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चुनाव आयोग हुआ सख्त : 10 फरवरी से 7 मार्च तक किसी भी ओपिनियन पोल के प्रकाशन/प्रसारण पर लगाया रोक,अब चुनाव के दिन नेताओ के भाषणों के प्रसारण पर भी लगे रोक

 


मधुसूदन सिंह

लखनऊ/बलिया ।। किसी भी मामले में प्राइवेट न्यूज चैनलों द्वारा जज की अघोषित रूप से रुख अख्तियार करके जांच हो या चुनाव हो प्रभावित करने की कोशिशों को भारत चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया है । चुनाव आयोग द्वारा पिछले दिनों हुए चुनावों के दरमियान प्राइवेट न्यूज चैनलों द्वारा प्रत्येक चरण के चुनाव के बाद जो सर्वेक्षण दिखाये जाते थे,वो निश्चित ही आगे के चरणों के चुनावों को प्रभावित करते थे । इस बात को संज्ञान में चुनाव आयोग ने लेकर बड़ा काम किया है । बलिया एक्सप्रेस भी इससे पहले ऐसे सर्वेक्षणों को न दिखाये जाने, और मतदान के दिन अन्य क्षेत्रों में बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार को चुनाव अवधि तक न दिखाये जाने की अपने खबरों के माध्यम से अपील की थी । एक मांग तो पूरी हुई ,अब दूसरी मांग चुनाव के दिन दूसरे क्षेत्रों में प्रचार की शाम तक प्रसारण पर अगर चुनाव आयोग रोक लगा देता है तो इस बार वास्तविक चुनाव हो जाएगा ।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में दिनांक 10 फरवरी, 2022 (गुरुवार) को पूर्वाह 7:00 बजे से दिनांक 07 मार्च 2022 (सोमवार) को अपराह 06:30 बजे तक के बीच की अवधि के दौरान साधारण निर्वाचन के सम्बंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित होगा।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का, ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई व्यक्ति, जो इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, उसे दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से, दंडित किया जा सकेगा।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त, यह भी निर्देश दिये गये हैं कि साधारण निर्वाचनों के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध होगा।