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विद्यालयों द्वारा खुलेआम उड़ाई जा रही है कोरोना नियमो की धज्जियां,कोरोना लाने की कही ये तो नही है तैयारी

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक तरफ सरकार लोगो को तीसरी लहर के आने की संभावना के चलते सचेत कर रही है , तो वही जनपद के प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक शिक्षा देने वाले प्राइवेट विद्यालय कोरोना को जबरदस्ती लाने के प्रयास में लगे हुए है । 1 अगस्त से जनपद में सभी कक्षाओं की पढ़ाई ऑफ लाइन शुरू हो गयी है ।

 बच्चो को विद्यालयों तक लाने वाली स्कूल बस खचाखच ऐसी भरी दिख रही है, जैसे बलिया में कोरोना नामक कोई बीमारी आ ही नही सकती है । जबकि यूपी का पश्चिमांचल(फिरोजाबाद,मथुरा,लखनऊ) वायरल बुखार से बच्चों की बड़ी संख्या में मौत से दहशत में है । बलिया में भी वायरल बुखार तेजी से बढ़ रहा है । बावजूद इसके विद्यालयों के संचालकों को सिर्फ अपनी कमाई दिख रही है, बच्चो के सिर पर जो आसन्न कोरोना व वायरल बुखार का खतरा है, वह नही दिख रहा है ।





 बता दे कि ऐसी स्थिति सिर्फ बसों में ही नही है बल्कि कक्षाओं में भी सीबीएसई से संचालित हो या आईसीएसई से संचालित हो, एक कक्षाओं में अधिकतम छात्रों के बैठने के नियम की भी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है । आलम यह है कि एक सेक्शन में 70 तक बच्चो को बैठा कर पढ़ाया जा रहा है । जो सीधे सीधे बोर्ड (एक सेक्शन में 40 से अधिक छात्र नही हो सकते है ) व कोरोना की जारी गाइड लाइन का उल्लंघन है ।

सबसे हैरान करने वाली बात जिला प्रशासन,शिक्षा विभाग व पुलिस विभाग के अधिकारियों की चुप्पी है । शासनादेश को लागू कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक पर होती है और विद्यालयों के मानकों की चेकिंग की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक की होती है । इन अधिकारियों के पास अपने मातहतों की एक लंबी चौड़ी फौज भी है लेकिन न जाने क्यों इनको विद्यालयों द्वारा तोड़ी जा रही कोरोना की गाइड लाइन दिख ही नही रही है ।ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि जनपद में कोरोना व वायरल फीवर लाने की प्रशासन ने तो पूरी तैयारी कर दी है अब भगवान ही रोक सकते है ।