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नईदिल्ली ,बलिया से लेकर पूरे देश मे चंद्रशेखर को समर्थको ने दी 95 वे जन्मदिन पर श्रद्धांजलि, कहा-चंद्रशेखर व्यक्ति नही विचार है



मधुसूदन सिंह

 नईदिल्ली /बलिया : देश के प्रथम समाजवादी प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 95वीं जयंती रविवार को नईदिल्ली और बलिया दोनों जगह शिद्दत से मनायी गई। इसके साथ ही देश भर में उनके अनुयायियों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया। मुख्य आयोजन उनकी समाधि स्थल, जननायक स्थल, विजय घाट पर पुष्पांजलि सभा के रुप में आयोजित हुआ। इसके अलावा बलिया के चंद्रशेखर उद्यान में सजपा (राष्ट्रीय) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह और रविशंकर सिंह पप्पू (एमएलसी व चंद्रशेखर जी के पौत्र ) की अगुवाई में सर्वधर्म सभा के रूप में मनायी गयी । वही स्व चंद्रशेखर जी के आवास चंद्रशेखर नगर स्थित झोपड़ी पर सैंड आर्टिस्ट रूपेश सिंह द्वारा बनायी गयी चंद्रशेखर जी की तस्वीर के संग मनायी गयी ।




बता दे कि दिल्ली के विजय घाट पर जननायक स्थल जो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी का समाधि स्थल है, पर सुबह से ही लोगों के आने और पुष्पांजलि अर्पित करने का दौर प्रारंभ हो गया था। पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र राज्यसभा सांसद नीरज शेखर सपरिवार सभी के सम्मान में खड़े रहे।


पूर्व प्रधानमंत्री को पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, राज्यसभा सांसद अशोक वाजपेयी, उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार अरुण कुमार सिंह,पुत्रबधू डा. सुषमा शेखर सहित बलिया और दिल्ली सहित देश भर से आए सैकड़ों विशिष्ट जन मौजूद थे। सभी आगंतुकों का आव भगत सम्मान राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने किया।

झोपड़ी पर सैंड आर्टिस्ट ने उकेरी चंद्रशेखर जी की जीवंत आकृति



 

बलिया : पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 95वीं जयंती रविवार को पूरे देश में आयोजित की गई। इसी क्रम में चंद्रशेखर नगर झोपड़ी पर जयंती विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। सेंड आर्टिस्ट रुपेश सिंह ने जयंती पर चित्र बनाया। सभी ने उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। सभी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।




गोष्ठी के मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने कहा कि आज हम ऐसे व्यक्तित्व को नमन करने इकट्ठा हुए हैं जिन्हें पूरी दुनिया जानती है। जहां सभी बातें शून्य हो जाती हैं वहां से चंद्रशेखर जी सोचना शुरू करते थे। कहा देश भर में बलिया की पहचान चंद्रशेखर की बलिया के रुप में होता है यह सम्मान की बात है. सरकार सदन में चंद्रशेखर जी की राय पर कार्ययोजना चलाती थी। चंद्रशेखर जी के हनक से बलिया पर आंख उठाने का साहस कोई नहीं कर पाया। कहा चंद्रशेखर जी ने पूरी दुनिया में कुर्ता धोती को पहचान दिलाई। लोगो के बीच बलिया की मिट्टी की पहचान चंद्रशेखर जी से और मजबूत हुई। 

चंद्रशेखर उद्यान में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सर्व धर्म श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर स्व चंद्रशेखर जी को लोगो ने अपने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किया । सजपा (राष्ट्रीय) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर जी व्यक्ति नही एक विचार है । राजनीति पर दिये गये उनके विचार आज भी प्रासंगिक है । यही कारण है कि शरीर से उपस्थित न होते हुए भी चंद्रशेखर जी आज भी करोड़ो समर्थको के दिलो में वास कर रहे है ।

स्व चंद्रशेखर जी के पौत्र और एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू ने कहा कि भले ही बाबा हम लोगों के बीच नही है लेकिन मुझे जब भी राजनीति में कुछ सीखने जानने की इच्छा होती है तो मैं बाबा के साथ बिताये गये पल को याद कर लेता हूँ, उनके विचारों को याद कर लेता हूँ,तो मुझे एक ऊर्जा और सम्बल मिल जाता है ।





 अरविन्द सिंह सेंगर ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी बात शुरू की। कहा कि अस्सी के दशक के बाद जितने प्रधानमंत्री हुए सभी चंद्रशेखर जी से डरते थे। सीधे देश का प्रधानमंत्री बनना बड़ी बात है। चंद्रशेखर जी ने राजीव गांधी के आग्रह को अस्वीकार किया। कहा कि चंद्रशेखर जी जिन दर्जन भर लोगों को ज्यादा मानते थे मैं उनमें शामिल हूं। सेंगर ने अपने साथ के संस्मरणों को बताया। 

विचार गोष्ठी को पत्रकार शशिकांत ओझा, विकास, आशुतोष तोमर, संजीव कुमार डंपू, राजेश गुप्ता, उपेन्द्र सिंह ने संबोधित किया। विचार गोष्ठी में..संतोष तिवारी ,संतोष चौबे ,रुस्तम अली मनोज शर्मा ,सुधीर कुमार सिंह ,नवीन सिंह ,राहुल सिंह ,कमलेश सिंह,.अमित गिरी ,.निर्भय सिंह संतोष सिंह किसान, विकास सिंह ,अखिलेश सिंह ,राजेश सिंह आदि लोग मौजूद थे। अध्यक्षता रूदल सिंह और संचालन प्रदीप कुमार यादव ने किया।



चंद्रशेखर उद्यान में एक पेंटिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । छात्र छात्राओं ने चंद्रशेखर जी के विभिन्न रूपों को अपनी तूलिका से हूं बहूं उतारने का सफल प्रयास किया । रविशंकर सिंह पप्पू ने चित्रकारों को सम्मानित किया । बंटी वर्मा ने और सिख पंथ के गायकों ने अपने शब्द कीर्तन भजन से श्रोताओं को आनंदित किया ।