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हरिपुर दलित बस्ती में डायरिया से मचा है कोहराम,बलिया का स्वास्थ्य विभाग कर रहा है आराम

 


मधुसूदन सिंह

गड़वार (बलिया) ।। जनपद के लिये प्रवासी सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ के कार्यकाल में स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी पटरी से उतर चुकी है । पिछले माह साहब बलिया में बमुश्किल 15 दिन रुके थे ।1 नवम्बर से ही साहब कोर्ट केस के नाम पर बलिया से बाहर है और अब बताया जा रहा है कि 9 नवम्बर को बलिया आएंगे । जबकि जनपद के हरिपुर दलित बस्ती में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से डायरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है लेकिन सीएमओ के न रहने से स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी अबतक इस गांव में टीम लेकर न तो गया है, न ही यहां के लोगो की जांच ही कि गयी है । जब लोगों की हालत खराब हो रही है तो लोग खुद ही अस्पताल पहुंच रहे है । जिला स्तर के अधिकारी का इतने दिनों मुख्यालय से गायब रहने की अनुमति देने वाला उच्चाधिकारी भी धन्य है ।

बता दे कि थाना क्षेत्र के हरिपुर दलित बस्ती में डायरिया का प्रकोप अभी भी बढ़ता जा रहा है ।गांव के कई लोग बीमारी की चपेट में आ चुके हैं  । करीब एक दर्जन परिवार के लोगों की स्थिति अभी भी गंभीर है। वही स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक बना हुआ है और एक दो दवा बांटकर  अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लिया है। क्षेत्र के प्राइवेट अस्पताल वाले हरिपुर ,जिगनी गांव के नाम पर इन मरीजों को  अपने यहां भर्ती नहीं कर रहे हैं। मजबूरन इन्हें 20 किलोमीटर दूर सदर हॉस्पिटल में जाना पड़ रहा है। वहां की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं है।




सुधा देवी 32 वर्ष पत्नी मुन्ना राम  बताती है कि सोमवार की रात्रि से ही  उन्हें अचानक उल्टी दस्त शुरू हो गई । एंबुलेंस को फोन करने के बावजूद भी कोई एंबुलेंस नहीं आया ।प्राइवेट गाड़ी से  हमारे परिजन सदर हॉस्पिटल ले गए ,रात्रि में हमें दो  इंजेक्शन लगा।वे भी  परिजन निजी दुकान से खरीद कर लाए थे। सुबह में हमे यह कह कर वापस घर भेज दिया गया  कि तुम अब ठीक हो  गयी हो।घर आने पर हमारी  स्थिति और भी बिगड़ गई ,मजबूरन हमे  प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा है।


 मरीज की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। सोमवार की रात्रि से मुरली राम पुत्र प्रभूनाथ उम्र 30, रामदेव पुत्र मंटू राम उम्र15 वर्ष की भी स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है उनकी कभी भी जान जा सकती हैं।  कोई एंबुलेंस आने को तैयार नहीं है। गरीब दलित करें भी तो क्या करें ,भगवान भरोसे बैठे हैं । इधर स्वास्थ्य विभाग कुम्भकर्णी निद्रा में सोया हुआ है। विभाग की इसी तरह से लापरवाही बनी रही तो बस्ती में उक्त बिमारी से कभी भी किसी की जान जा सकती है।