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114 करोड़ की 12 परियोजनाएं ,6 पूर्ण व 6 का 75 प्रतिशत कार्य पूर्ण ,फिर भी तबाही का दिखने लगा मंजर

 





मधुसूदन सिंह

बलियाः  जनपद का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद अधिकारियों संग समीक्षा बैठक के बाद पत्र प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि दो तरफ से नदियों से घिरा होने की वजह से बलिया हम सबके लिए संवेदनशील जनपद है। यहां बैरिया तहसील के 10 गांव व सदर तहसील के 5 गांव बाढ़ से प्रभावित है। यहां 34 बाढ़ चौकियां स्थापित है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 25-25 व पीएसी के 15 जवान तैनात हैं। उनके पास नावें व स्टीमर भी है। इसके अलावा जिले में 190 बड़ी नावें उपलब्ध है। बाढ़ से प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने व उनके लिए खाने पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। जनता के साथ प्रशासन पूरी तरह खड़ा है।

 उन्होंने कहा कि यहां के जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन ने जो प्रस्ताव दिया, सभी पर विचार करते हुए 114 करोड़ की 12 बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत हुई। जनवरी में धन भेज दिया गया और इसी का नतीजा रहा कि मानसून से पहले परियोजनाएं 6 परियोजनाएं पूर्ण हो गयी और 6 परियोजनाएं 75 प्रतिशत तक पूरी हो गयी है । बाढ़ आने का कारण बताते हुए मंत्री श्री सिंह ने बताया कि अधिक बारिश की वजह से राजस्थान के कोटा बैराज से 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे चंबल का जलस्तर 9 मीटर बढ़ा है। जाहिर सी बात है कि इसकी वजह से गंगा का भी जलस्तर बढ़ रहा है।

दुबेछपरा रिंग बंधा क्यो नही बना,नही बता पाये मंत्री जी

पिछले 2019 में प्रशासन की लाख कोशिश के बावजूद बाढ़ में टूट गये दुबेछपरा रिंग बंधे को आजतक क्यो नही बनाया गया,के सवाल पर मंत्री जी ने कहा कि यहां से जो भी परियोजनाएं भेजी गई थी सबको स्वीकृति मिल गयी । इससे साफ जाहिर है कि 114 करोड़ की भारी भरकम परियोजनाओं पर तो बलिया के बाढ़ विभाग,जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान रहा लेकिन लाखो रुपये के खर्च पर सुरक्षा देने के लिये तैयार हो सकने वाले दुबेछपरा रिंग बंधे की मरम्मत के लिये किसी ने न तो प्रस्ताव भेजा, न ही इसको अपने जेहन में ही रखा । आज इन लोगो की उदासीनता से इस बंधे से सुरक्षित होने वाले लगभग दर्जन गांव और एनएच 31 असुरक्षित हो गये है ।

अमरनाथ पीजी कालेज में घुसा पानी,परीक्षा केंद्र बदला




दुबेछपरा बलिया ।। मां गंगा के जलस्तर में अनवरत वृद्धि और रौद्र रूप धारण करने के कारण जहां तटवर्ती इलाकों के घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया ,  क्षेत्र की हजारों एकड़ फसल जलमग्न हो गई ,वहीं इस क्षेत्र के सबसे बड़े शिक्षा के मंदिर अमर नाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय का प्रांगण भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया है ।

स्थिति की गम्भीरता को देखते हुए स्थानीय अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुबेछपरा जहां पर जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की एम० ए० एवं बी० एड० (चतुर्थ सेमे०) के  तीन महाविद्यालयों का  परीक्षा केन्द्र निर्धारित था, उस केन्द्र की शेष परीक्षाओं का स्थान परिवर्तित करते हुऐ बैरिया के बाबा लक्ष्मण दास इण्टर कालेज में कराने की महाविद्यालय प्रशासन की मांग को स्वीकार करते हुऐ विश्वविद्यालय ने सहर्ष स्वीकृति प्रदान कर दी है । 

