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शासनादेश से ऊपर बलिया में सीएमओ की मर्जी,स्थानांतरित चिकित्सको को रिलीव करने में नही है इनकी रुचि,आयी तीसरी चिट्ठी



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। ऐसा जनपद जहां पहले अधिकारी आते नही है और जब आ जाते है तो स्थानांतरण के बाद जाने का नाम ही नही लेते है । स्वास्थ्य विभाग के चिकित्साधिकारी तो एक दम जाने का नाम ही नही लेते है ,चाहे इनका वेतन ही शासन क्यो न रोक दे, ये लोग बिना वेतन का भी काम करने को तैयार है । इसी बात से अंदाजा लगा सकते है कि ये लोग आखिर बिना वेतन के भी कैसे काम करने को तैयार है ? बिना वेतन इनका व इनके परिवार के भरण पोषण का अन्य साधन क्या है ? यह बलिया के स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को दर्शाने के लिये काफी है ।

यही नही स्पष्ट रूप से शासनादेश होने के बाद कि लेवल 3 व 4 के चिकित्साधिकारी जनपद मुख्यालय पर सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को सफलता के लिये नोडल अधिकारी के रूप में अपना योगदान देंगे और इनसे सीएचसी/पीएचसी का प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी) का प्रभार लेकर अन्य चिकित्सको को सौप दिया जायेगा जिससे सरकारी योजनाओं को सफलता के साथ संचालित किया जा सके । लेकिन बलिया में आज भी लेवल 3 व 4 के चिकित्साधिकारी एमओआईसी बने हुए है । सबसे बड़ी बात यह देखने को मिल रही है जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिये जिलाधिकारी अध्यक्ष होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग में हो रहे शासनादेशों के विरुद्ध कृत्य को रोकने के लिये कोई कार्यवाही नही कर रही है ।

अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के हस्ताक्षर से 18 अगस्त 2021 को जारी पत्र में साफ लिखा गया है कि शासन यह मान रहा है कि जिन चिकित्साधिकारियों/पैरामेडिकल स्टाफ/लिपिकीय संवर्ग  का स्थानांतरण पिछले माह किया गया था वो लोग रिलीव होकर नई तैनाती स्थल पर अपना योगदान दे दिये होंगे । साथ ही यह भी कहा गया है कि स्थानांतरण आदेश में ही यह उल्लेखित कर दिया गया है कि स्थानांतरित कर्मियों का वेतन अब नई तैनाती स्थल से ही आहरित होगा । बावजूद बलिया से कोई जाने को तैयार ही नही है ।


इसके अलावा पत्र में कहा गया है कि 

1-सरकारी अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु बड़ी संख्या में आक्सीजन जनरेटर प्लांट स्थापित करवाए जा रहे हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में आक्सीजन कन्स्ट्रेटर भी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध करवाए गए है। यह आक्सीजन कन्स्ट्रेटर राज्य सरकार के द्वारा कय कर / भारत सरकार के द्वारा प्रदान किए गए / जनपद स्तर पर स्थानीय संसाधनों से कय कर / सी०एस०आर० के अन्तर्गत प्राप्त कर विभिन्न स्तर के चिकित्सालयों में उपलब्ध कराए गए है। सभी मुख्य चिकित्साधिकारी / मुख्य चिकित्सा अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि समस्त आक्सीजन कन्सट्रेटर को स्टाक रजिस्टर में दर्ज कर लिया गया है तथा आक्सीजन कन्स्ट्रेटर के ऊपर स्टाक रजिस्टर की प्रविष्टि को पेंट के माध्यम से अंकित कर दिया गया है। स्टाक रजिस्टर की प्रविष्टि के अतिरिक्त अस्पताल का नाम, जिला एवं प्राप्ति के स्रोत (यथा पी०एम० केयर राज्य सरकार, मा० सांसद / विधायक निधि, एस०डी०आर०एफ० सी०एस०आर० इत्यादि) का भी स्पष्ट उल्लेख किया


दिनांक 27 एवं 28 अगस्त 2021 को वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा जनपदों का भ्रमण किया जाएगा, जहाँ उनके द्वारा अस्पतालों के निरीक्षण के समय इस बिन्दु का विशेष रूप से अवलोकन किया जाएगा।


2. एडवास लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंसेज के संचालन का कार्य अब मै० जेड एच०एल० के द्वारा प्रदेश में किया जाना है। उक्त के अन्तर्गत दिनांक 17 अगस्त 2021 की तिथि इन एम्बुलेंस के हस्तान्तरण के लिए नियत की गयी थी। आशा है कि सभी जनपदों में यह कार्य पूर्ण कर लिया गया होगा। यह सुनिश्चित करना कि एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस के हस्तान्तरण एवं कुशल संचालन में कोई व्यवधान न हो, मुख्य चिकित्साधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। 

3. जिन चिकित्सकों / पैरामेडिकल स्टाफ / लिपिकीय कर्मचारियों का स्थानान्तरण किया गया है, उन्हें अब तक अवश्य मण्डल / जनपद से कार्यमुक्त कर दिया गया होगा। यह निर्देश स्थानान्तरण के समय ही दिया जा चुका है कि स्थानान्तरित कर्मचारी के अगले माह का वेतन का आहरण नए जनपद से किया जा सकेगा। सभी मण्डलीय अपर निदेशक / एस०आई०सी० / मुख्य चिकित्साधिकारी / मुख्य चिकित्सा अधीक्षक इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। कृपया उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट ।