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यूपी सरकार के आदेश के बावजूद मानदेय खाते में न भेजना बीसीपीएम बीएएम को पड़ा भारी,आशाओं ने की धुनाई

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। सीएम योगी के सख्त आदेश के बावजूद भ्रष्टाचार में लिप्त रसड़ा के बीसीपीएम व बीएएम द्वारा आशाओं के पिछले मानदेय को 1 नवम्बर तक खाते में कमीशनखोरी के लिये न भेजना महंगा पड़ गया है । बता दे कि आशाओं को अगस्त के बाद मात्र 1 माह का नवम्बर में भुगतान मिला है, जबकि इन लोगो द्वारा शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसमे बलिया में भुगतान सितंबर तक अपडेट है ।



इसी को लेकर सोमवार को सीएचसी पर पहुंची आशाओं ने दोनों अधिकारियों की जमकर धुनाई कर दी । यह सारा घटनाक्रम नगरा से स्थानांतरित होकर आये अनिल कुमार बीएएम की लापरवाहियों के चलते हुआ है । वीरेंद्र कुमार विश्वकर्मा बीसीपीएम और अनिल कुमार बीएएम ने 27 अगस्त को यूपी सरकार के आदेश को क्रियान्वित करने में जो बिलम्ब किया, उसी का परिणाम आज दोनों को भरी महफ़िल में मार खानी पड़ी है । वीडियो वायरल होने के बाद लोग चटखारे लेकर देख रहे है ।






बता दे कि पहले एनएचएम का भुगतान अलग अलग मदो के लिये अलग अलग खातों से होता था, जिसको 27 अगस्त को सरकार ने आदेश जारी कर बन्द करते हुए सभी को निर्देशित किया कि सब भुगतान के लिये एक नया खाता खोल लिया जाय । इसी नये खाते से अगस्त के बाद का भुगतान होना था । इन दोनों अधिकारियों की लेट लतीफी के चलते आशाओं के मानदेय का भुगतान अगस्त के बाद नवम्बर में हुआ है, वह भी अगस्त माह का । जबकि इन अधिकारियों ने शासन की आंखों में धूल झोकते हुए रिपोर्ट भेज दी है कि बलिया में आशाओं का सितंबर तक भुगतान कर दिया गया है । हकीकत यह है कि नवम्बर में जो मानदेय आया है वह अगस्त माह के कार्यो का है, अभी सितंबर और अक्टूबर का बाकी ही है ।