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झोला छाप चिकित्सक के अवैध अस्पताल में हुई प्रसूता की मौत,परिजनों ने काटा बवाल




ललन बागी

 रसड़ा(बलिया) ।।  सोमवार को अवैध रूप से तथाकथित चिकित्सक द्वारा संचालित निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत ने बलिया के स्वास्थ्य विभाग के उन उच्चाधिकारियों की पोल खोल दी है , जिनके ऊपर ऐसे अस्पतालों और चिकित्सको के ऊपर कार्यवाही करने की जिम्मेदारी है । आक्रोशित लोगो का तो साफ तौर पर कहना था कि बिना स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के अवैध नर्सिंग होम कैसे चल रहे है ?

रसड़ा,नगरा क्षेत्र में इन दिनों  छोला छाप डाक्टरों के अस्पतालों की खेती ,फर्जी चिकित्सको व फर्जी अस्पतालों को पकड़ने की जिम्मेदारी जिस नोडल अधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार की है,के नाक के नीचे ही खूब लहलहा रही है । फर्जी अस्पताल संचालित ही नही हो रहे है बल्कि भोली भाली जिंदगियों को मौत की नींद भी सुला दे रहे है ,लेकिन बलिया के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे चिकने घड़े की तरह हो गये है जिनके ऊपर लोगो की मौत के बाद भी कोई असर ही नही पड़ रहा है । नोडल साहब पिछले एक दशक से भी अधिक समय से इसी क्षेत्र में जमे हुए है और रसड़ा क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बजाय खस्ताहाल स्थिति में पहुंचा दिये है लेकिन न तो जिला प्रशासन, न ही कोई सीएमओ ऐसे अबतक मिले जो इनको यहां से हटाकर कर रसड़ा के मरीजो पर उपकार करें ।





जी हाँ, मानव जीवन कितना मूल्यवान है, यह सभी जानते है। बावजूद इसके जनपद सहित रसड़ा तहसील क्षेत्र में बिना मान्यता के  तमाम झोलाछाप डाक्टर  खुलेआम मरीजों को गुमराह करके उनकी जिंदगी से  खिलवाड़ कर रहे हैं । बिना पंजीकरण के  झोलाछाप की क्लीनिक धड़ल्ले से चल रही है, जो मरीजों की सेहत व जान से खिलवाड़ कर रहे हैं ।

प्रसूता की मौत के बाद हुआ बवाल

इसी क्रम में सोमवार को  रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के नवीन कृषि मंडी के समीप साक्क्षीता हास्पिटल मे आपरेशन के बाद प्रसूता महिला की मौत व नवजात बच्ची को रेफर से आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने काफी देर तक बवाल काटा ।

 बता दे कि प्रियंका देवी उम्र 25 पत्नी  राकेश कुमार  निवासी बड़िहार थाना कासिमाबाद को प्रसव पीड़ा होने पर उसे नगहर मायके से सोमवार को सुबह तीन बजे उक्त हास्पिटल में भर्ती कराया गया । इस दौरान चिकित्सकों ने महिला का आपरेशन किया और महिला ने बच्ची को जन्म दिया ।नवजात बच्ची की हालत गंभीर होने पर उसे मऊ रेफर कर दिया । महिला की भी हालत खराब होने पर अस्पताल  के चिकित्सक एम्बुलेंस से मऊ को लेकर चल दिए।



रास्ते में प्रियंका ने दम तोड दिया

  महिला की हालत भी धीरे-धीरे बिगड़ने लगी। प्रियंका की हालत गंभीर होने पर अस्पताल के चिकित्सक एम्बुलेंस में लेकर उसे मऊ को चल दिए। इस दौरान लगभग 10 बजे के आस-पास प्रियंका ने दम तोड़ दिया। मृतक प्रियंका को साक्क्षीता अस्पताल के मुख्य गेट के पास परिजनों को सौंप कर अस्पताल के कर्मचारी तालाबंद कर भाग खड़े हुए। प्रसूति महिला की मौत से उसके परिवार में कोहराम मच गया। मृतका के परिजन अस्पताल के चिकित्सकों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाते हुए देर तक बवाल काटा।


                        आरोपी झोलाछाप

मृतका के पिता के तहरीर पर आरोपी चिकित्सक गिरफ्तार कर

  पुलिस ने  तत्परता से आरोपी तथाकथित चिकित्सक को गिरफ्तार कर  लोगों को समझा बुझाकर  शव को अपने कब्जे मे लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज डित। बताते चलें कि बिटिया के मौत के बाद बच्ची व दिव्यांग पिता पर  दुखों का पहाड़ टूट पडा है। लोगो का कहना है कि जिस जगह फर्जी रोकने वाले प्रमुख अधिकारी रहते हो, वहां ऐसा फर्जीवाड़ा बिना विभागीय मिलीभगत के हो ही नही सकता है । यह भी कहा कि आखिरकार रसड़ा क्षेत्र में कितनी मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग झोलाछाप डाक्टरों पर करेगा कार्यवाही।