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मगई नदी पर लगे जाल को लेकर आमने सामने हुए बलिया गाजीपुर के लोग,एसडीएम सदर,एसओ नरही ने जाल हटवाकर किया विवाद का पटाक्षेप

 








 बलिया ।। नरही थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव में उस समय विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई जब गाजीपुर जिले से सैकड़ों की संख्या में लोग 50 से 60 मोटर साइकिल और 10 चार पहिया वाहनों में सवार होकर दौलतपुर में मगई नदी में लगे जाल को खोलने की बात करने पहुंचे।उनका आरोप था कि इसकी वजह से पानी का प्रवाह बाधित हो रहा है और खेतों में पानी जमा हो गया है।

इसकी सूचना मिलते ही नरही थाना प्रभारी प्रवीण कुमार सिंह पूरे दल बल के साथ मौके पर पहुंचे।पुल के एक तरफ बलिया जिले के दौलतपुर के लोग जबकि दूसरे तरफ गाजीपुर के लोग एकत्रित हो गये ।इसी बीच थाना प्रभारी प्रवीण सिंह ने दोनो पक्षों से बातचीत की कोशिश की और दौलतपुर निवासी संजय सिंह को लेकर गाजीपुर के लोगों से बातचीत करने पहुंचे तो कुछ अराजक तत्वों ने संजय सिंह के साथ मारपीट शुरू कर दी।पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए किसी तरह से मामले को शांत कराया और अपने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी।




थोड़ी देर में मौके पर चितबड़ागांव थाना, कोरंटाडीह चौकी और सीओ सदर, एसडीएम सदर भी मौके पर पहुंच गए।सूचना मिलते ही पचगंवा के लोग भी भारी संख्या में उपस्थित हो गए।समाचार लिखे जाने तक स्थिति सामान्य हो गई थी।

मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर जुनैद अहमद ने तुरंत स्थानीय पुलिस की मदद से नदी में लगे जाल को हटवाना शुरू कर दिया है।घटनास्थल पर अभी भी भारी पुलिस बल तैनात है। जाल काटने का कार्य जारी है।

बैरिया क्षेत्र में छपरा के मछली के ठेकेदारों ने भी ऐसे ही रोक रखा है पानी,प्रशासन मौन क्यो

जिस तरह से गाजीपुर के किसानों के द्वारा भारी संख्या में आकर दबाव बनाकर दौलतपुर के मछली मारने वालों के द्वारा लगाये गये जाल को हटवाया गया और बलिया जनपद का प्रशासन तत्परता से सक्रिय होकर अप्रिय घटना को होने से रोका है,उसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम है । लेकिन ऐसा ही मामला बैरिया क्षेत्र के किसानों के साथ छपरा के चंद मछली मारने वाले ठेकेदारों द्वारा नदी के पानी को रोककर किसानों के सैकड़ो एकड़ कृषि भूमि को जलमग्न किये हुए है और बैरिया का प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है । बलिया सदर एसडीएम की तरह ही अगर बैरिया के एसडीएम भी तत्पर हो जाते तो किसानों के खेत पानी से खाली हो जाते ।

बैरिया, बलिया। मछली के ठेकेदारों द्वारा संसार टोला तटबंध से लगभग तीन किलोमीटर पूरब बिहार के हिस्से वाली जमीन में बांस के फट्टी व खपाची से बने जाल (बरियार) लगा दिए जाने से पानी का बहाव रुक जाने के कारण उत्तर प्रदेश के इलाके में लगभग डेढ़ हजार एकड़ उपजाऊ खेत अभी भी सीपेज, बरसात व बाढ़ के पानी से जलमग्न है। फलस्वरूप खरीफ की फसल पूरी तरह से नष्ट हो चुकी है। वही सब्जी की खेती जलजमाव के कारण नहीं हो पा रही है। मिर्च और मटर की खेती करने वाले किसान मायूस हैं। यह सोच सोच कर हजारों किसान परेशान है कि पानी नहीं निकलेगा तो रवि की कैसे हुआ ही हो पाएगी। वहीं कृषि मजदूरी पर आधारित जीवन यापन करने वालों के समक्ष भुखमरी की स्थिति है।

बता दे कि इब्राहिमाबाद, नवका टोला, टोलानेकाराय, लक्ष्मण छपरा, शोभा छपरा, धतुरी टोला सहित डेढ़ दर्जन गांव के खेती योग्य बड़ा भूभाग अभी भी जलमग्न है। इब्राहिमाबाद के किसान कुछ ज्यादा ही परेशान हैं, क्योंकि इस गांव के बड़े कृषि योग्य भाग पर हरी मिर्च, टमाटर व मटर की खेती होती है। किंतु इस बार जलजमाव के कारण सब्जियों की खेती नहीं हो पा रही। इस संदर्भ में इब्राहिमाबाद के प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश सिंह सहित दर्जनों किसान एसडीएम, डीएम, विधायक, सांसद सबसे इस समस्या के समाधान के लिए गुहार लगा चुके हैं। बावजूद इसके जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं हो पा रही है। मंगलवार को जलजमाव की स्थिति देखने के लिए प्रधान प्रतिनिधि अखिलेश सिंह, अरविंद सिंह, अजय सिंह,नितेश सिंह, मनोज सिंह, मुन्ना सिंह, हरेंद्र सिंह, मोहन साह सहित दर्जनों किसान पानी के बहाव का अवरोध ढूंढते ढूंढते संसार टोला रेगुलेटर से तीन किलोमीटर पूरब बिहार के उस स्थान पर पहुंच गए, जहां पानी को बरियार से घेरकर गंगा में जाने से रोक दिया गया है। उक्त लोगों ने मछली के ठेकेदारों से आग्रह भी किया। कम से कम दो दिनों के लिए बरियार हटा दें। पानी हम लोगों के खेतों से निकल जाए, किंतु मछली के ठेकेदारों ने यह कह कर बरियार हटाने से मना कर दिया बरियार हटेगा तो मछलियां पानी के साथ गंगा में चली जाएंगी। यह कैसी विडंबना है मछली के मुट्ठी भर ठेकेदार अपने फायदे के लिए क्षेत्र के किसानों को करोड़ों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। पूरा क्षेत्र जलजमाव से त्रस्त है। बावजूद इसके प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। लोगों का कहना है की मछली का एक ठेकेदार रसूखदार व्यक्ति है। इसके चलते कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। इब्राहिमाबाद के किसानों ने इस संदर्भ में जिलाधिकारी से से जरूरी कार्यवाही करने की गुहार लगाई जाएगी है, ताकि जलजमाव से डूबे उनके हजारों एकड़ खेत से पानी बाहर निकल कर चला जाय।