बताते चले कि गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि को देखते हुऐ  बी० एड० प्रवेश परीक्षा दिनाकं 06/08/2021 की सकुशल समाप्ति के बाद महाविद्यालय के केन्द्राध्यक्ष एवं सहायक केन्द्राध्यक्षगण स्थिति पर लगातार नजर रखे हुऐ थे । दिनाकं 07/08/2021 को नीचे के कमरों का सारा सामान व्यवस्थित कराकर छात्र हित में परीक्षा केन्द्र परिवर्तन कराने की सिफारिश कुलपति महोदया के यहां की गई । जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय , बलिया की कुलपति महोदया डॉ कल्पलता पाण्डेय जी ने स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए तत्काल  परिक्षव केन्द्र का स्थान परिवर्तित कर दिया । कुलपति महोदया एवं महाविद्यालय प्रशासन के इस कार्य से जहाँ परीक्षार्थियों ने राहत की सांस ली वहीं क्षेत्र में इसकी काफी सराहना की जा रही है । सदैव से यह महाविद्यालय क्षेत्र एवं छात्रहित में कार्य करता रहा है । 

यह भी बता दे कि  इस परीक्षा केन्द्र पर तीन महाविद्यालयों के छात्र/ छात्राओ की परीक्षा थी जिसमें सर्वाधिक संख्या क्रमशः नीलम देवी स्ना० महाविद्यालय धतुरीटोला , श्री सुदृष्टि बाबा स्ना० महा० रानीगंज एवं उदित नारायण स्ना० महा० पिण्डारी की है । अब इस केन्द्र की दिनाकं 9 ,10 ,11 एवं 12 अगस्त  2021 को होने वाली परीक्षा निश्चित समय पर उसी केन्द्र व्यवस्थापक के नेतृत्व में परिवर्तित स्थान बाबा लक्ष्मण दास इण्टर कालेज , बैरिया में होगी ।








बलिया शहर के निचले हिस्सो के घरों में घुसा पानी

शहर के दक्षिण व पूरब के डूब क्षेत्रो में बनी कालोनियों के घरों में गंगा के बाढ़ का पानी घुस चुका है । महाबीर घाट स्थित गायत्री मंदिर डूब गया है । यही नही महाबीर घाट से गंगा तट जाने वाली सड़क के ऊपर भी पानी बहने लगा है ।

जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की

जिला प्रशासन की तैयारियों पर जताया संतोष, जिलाधिकारी की सराहना की











बलियाः जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ने जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक व सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर बचाव व राहत कार्याें की समीक्षा की। बाढ़ प्रभावित इलाकों में समय से राहत सामग्री, पका-पकाया भोजन के पैकेट, स्वच्छता, मानव व पशु सुरक्षा के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धा व दवा किट का वितरण आदि के सम्बन्ध में कड़े दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन की तैयारियों पर संतोष जताया और जिलाधिकारी के नेतृत्व की सराहना की।

जलशक्ति मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बलिया को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी। यहां के लिए जितने प्रस्ताव गए, सभी को स्वीकृत किया गया। सबसे अहम बात कि बचाव कार्य के लिए जो धनराशि अप्रैल में मिलती थी, उसे हमारे मुख्यमंत्री जी ने जनवरी में ही जिलों में भिजवा दिया, ताकि समय से कार्य पूरा करके खत्म भी किया जा सके। इसी का नतीजा रहा कि समय से सभी परियोजनाएं पूरी भी हो गयी।

समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि तैयारी में अब भी कोई कमी रह गयी है तो उसे तत्काल पूरा कर लें। जहां पानी आ गया है वहां तो तैनात रहें ही, जहां पानी आने वाला हो, वहां के लिए भी तैयारी पहले ही कर लें। अनुमन्य राहत सामग्री का वितरण युद्धस्तर पर हो। इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री बनाकर तैयार कर लिया जाए। विस्थापित परिवार को पका पकाया फुड पैकेट दिया जाए। जरूरतमंदों को साड़ी व अन्य जरूरी कपड़े भी दे सकते हैं। इसमें सामाजिक सहयोग भी लें। शुद्ध पेयजल सबसे जरूरी सेवाओं में एक है, इसलिए आवश्यकता पड़े तो बड़े गैलेन के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास करें। जलभराव वाले क्षेत्रों में बिजली काट दी जाती है, ऐसे में वहां प्रकाश व्यवस्था के लिए टार्च, मोमबत्ती, लालटेन, मिट्टी तेल, इमरजेंसी लाईट की व्यवस्था जरूर कर लें। टापू बने गांवों में जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। हर गांव में एकाध बैट्री की व्यवस्था कर दें, ताकि लोग मोबाइल चार्ज कर सकें।

