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शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2021 पर विशेष : भविष्य के युवाओं के साथ ही उनके मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सैल्यूट

 




स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 5 से 17 सितंबर 2021 तक शिक्षक पर्व का आयोजन - वेबिनार, चर्चा, प्रस्तुतीकरण का रोडमैप सराहनीय 

गोंदिया : शिक्षक का नाम आते ही मस्तिष्क को आकार देने, उत्कुष्टता और प्रतिबद्धता दर्शाने की एक मूरत सामने उभर आती है। एक अच्छा शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है ,वह खुद प्रज्वलित होकर दूसरों को रास्ता दिखाता है। अज्ञानता को दूर करके ज्ञान की ज्योत जलाता है। गलत राह पर भटकने से बचाता है और भटके हुए को सुधारता है।

साथियों, वह शिक्षक ही होता है जो वर्तमान समय में प्ले स्कूल से उच्च शिक्षा तक दीक्षा देकर मानवीय मस्तिष्क को तराश कर विद्या रूपी धन देकर जिंदगी संवारता है। इसलिए बड़े बुजुर्गों ने भी कहा है यदि फल फूल रखो प्रभु के आगे तो प्रसाद बन जाता है, शिष्य झुके अगर शिक्षक रूपी गुरु के आगे तो इंसान बन जाता है...। 

साथियों बात अगर हम वर्तमान समय में स्कूल की करें तो,इस बार कोविड-19 महामारी के कारण महीनों स्कूल बंद रहे हैं, कई जगह स्कूल खुल भी गए है। वर्चुअली पढ़ाई के साथ अब शिक्षकोंके लिएस्टूडेंट्स अब विडियो आदि बनाकर शिक्षकों का आभार प्रकट कर रहे हैं। यूनेस्को ने 1994 में शिक्षकों के कार्य की सराहना के लिए 5 अक्तूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूपमें मनाने को लेकर मान्यता दी थी।सावित्री बाई ज्योतिराव फुले को देश की पहली महिला शिक्षक के रूप में जाना जाता है। उन्होंने लड़कियों की शिक्षा में अहम योगदान दिया था...। 

ऐसे हुई शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत

साथियों बात अगर हम शिक्षक दिवस मनाने की करें तो,शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। देश के पहले उप-राष्ट्रपति विद्वान विचारक और अति सम्मानित शिक्षक डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।पूरे देश में शिक्षक दिवस वर्ष 1962 से हर साल मनाया जाता है। वह ऐसा कि, डॉक्टर राधाकृष्णन जब भारत के राष्ट्रपति बने तो कुछ दोस्त और पूर्व छात्र उनसे मिलने पहुंचे। यहां उन्होंने सर्वपल्ली जी से उनका जन्मदिन भव्य तरीके से मनाने की अनुमति मांगी तो, डॉक्टर राधाकृष्णन ने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग तरीके से मनाने के बदले अगर 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बहुत खुशी और गौरव होगा। उसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का प्रचलन शुरू हुआ, जो आज तक चला आ रहा है...। 

साथियों बात अगर हम इस साल 2021 में शिक्षक दिवस मनाने की करें तो स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा संवाददाता सम्मेलन में कहा, शिक्षकों के बहुमूल्य योगदान को सम्मान देने और राष्ट्रीय शिक्षक नीति (एनईपी) 2020 को एक कदम आगे ले जाने के लिए पिछले साल की तरह इस साल भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षक पर्व- 2021 मनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, शिक्षक पर्व 2021 वर्चुअल माध्यम से 5 सितंबर से 17 सितंबर,2021 तक मनाया जाएगा। माननीय राष्ट्रपति महोदय, 5 सितंबर, 2021 को वर्चुअल माध्यम से 44 पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कृत करेंगे। 44 पुरस्कृत शिक्षकों में हरेक पर एक वृत्तचित्र भी दिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य के युवाओं के साथ ही मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सम्मान देने के लिए पहली बार वर्ष 1958 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों की शुरुआत की गई थी। 

उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में काम कर रहे प्रतिभाशाली शिक्षकों को सार्वजनिक रूप से सम्मान देने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं। उद्घाटन समारोह के 17 सितंबर, 2021 तक वेबिनार, चर्चा, प्रस्तुतीकरण आदि होंगे, जिनमें देश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षा विशेषज्ञों को अपने अनुभव, सीख और भविष्य के रोडमैप साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है उल्लेखनीय है कि दूरदराज के स्कूलों से आए शिक्षक और प्रैक्टिसनर्स स्कूलों में गुणवत्ता और नवाचार से संबंधित मुद्दों पर बात करेंगे। संबंधित राज्यों के एससीईआरटी और डायट भी हर वेबिनार में आगे आकर विचार विमर्श करेंगे और रोडमैप साझा करेंगे, जिन्हें स्टेट एससीईआरटी द्वारा समेकित किया जाएगा उन्होंने कहा किइसे एनसीईआरटी को साझा किया जाएगा और पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क व शिक्षक प्रशिक्षणमॉड्यूल के लिए इनपुट उपलब्ध कराए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि माननीय पीएम 7 सितंबर, 2021 को पूर्वाह्न 11 बजे शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और हितधारकों को संबोधित करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पीएम, विभाग की पांच पहलों का शुभारम्भ करेंगे, जिनमें (1) 10, हज़ार शब्दों का भारतीय सांकेतिक भाषा शब्दकोष (2) टाकिंग बुक्स (नेत्रहीनों के लिए ऑडियो बुक), (3) सीबीएसई का स्कूल क्वालिटी एसेसमेंट एंड एक्रीडिएशन फ्रेमवर्क (एसक्यूएएएफ), (4) निपुण भारत के लिए निष्ठा टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम और (5) विद्यांजलि पोर्टल (स्कूल विकास के लिए शिक्षा स्वयंसेवकों/दानदाताओं/सीएसआर अंशदाताओं की सहूलियत के लिए) शामिल हैं।...साथियों बात अगर हम भारत के शिक्षकों को गुरु के दर्जे की करें तो,भारतीय संस्कृति में गुरु को माता-पिता से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। गुरु यानि शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति होता है, जो परिवारजनों को छोड़कर आपकी सफलता पर सच्चे मन से प्रसन्न होता है। एक समाज तभी प्रगति की ओर अग्रसर हो सकता है जब वहांके शिक्षकों का सम्मान किया जाता हो।अपने सांस्कृतिक मूल्य और गुरु के महत्व को रेखांकित करने के लिए भारत हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप मनाता है। इस दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।इसी क्रम में इस वर्ष केंद्र सरकार 5 सितंबर से 17 सितंबर तक शिक्षक पर्व 2021 का आयोजन कर रही है जो बहुत ही सराहनीय है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तोहम पाएंगेकि भविष्य के युवाओं के साथ ही मस्तिष्क को आकार देने में शिक्षकों की उत्कृष्टता और प्रतिबद्धता को सैल्यूट करेंगे तथा 5 से 17 सितंबर तक शिक्षक पर्व मनाना एक सराहनीय रोडमैप है। 

-संकलनकर्ता  किशन सनमुखदास भावनानी ( कर विशेषज्ञ एडवोकेट)
 गोंदिया महाराष्ट्र