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हथियारों के बल पर अजेय बनने का तालिबानी सपना हुआ चकनाचूर ,जाने कैसे


काबुल ।।अमेरिका अब पूरी तरह से अफगानिस्तान से बाहर निकल चुका है और अब तालिबान को पता चल रहा है कि उसके साथ बहुत बड़ा धोखा हो गया है। एक दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि अमेरिका और ब्रिटेन ने अफगानिस्तान में करीब 85 अरब डॉलर के हथियार छोड़े हैं, जिनपर अब तालिबान का कब्जा हो गया है। लेकिन अब अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि ज्यादातर हथियार ऐसे हैं, जिन्हें खराब कर दिया गया है और अब वो किसी भी काम के नहीं हैं।

खरबों रुपये के अमेरिकी हथियार

एक दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि अमेरिका और ब्रिटेन ने कुल मिलाकर 85 अरब डॉलर रुपये के हथियार अफगानिस्तान में छोड़ दिए हैं, जिसके बाद विश्व के तमाम एक्सपर्ट्स कह रहे थे कि इन अत्याधुनिक अमेरिकी हथियारों पर कब्जा करने के बाद अब तालिबान इतना शक्तिशाली हो चुका है, कि अब उसे हराना किसी भी देश या किसी भी शक्ति के लिए नामुमकिन सा हो गया है। लेकिन अब अमेरिका ने कहा है कि जो हथियार उसने अफगानिस्तान में छोड़े हैं, वो तालिबान के लिए किसी काम के नहीं हैं। अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान छोड़ने से पहले उन हथियारों को न्यूट्रल कर दिया है। जिसे तालिबान के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है।

                         खराब किए गये हथियार

अफगानिस्तान से कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं थीं, जिसमें देखा जा रहा था कि तालिबान के लड़ाके अमेरिकी हेलीकॉप्टर्स की निगरानी कर रहे हैं और उन हेलीकॉप्टर्स की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने अफगानिस्तान में इतने ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर्स छोड़ दिए हैं, जो विश्व में 85 प्रतिशत देशों के पास नहीं हैं। और एक्सपर्ट्स ने कहा था कि अगर ये हेलीकॉप्टर्स सहीं हैं तो फिर तालिबान आने वाले वक्त में एक ऐसी शक्ति बन सकता था, जो अपराजेय हो जाता। ट्विटर पर वायरल हो रहे कुछ तस्वीरों और वीडियो में दिख रहा है कि तालिबान के लड़ाके हैंगर पर खड़े हेलीकॉप्टर्स की जांच कर रहे हैं। लेकिन अब अमेरिका ने कहा है कि तमाम हेलीकॉप्टर्स, एयरक्राफ्ट्स, बख्तरबंद गाड़ियों को खराब कर दिया गया है और लाख कोशिशों के बाद भी अब ये तालिबान के लिए किसी काम के नहीं हैं।

                         पेंटागन ने दी जानकारी

पेंटागन ने मंगलवार को उन संपत्तियों का ब्योरा दिया है, जो अमेरिकी सेना ने अपने अंतिम प्रस्थान के बाद हवाई अड्डे पर छोड़ी थी। जनरल केनेथ एफ मैकेंजी जूनियर के मुताबिक, अमेरिकी सेना को हवाई अड्डे पर काउंटर-रॉकेट, आर्टिलरी, मोर्टार (सी-रैम) मिसाइल रक्षा प्रणालियों सहित कुछ सैन्य संपत्तियां छोड़नी पड़ीं, जिन्हें हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। इन मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने सोमवार सुबह काबुल हवाईअड्डे को निशाना बनाने वाले रॉकेट हमले को भी रोका था। अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने कहा कि, लगभग 70 माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (MRAP) सामरिक वाहनों को भी काबुल हवाई अड्डे पर छोड़ा गया है। काबुल हवाई अड्डे के रैंप पर 73 विमान छोड़े गए हैं। इनके अलावा 27 हाई-मोबिलिटी मल्टीपर्पज व्हील्ड व्हीकल (हमवी) को भी करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर छोड़ा गया है। 

                 तालिबान के लिए बेकार हैं हथियार

जनरल मैकेंजी के अनुसार, काबुल हवाई अड्डे पर छोड़े गए उपकरणों को असैन्य कर दिया गया है, ताकि कोई भी उनका उपयोग न कर सके। उन्होंने कहा कि, ''यह एक जटिल प्रक्रिया है औन इन मशीन प्रणालियों को खत्म करने या असैन्य करने में काफी ज्यादा वक्त लगता है। चूंकी इसका इस्तेमाल अब कोई नहीं कर पाए, लिहाजा उन्हें न्यूट्रल कर दिया गया है। उनके सॉफ्टवेयर डिलीट कर दिए गये हैं, जो सिर्फ अमेरिका के पास है।'' अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि ''हमारे लिए हथियारों को अफगानिस्तान से वापस लाने से ज्यादा जरूरी काम इंसानों को बचाना था और हमें आखिरकार सैन्य प्रणालियों को वहीं छोड़ना पड़ा, लेकिन सैन्य सामानों को ऐसा न्यूट्रल कर दिया गया है कि उनका इस्तेमाल अब कोई नहीं कर सकता है। हालांकि, अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने कहा कि उन हथियारों को नष्ट नहीं किया गया है, क्योंकि भविष्य में अगर हम चाहें तो उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

                          70 बख्तरबंद गाड़ियां छोड़ी

अमेरिकी सैन्य अधिकारी के मुताबिक अमेरिका ने अफगानिस्तान में 73 एयरक्राफ्ट और 27 हमवी गाड़ियों को छोड़ा है, जिसे खराब कर दिया गया है। इसके साथ ही 70 एमआरएपी बख्तरबंद गाड़ियों को छोड़ा गया है, जिसकी कीमत 10 लाख डॉलर प्रति गाड़ी है। आपको बता दें कि, अमेरिकी रिपब्लिकन कांग्रेसी जिम बैंक्स, जिन्होंने तालिबान को लेकर इतनी जानकारियां जुटाई हैं, उन्होंने खुलासा किया था कि, तालिबान के पास अब 'दुनिया के 85 प्रतिशत देशों से ज्यादा ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर' हैं। इसके अलावा तालिबान ने अफगानिस्तान की सुरक्षा का सबसे बड़ा बायोमेट्रिक कलेक्शन और उसकी पहचान करने वाले तमाम उपकरण भी प्राप्त कर लिए हैंस जो उन्हें गठबंधन बलों के लिए काम करने वाले अफगानों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं ।(साभार)