उन्होंने सीडीओ को निर्देश दिया कि पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, निगरानी समिति व स्वच्छता समिति को आपस में समन्वय बनाकर गांव में बैठकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराने का प्रयास सुनिश्चित कराएं। बाढ़ प्रभावित हर गांव में एक-एक नोडल तैनात कर उनकी जवाबदेही तय कर दिया जाए। डीपीआरओ को निर्देश दिया कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखंें, ताकि संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोका जा सके। इसके लिए युद्धस्तर पर फाॅगिंग, छिड़काव, ब्लीचिंग कराते रहें। एडीएम से कहा कि कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहे और उस पर आने वाली सूचना पर तत्काल रिस्पांस मिले।

बैठक में बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि बैरिया क्षेत्र के 8 गांवों की करीब 25 से 30 हजार आबादी प्रभावित है। लेकिन, सुदूर इलाकों में एक भुवालछपरा व नौरंगा के लोगों को कस्बों में आने के लिए दो घंटे नाव से आना पड़ता है। इसलिए वहां चिकित्सा के क्षेत्र में सुसज्जित व्यवस्था सबसे जरूरी है। क्षेत्र में सचल मेडिकल टीम भी रहे। विधायक ने बीएसटी बंधे के डेंजर जोन एनएच-31 पर रामगढ़ के पास रिस्की प्वाइंट को बताते हुए कहा कि अगर एनएच टूटा तो बड़ी तबाही होगी। इस पर जलशक्ति मंत्री ने बाढ़ खंड के एक्सईसन को पूरी ताकत लगाकर वहां अलर्ट रहने का निर्देश दिया। बेल्थरारोड विधायक धनन्जय कन्नौजिया ने कोईरी मुहान ताल को जल संरक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने की मांग की। बैठक में जिलाधिकारी अदिति सिंह, एसपी डाॅ विपिन ताडा, सीडीओ प्रवीण वर्मा, एडीएम रामआसरे सहित सिंचाई व बाढ़ खंड के अभियंता मौजूद थे।


तटबंधों पर कैंप करें इंजीनियर


- जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि पानी के बढ़ने की अभी भी सम्भावना है। इसलिए बाढ़ खंड के सभी इंजीनियर तटबंधों पर कैंप करें। तटबंधों पर लगातार भ्रमण कर संवेदनशील जगहों पर नजर रखें। डेंजर जोन जहां है वहां जनरेटर लगवाकर प्रकाश व्यवस्था कर निगरानी करें। जनप्रतिनिधियों से भी सम्पर्क बनाकर रहें और उनसे भी राय-मशविरा करते रहें।


मानव संग पशुओं की भी करनी है चिंता


जलशक्ति मंत्री ने कहा कि बाढ़ की आपदा में मानव जाति संग पशुओं की भी उतनी ही चिंता करनी है। सीवीओ को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए भी चारा, दवाई, टीकाकरण की व्यवस्था अत्यंत जरूरी है। सीएमओ से कहा कि सभी सीएचसी-पीएचसी पर स्टाॅफ तैनात रहे। हर बाढ़ चैकी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम जरूरी दवाओं के साथ तैनात रहे। आवश्यकत दवाओं से लैस किट तैयार रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल वितरण की जा सके। गर्भवती महिलाओं को क्या सावधानी बरतनी है, इसके लिए जागरूक किया जाए।


वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर गांव में रहें

मंत्री श्री सिंह ने पुलिस अधीक्षक डाॅ विपिन ताडा से कहा कि बाढ़ के समय गांवों से सम्पर्क टूटने की आशंका रहती है। ऐसे में हर प्रभावित गांव में वायरलेस सेट के साथ सिपाही हर समय रहें। पुलिस जवान गांव में बैठकर एक दूसरे के सहयोग के प्रति जागरूक करेंगे तो वह और कारगर होगा।

एनडीआरएफ-एसडीआरएफ जवानों की सुविधा का रखें ख्याल

उन्होंने कहा कि बचाव कार्य के लिए जिले में आए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गोताखोर, नाव चालक आदि की सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाए। उन्हें समय से भोजन-पानी व अन्य संसाधन मिले।