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हजारी प्रसाद द्विवेदी अकादमिक भवन में 'आजादी का अमृत महोत्सव' का हुआ आयोजन






डॉ सुनील कुमार ओझा

बलिया ।।  जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के हजारी प्रसाद द्विवेदी अकादमिक भवन में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं कुलपति प्रो० कल्पलता पांडेय ने कहा कि राष्ट्र की सेवा ही सच्ची सेवा है।केवल सेना में सम्मिलित होकर ही राष्ट्र सेवा नहीं होती हम जहाँ हैं अपने कर्तव्यों का समुचित पालन करते हुए भी राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। विद्यार्थियों का आह्वान करते  हुए उन्होंने कहा कि आपको  बलिया जिले के विकास में अपनी भावी भूमिका निभाने के लिए अग्रसर होना होगा। बलिया के लिविंग लीजेंड्स का उदाहरण देते हुए उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कहा कि आप भी इन विभूतियों की तरह अपने जीवन में सर्वोच्च सफलता प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अकादमिक गतिविधियां उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। इसके लिए विद्यार्थी कभी भी उनसे संपर्क कर सकते हैं।

   परिसर के शैक्षणिक निदेशक डाॅ गणेश पाठक ने कहा कि हमें स्वतंत्रता और स्वच्छंदता का अंतर समझना होगा। हमें अपने राष्ट्र की प्रगति के बारे में सोचते हुए इसके प्राकृतिक संसाधनों के समुचित प्रयोग पर भी ध्यान देना होगा तभी राष्ट्र का सतत विकास संभव है। 

      मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग के प्राध्यापक डा० शैलेंद्र सिंह ने  अपने व्याख्यान में भारत के स्वर्णिम अतीत, मध्यकालीन दासता और स्वतंत्रता संग्राम के विविध पक्षों का सम्यक् विश्लेषण करते हुए स्वातंत्रयोत्तर भारत की प्रगति का भी वर्णन किया। कार्यक्रम में परिसर के विद्यार्थियों ने भी सहभाग किया और अपनी प्रस्तुतियां दीं। छात्र हर्ष कुमार ने स्वतंत्र भारत की सामाजिक, राजनीतिक प्रगति का वर्णन किया। राहुल मौर्य ने  नागरिकों के मूल कर्तव्यों के पालन बात की। सौरभ ने सैनिकों का सम्मान करने की गुजारिश की। संयोगिता और वैभव ने राष्ट्रभक्ति के गीत प्रस्तुत किये।

  इस कार्यक्रम का संचालन डाॅ प्रमोद शंकर पांडेय तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ अपराजिता उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर कुलानुशासक डाॅ अरविंद नेत्र पांडेय,  शिक्षा संकाय के संकायाध्यक्ष डाॅ देवेंद्र सिंह, समाज विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष डाॅ सुधाकर तिवारी के साथ परिसर के प्राध्यापक गण डाॅ नेहा विशेन, डाॅ अतुल कुमार, डाॅ वंदना और डाॅ आशीष सिंह उपस्थित रहे।