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पम्मी जैन का फंसना तय,आईटी टीम का दावा :जितना ITR भरते, उससे ज्यादे का है व्यापार

 


लखनऊ ।। महानिदेशक जीएसटी इंटेलिजेंस के बाद अब आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के 'इत्रलोक' यानी कन्नौज में 'ऑपरेशन खुशबू' को अंजाम दिया है ।आयकर विभाग की टीम बीते  38 घंटों से कन्नौज में डेरा डालकर समाजवादी पार्टी के विधानपरिषद सदस्य पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन के घर, फैक्ट्री समेत अन्य ठिकानों पर छानबीन कर रही है ।


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई तीन दिनों तक चलने की बात सामने आ रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम के लिए खाने की व्यवस्था भी को जा चुकी है । आईटी टीम के हवाले से जोर खबर आ रही है,उसके अनुसार जितने का आईटीआर दाखिल किया जाता है,उससे ज्यादे का व्यापार होता है । दूसरे शब्दों में ये कहे कि पीयूष जैन की तरह बच निकलने के सभी रास्तो को आईटी की टीम बन्द कर चुकी है । पम्मी जैन का फंसना तय है ।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पम्पी जैन के घर और फैक्ट्री से आयकर विभाग को कुछ इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस मिले हैं. कुछ दस्तावेजों के मिलने की भी बता कही जा रही है । रविवाद को आयकर विभाग के कुछ और अधिकारी  कन्नौज आ सकते हैं । आयकर विभाग रविवार की देर शाम प्रेस नेट जारी कर पुष्पराज जैन के यहां पड़े छापेमार कार्रवाई के बारे में जानकारी दे सकता है । सपा एमएलसी पम्पी जैन सहित कन्नौज के कई बड़े इत्र कारोबारियों पर आयकर छापे की तैयारी 2 महीने पहले से थी ।





आईटी टीम का दावा :जितना ITR भरते, उससे ज्यादा का है व्यापार

इन इत्र कारोबारियों के व्यापार, टर्नओवर, आईटीआर की गहन छानबीन की जा रही थी. साथ ही कन्नौज, कानपुर से लेकर मुंबई तक फैले उनके बिजनेस का पूरा ब्योरा जुटाया गया. अपनी जांच में केंद्रीय एजेसिंयों ने यह पाया कि ये व्यापारी जितना इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करते हैं, उसकी तुलना में इनका व्यापार कहीं ज्यादा बड़ा है. टैक्स चोरी में इन कारोबारियों के रिश्तेदार भी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त पाए गए थे. जांच एजेंसियों को संदेह है कि कई डमी नामों का प्रयोग कर व्यापार किया जा रहा था, असल में कारोबार के असली मालिक ये इत्र कारोबारी ही थे ।

याकूब के भाई के तीन ठिकानों पर कार्रवाई

आयकर विभाग की 12 टीमों ने राजधानी लखनऊ में तीन स्थानों पर छापेमारी की. एक टीम सुबह 8 बजे प्राग नारायण रोड 45 नंबर मकान पर पहुंची. यह बंगला इत्र कारोबारी याकूब मलिक के भाई मलिक का बताया जा रहा है. यहां दो टीमें शनिवार शाम 4 बजे तक रहीं. दूसरी तरफ हजरतगंज के जनपथ मार्केट स्थित इत्र के एक और कारोबारी के दफ्तर पर छापा मारा गया. दूसरी टीम अवध विहार योजना स्थित उसके घर पर पहुंची. यह कारोबारी कानपुर से जुड़ा है । अवध विहार योजना स्थित मकान में किराएदार मिले, जिसके बाद टीम वहां से भी लौट आई ।

पूर्व जीएसटी कमिश्नर संसारचंद से भी जुड़ा था पुष्पराज जैन का नाम

कानपुर के पूर्व जीएसटी कमिश्नर संसारचंद से भी इत्र कारोबारी पम्पी जैन का नाम जुड़ा था. वर्ष 2018 में संसारचंद को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था । बाद में जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. इस वर्ष जुलाई में सीबीआई ने उन पर भ्रष्टाचार का नया केस दायर किया था । सीबीआई जांच के मुताबिक संसारचंद ने टैक्स चोरी रोकने के बजाय उत्पादक इकाइयों, सेवा प्रदाताओं और बड़ी फर्मों को कर चोरी की खुली छूट दी थी । उसके बदले में मोटा माल लेते थे ।

पम्पी पर तत्कालीन कानपुर GST कमिश्नर को घूस देने का है आरोप 

एमएलसी पुष्पराज जैन पर सीजीएसटी के एक सुपरिटेंडेंट के जरिए संसारचंद को रिश्वत देने का आरोप लगा था । कानपुर की एक बड़ी इस्पात कंपनी से घूस लेने का जिम्मा दूसरे सुपरिटेंडेंट को दिया गया था. आरोप लगा कि एक अन्य सुपरिटेंडेंट घूस के नेटवर्क में पम्पी जैन की मदद करते थे । घूस की कमाई को हवाला कारोबारी के जरिए दिल्ली पहुंचा दिया जाता था. पुष्पराज जैन 2016 में समाजवादी पार्टी के विधानपरिषद सदस्य बने थे ।