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अब वकील साहबों की हड़ताल पर लगेगी लगाम,बीसीआई ने शुरू की तैयारी

                                      प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली ।। एडवोकेट का मूलरूप से कर्तव्य लोगों को न्याय दिलाने का है। वकीलों को न्यायदान की प्रक्रिया का जरूरी घटक मानकर ऑफिसर ऑफ दी कोर्ट की हैसियत दी जाती है,जो न्यायदान में न्यायाधीश का भरपूर सहयोग करता है। अगर वकील ही बिना किसी ठोस कारण के अकसर हड़ताल पर चले जाएं या कोर्ट के कामकाज का पुरजोर बहिष्कार करेंगे तो देश की जनता को न्याय कैसे मिलेगा?इसी को लेकर बीसीआई ने वकीलों की बार बार हड़ताल को लेकर सख्ती दिखाई है।


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ को बार काउंसिल ऑफ इंडिया(बीसीआई) के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने बताया कि सभी बार काउंसिल के साथ बैठक बुलाई गई है।जिससे वकीलों की हड़ताल और कोर्ट का बहिष्कार को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जा सके।











विगत वर्ष अधिवक्ताओ की हड़ताल के चलते सुप्रीम कोर्ट का कामकाज बाधित हुआ था।तब पीठ ने इस मुद्दे से निपटने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई की थी।अब बीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट बताया कि बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने वाले बार एसोसिएशन और सोशल मीडिया के माध्यम से हड़ताल को बढ़ावा देने वाले वकीलों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाई का प्रस्ताव रखा गया है।कोर्ट ने कामकाज में अधिवक्ताओ का अबाध सहयोग मिले और वह छोटी छोटी बातों पर हड़ताल पर न जाएं,इसे बीसीआई सुनिश्चित करेगा।

साभार-लॉ ट्रेंड