पत्रकारिता करने वालो को महिमा मंडित कर रहे है ।