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पोषण माह के तहत गर्भवती महिलाओं के गोदभराई कार्यक्रम में पोषण व स्वास्थ्य संबंधी दी गई जानकारी







बलिया ।। बांसडीह ब्लॉक के बाल विकास परियोजना कार्यालय की पहल पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांसडीह में गर्भवती की गोद भराई हुई। इस कार्यक्रम का शुभारंभ  भाजपा नेत्री केतकी सिंह ने  फीता काटकर और दीप प्रज्वलित कर किया। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आयोजित इस आयोजन में गर्भवती महिलाओं को नारियल, फल, साग-सब्जियों और पुष्टाहार से सजी डलिया भेंट की गयी।

इस दौरान कार्यवाहक बाल विकास परियोजना अधिकारी लीना कुमारी ने वहां मौजूद गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रसव के पूर्व की तैयारी और प्रसव पश्चात की तैयारी के विषय में जानकारी दी। सभी लाभार्थी महिलाओं को जीवन चक्र के प्रथम 1,000 दिन यानि गर्भावस्थाकाल के 270 दिन और जन्म से लेकर 2 साल तक 730 दिन के महत्व के बारे मेन विस्तार से बताए गए। इन दिवसों में गर्भवती माता और प्रसव के बाद शिशु की देखभाल बहुत जरूरी होती है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों को कुपोषण से बचाया जा सके। इसके अलावा महिलाओं को सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, संतुलित एवं स्वस्थ आहार, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारीयाँ दी गयी।

इसके साथ ही पोषण के अन्तर्गत हरी सब्जी, दूध, फल का सेवन, स्वास्थ्य के अन्तर्गत नियमित टीकाकरण, आयरन की गोली, प्रसव पूर्व जाँच के बारे में जानकारी दी| सभी महिलाओं को बताया कि जन्म से लेकर छः माह तक शिशुओं को सिर्फ स्तनपान ही कराएँ और अन्य किसी भी प्रकार के तरल पदार्थ न देने के लिए परामर्श दिया।

 सुपरवाइजर अर्चना सिंह ने महिलाओं एवं किशोरियों को साफ-सफाई के बारे में बताया कि घर के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कहीं भी पानी भी इकठ्ठा न होने दें, क्योंकि रुके हुये पानी में लार्वा पनपने का डर रहता है। इसके साथ ही उन्होने संतुलित एवं स्वस्थ पोषाहार गृहण करने के बारे में बताया जिससे  मिलने वाले पोषक तत्वों से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ सके।

डॉ० विनोद सिंह द्वारा आयरन फोलिक एसिड गोली के लाभ के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही गर्भवती के संतुलित एवं स्वस्थ खानपान व एनीमिया (खून की कमी) आदि से बचाव के लिए जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ० सुधीर कुमार तिवारी एवं सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।

गोदभराई कार्यक्रम में आए लाभार्थियों से आंगनबाड़ी केंद्र पर मिलने वाले पौष्टिक आहार के बारे में पूछे जाने पर ग्राम ताली पिण्डहरा निवासी रोजी ने बताया कि पुष्टाहार से गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों को पोषक तत्व प्रदान किया जा सकता है एवं उनको कुपोषण से बचाया जा सकता है। प्रियंका देवी ने बताया कि संतुलित खानपान और पोषाहार से बच्चों के शारीरिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं पूरक तत्वों की कमी को दूर किया जाता है।