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फेफना में बसपा का प्रत्याशी घोषित न होने से बढ़ता जा रहा राजनीतिक गलियारों का पारा




 ओम प्रकाश राय 

नरही (बलिया) ।।फेफना विधानसभा क्षेत्र में बसपा द्वारा प्रत्याशी घोषित ना होने के कारण राजनीतिक गलियारों का पारा बढ़ता जा रहा है। भाजपा ने लगातार इस सीट पर दो बार से चुनाव जीत रहे और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे उपेंद्र तिवारी को टिकट दिया है तो वही सपा ने पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे संग्राम सिंह यादव पर ही दांव लगाया है। बसपा का टिकट अब तक घोषित न होने के चलते लोग अपनी-अपनी सोच के अनुसार कौन प्रत्याशियों होगा,का कयास लगा रहे हैं।

बता दें कि इस सीट पर प्रदेश में चाहे कोई भी लहर चल रही हो यहां जातीय समीकरण पर ही प्रत्याशी चुनाव जीतते आ रहे हैं। जातीय समीकरण के चलते ही इस क्षेत्र से पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी लगातार 4 बार (1993-2012 ) विजई रहे थे। 2 दमदार सवर्ण प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने के चलते वो आसानी से चुनाव जीतते गये। इसी समीकरण (गुणा गणित) के चलते यानि अंबिका चौधरी और संग्राम सिंह यादव के लड़ जाने से उपेंद्र तिवारी भी दो बार चुनाव जीते है।



लेकिन इस बार का समीकरण बदला हुआ है । इस बार भाजपा से सवर्ण प्रत्याशी उपेन्द्र तिवारी तो सपा से पिछड़ी जाति के प्रत्याशी संग्राम सिंह यादव मैदान में है । इन दोनों प्रत्याशियों से नाराज लोगो की एक अच्छी खासी संख्या अब बसपा के आने वाले प्रत्याशी का इंतजार कर रही है । वही बसपा का थिंक टैंक भी सपा भाजपा के विरोधियों की संख्या का अनुमान लगा रहा है । सूत्रों की माने तो बसपा ऐसा सर्वमान्य प्रत्याशी देने की तैयारी में है जिसके ऊपर सपा व भाजपा प्रत्याशियों से नाराज लोगो का समर्थन आसानी से मिल जाय । 

अब देखना है कि इस विधानसभा में जनता विकास के नाम पर वोट देती है‌ या फिर जातीय समीकरण ही हावी रहता है। फिलहाल क्षेत्रीय लोगों की नजर बसपा के टिकट पर लगीं हैं कि पार्टी किसी सवर्ण प्रत्याशी को टिकट देती है या पिछड़ा,अनुसूचित, अल्पसंख्यक को।