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रतसर ग्राम पंचायत की पूर्व प्रधान स्मृति सिंह महिला प्रधान की बनी रोल मॉडल,कहा स्मृति सिंह की तरह ही करूंगी ग्राम सभा का विकास

 


संतोष द्विवेदी

नगरा, बलिया। विकास खंड नगरा के ग्राम पंचायत ढेकवारी में सुनीता देवी रतसड की पूर्व प्रधान स्मृति सिंह से प्रेरित होकर चुनाव में उतरी और  प्रधान बन गई । बता दे कि स्मृति सिंह रतसर ग्राम सभा की निवर्तमान प्रधान (रतसर ग्राम सभा अब नगर पंचायत बन गयी है ) है जिनको ग्राम सभा मे विकास और सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओ को सफलता के साथ लागू करने के लिये पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी से सम्मानित हो चुकी है । आज स्मृति सिंह जनपद की महिला प्रधानों में रोल मॉडल बन गयी है । जिस तरह स्मृति सिंह ने योजनाओ को बिना भेदभाव के धरातल पर उतारा था,उसी तरह ग्राम प्रधान सुनीता देवी योजनाओं/ कार्य को जमीनी स्तर पर शत प्रतिशत उतार कर पात्रों तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना चाहती हैं। उनका सपना है कि उनके कार्यकाल में उनकी पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत का खिताब मिले।

                  सुनीता देवी बताती हैं कि उनकी प्राथमिकताओं में महिलाओं को सशक्त बनाना तथा शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारना सबसे ऊपर है। सुनीता देवी चाहती है कि उनके ग्राम पंचायत में एक जूनियर हाई स्कूल की स्थापना हो ताकि बच्चो को अपने गांव में ही 8 वी तक शिक्षा मिल सके। पात्रों को पेंशन, राशन कार्ड, आवास के साथ साथ अन्य लाभ दिलाया जाना, बेसहारा एवं वंचितों को सामुदायिक भवन के अलावा ग्राम पंचायत के गलियों में प्रकाश की व्यवस्था हो। वे कहती है कि गांव की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए वे उन्हें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रेरित करेंगी।



       काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी से  स्नातकोत्तर एवं एमफील  सुनीता देवी बताती है कि ग्राम पंचायत की सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित होने पर उनके अंदर भी ग्राम पंचायत की विकास की लालसा जगी और वे चुनाव मैदान में खड़ी हो गई। शिक्षित महिला को लोगो ने  समर्थन देकर प्रधान बना दिया।  वर्तमान में ग्राम पंचायत में पंचायत भवन, शौचालय एवं प्राथमिक विद्यालय में ऑपरेशन कायाकल्प के तहत कार्य चल रहा है।  विकास कार्यों की निगरानी खुद करती  हूँ ।रतसड़ ग्राम पंचायत की पूर्व प्रधान स्मृति सिंह को आदर्श मानने वाली सुनीता ने कहा कि गांव की ज्यादातर रास्तो की हालत खराब हैं। इन्हे दुरुस्त और साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करना है।