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ओमिक्रोन को लेकर सीएम योगी ने टीम-09 को दिया ये निर्देश

 



ए कुमार

लखनऊ ।।  राज्य सरकार हर एक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए संकल्पित है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। प्रदेश में कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोगों में पैनिक न हों, अतः उन्हें सही, सटीक और समुचित जानकारी दी जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह वैरिएंट पूर्व के वैरिएंट्स की तुलना में बहुत कम नुकसानदेह है। वैक्सीन कवर ले चुके स्वस्थ-सामान्य व्यक्ति के लिए यह बड़ा खतरा नहीं है। कोरोना प्रोटोकॉल का हर हाल में अनुपालन जरूरी है। घबराने और की नहीं, सावधानी की जरूरत है।


 कक्षा 10वीं तक के सभी विद्यालयों में 16 जनवरी तक  अवकाश घोषित किया जाए। कक्षा 11-12 के विद्यार्थियों को केवल टीकाकरण के लिए ही विद्यालय बुलाया जाए।टीकाकरण तिथि व अगले दिवस इन बच्चों को अवकाश दिया जाए। शेष अवधि में 11वीं-12वीं के विद्यार्थियों की कक्षाएं केवल ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जाएं। आंगनबाड़ी के बच्चों का पोषाहार उनके घर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इन बच्चों को केंद्र न बुलाया जाए। 







 बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 92 हजार 430 सैम्पल की जांच में कुल 2038 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 51 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 5158 है। अतः लोगों को मास्क पहनने, टीकाकवर लेने और सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए प्रेरित किया जाए। बचाव का यह सर्वोत्तम प्राथमिक उपाय है।


 कोविड से बचाव के लिए अति  महत्वपूर्ण टीकाकरण का कार्य प्रदेश में सुचारू रूप से चल रहा है। 18 वर्ष से अधिक आयु के 13 करोड़ से अधिक लोगों ने अब तक टीके की पहली प्राप्त कर ली है, जबकि 7 करोड़ 58 लाख से अधिक लोग कोविड टीके का दोनों डोज लेकर सुरक्षा कवर पा चुके हैं। 20 करोड़ 63 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण और 09 करोड़ 37 लाख से अधिक टेस्टिंग करके उत्तर प्रदेश टेस्टिंग और टीकाकरण देश में प्रथम स्थान पर है। विगत दिवस तक 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के कोविड टीकाकरण में 04 लाख 60 हजार से अधिक किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। टीके की उपयोगिता को देखते हुए जल्द से जल्द सभी पात्र लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए।अधिकाधिक स्कूलों में विशेष शिविर लगाए जाएं।


 बदलती परिस्थितियों व्यापक जनहित के दृष्टिगत स्वास्थ्य विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार नवीन कोविड गाइडलाइंस जारी की गई हैं। इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। जिन जनपदों में एक्टिव केस की न्यूनतम संख्या 1,000 से अधिक हो जाए, नई व्यवस्था लागू होगी। सभी विभागाध्यक्ष यह सुनिश्चित करें कि उनके सम्बंधित विभाग में किसी सरकारी, अर्धसरकारी, संविदा, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन/मानदेय बकाया न रहे। अधीनस्थ कार्मिकों से सतत संवाद करते रहें।


 टेस्टिंग को बढ़ाये जाने की जरूरत है। हर दिन न्यूनतम तीन से चार लाख टेस्ट किए जाएं।निजी प्रयोगशालाओं को कोविड टेस्टिंग के लिए अधिकृत करने से पूर्व उनके पिछले रिकॉर्ड देखे जाएं। जिम्स नोएडा, केजीएमयू, आरएमएल और एसजीपीजीआई लखनऊ  में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को विस्तार दिया जाए। इसके लिए आवश्यक मशीनें और मानव संसाधन की व्यवस्था की जाए।  कोविड के दृष्टिगत हर जिले के नोडल अधिकारी अपने संबंधित जिलों से संवाद करें। हर स्थिति पर सीधी नजर रखी जाए। 


 जनपदों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पूर्व की भांति वहां नियमित बैठकें आयोजित की जाएं। आइसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों का पैनल मौजूद रहे। लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा दी जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। लोग किसी जरूरत पर तत्काल वहां संपर्क कर सकते हैं। 

 निगरानी समिति और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर को पूरी तरह सक्रिय किया जाए। गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें। घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित किया जाए। उनकी सूची जिला प्रशासन को दी जाए। जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए।