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सबसे बड़ा सवाल : क्या माननीय उच्च न्यायालय व आयुक्त चकबन्दी से भी बड़े है बलिया के सीओ व एसीओ



मधुसूदन सिंह

बलिया।। जहाँ एक तरफ शासन और प्रशासन कोरोना के संक्रमण को बढ़ते देख लोगो को नियम का पालन करने का आदेश दे रहा है, जिलाधिकारी  इन्द्र विक्रम सिंह द्वारा कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आडियो के द्वारा लोगो को वैक्सिनेशन कराने व नियम का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। वही तहसील के एक गांव पर  चकबन्दी अधिकारी सोमवार को कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते दिखे। सवाल यह है कि क्या सीओ व एसीओ माननीय उच्च न्यायालय और आयुक्त चकबन्दी से बड़े है जो इनके आदेश की अवहेलना कर रहे है ।









 ज्ञात हो कि क्षेत्र के चन्दाडीह के 80 प्रतिशत काश्तकारों द्वारा  चकबन्दी विरोध करने  पर उच्च न्यायालय प्रयागराज  के आदेश पर चकबन्दी आयुक्त से काश्तकारों के रकबा के अनुसार चकबन्दी निरस्त करने के सम्बंध में दो माह के अन्दर आख्या देने का आदेश चकबन्दी अधिकारी बलिया को दिये है । बावजूद इस के सीओ द्वारा कोरोना  नियम की धज्जियां उड़ाते हुए लेखपाल रविन्द्र यादव के साथ सोमवार  को  चन्दाडीह पहुँचकर लोगो से  विवादों का निस्तारण करने व चक काटने की बात करने पहुँच गए। जहाँ पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। 

इसकी शिकायत फोन द्वारा  काश्तकारों ने जिलाधिकारी को दिया। सीओ के इस कार्य से  गांव में तनाव व्याप्त है।  काश्तकारों का कहना है कि पूर्व में चकबन्दी हुई है ,लगभग 41 एकड़ जमीन ग्राम समाज की शेष है।  खेत मे जाने के लिए चकरोड व चकनाली भी है। उच्च न्यायालय द्वारा चकबन्दी आयुक्त से दो माह के अन्दर आख्या मांगी गई है। मामला अभी न्यायालय में लम्बित है और आयुक्त द्वारा द्वितीय चरण की प्रकिया निरस्त करने के लिए जिलाधिकारी के माध्यम से एसीओ और सीओ से चकनाली, चकरोड व ग्रामसमाज के भूमि की आख्या मांगी गई है।  इसके बाद भी सीओ, एसीओ    नियम के विरुद्ध चकबंदी करने पर तुले हुए है और गांव के लोगो से चक काटने व खेत इधर- उधर करने के नाम आर्थिक शोषण कर रहे है।