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सुप्रसिद्ध बाल-मनोचिकित्सक सलोनी प्रिया ने छात्र छात्राओं को सिखाया सकारात्मकता और संतुलन का मूलमंत्र



बलिया ।। सनबीम स्कूल बलिया के प्रांगण में आज प्रसिद्ध बाल मनोचिकित्सक सलोनी प्रिया के द्वारा छात्रों के साथ  एक अनोखे, अद्भुत और सबसे जुदा हर किसी के चित्त में गहराई से उतर जाने वाला कार्यशाला का आयोजन किया गया । आधुनिक तकनीक से लैस व परिष्कृत शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ कक्षा 10वीं व 12वीं के बच्चों की  मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन कर जोश और जुनून से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उड़ान भरते हुए अपने ऐच्छिक ऊचाइयों को छू लेने के जज़्बे का मूल मंत्र सिखाया । 

       दो दिवसीय कार्यशाला का आज पहला सेमिनार और संवाद सीधे छात्रों से था और आज पहले ही  सत्र में अपने प्रभावी वाक्यशैली, ओजित व्यक्तित्व, मृदुल व्यवहार व चयनित चमत्कारिक शब्दों से सजी सारगर्भित वाणी से छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया। छात्रों की बारंबार करतल ध्वनि से समूचा हाल गूंज उठता था। विश्व के अनेक देशों में 50 हजार से अधिक शिक्षकों को कार्यशाला, सेमिनार व काउंसलिंग के माध्यम से प्रशिक्षित करने का श्रेय लेने वाली श्रीमती प्रिया ने वैश्विक महामारी कोरोना  से उपजे हालात  व उससे मिले अवसर में  बच्चों को सफलता के मार्ग पर कैसे मानसिक संतुलन स्वआत्मविश्वास  और संयम का दृढता से पालन करते हुए चलना चाहिये,को विस्तार से समझाया । निर्बाध 2 घंटे चले कार्यक्रम में उन्होंने सफलता के अनेक उदाहरण दिए। आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ कैरियर चुनाव से संबंधित सभी विकल्पों पर विस्तार से प्रकाश डाला । 




 कहा कि  विशाल आबादी वाले देश चीन पश्चिम देशों के धनबल के सापेक्ष मानव पूंजी का प्रयोग कर आज विश्व में विकसित देशों की कतार में खड़ा सभी को चुनौती दे रहा है। दूसरी सर्वाधिक आबादी वाला हमारा देश भारत भी स्वावलंबी बनता हुआ विश्व पटल पर नित नये बुलंदियों को छू रहा है। हमें अपने देश की परंपरा व पहचान को कदापि नहीं भूलना चाहिए। यह देश विश्व गुरु है और इसकी प्रासंगिकता आप सभी लोगों के हाथ बनी रहनी चाहिए। बच्चों ने उनसे अनेक सवालों के जवाब मांगे। कक्षा 12वीं की एनसीसी की छात्रा पलक गुप्ता व श्रेया चतुर्वेदी का प्रश्न प्रशंसनीय रहा। अनेक बच्चों के उलझे प्रश्नों का उन्होंने संजीदगी  व सटीकता से प्रत्युत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया। 

     कार्यक्रम के प्रारंभ में विद्यालय के डायरेक्टर डॉ कुंवर अरुण सिंह ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया।  उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि तनावमुक्त बचपन आप सभी का जन्मसिद्ध अधिकार है इसलिए हमेशा निडर होकर अपने हौसलों की उड़ान भरिए ,लक्ष्य तो आपको हासिल होना ही है। बस आवश्यकता है निडरता से सतत प्रयास करते रहने की और यही  हमारी सफलता का असली मूलमंत्र भी है। प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने समय की चुनौती को स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ने का आह्वान किया। 

इस अवसर पर एडमिन संतोष कुमार चतुर्वेदी , हेडमिस्ट्रेस ज्योत्सना तिवारी, कोआर्डिनेटर डॉ आर बी दुबे, स्नेहा सिंह ,शहर बानो ,नीतू पांडे , निधि सिंह व शिक्षक गण मिथिलेश पांडे ,पंकज सिंह ,विशाखा सिंह , डॉ नवचंद्र तिवारी ,मोनिका दुबे, अनूप गुप्ता, राजेश विक्रम सिंह ,सुनील सिंह, स्वाति सिंह, फजलुर्रहमान ,जयप्रकाश यादव आदि थे। एनसीसी के छात्र भी व्यवस्था को सफल बनाने में लगे रहे। संचालन श्रेया चतुर्वेदी व अंशिता पांडे ने  किया । बताते चलें कि दूसरे सत्र में सायं काल श्रीमती प्रिया सलोनी अभिभावकों को संबोधित करेंगी जबकि दूसरे दिन  विद्यालय के शिक्षकों से  रूबरू होंगी।