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जहरीली शराब ने ली 10 लोगो की जान : एसएसपी मुनिराज ने भी की घटना को दबाने की कोशिश,3 थानेदारों समेत 9 निलम्बित

 


आगरा ।। जहरीली शराब से अब तक 10 लोगो की मौत हो चुकी है. तीन गांवों में जहरीली शराब काल बनकर टूटी है. थाना पुलिस से एसएसपी तक ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. लेकिन एडीजी राजीव कृष्ण ने घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस की भूमिका की जांच कराई है और दोषी पुलिसवालों को सस्पैंड कर दिया है । तीन थानेदारों समेत 9 पुलिसवालों पर कार्रवाई की गाज गिरी है. आबकारी विभाग के अफसर और सिपाहियों पर कार्रवाई के लिए एडीजी ने शासन को चिठ्ठी लिखी है ।


आधी रात के बाद पुलिस ने जबरदस्ती जलवाई थी लाश

डौकी थाना पुलिस की अमानवीयता की तस्वीर दिल को झकझोर देती है. यहां के कौलारा कलां गांव में 40 साल के रामवीर की शराब पीने से मौत हुई थी. पुलिसवालों ने रात के दो बजे रामवीर के शव का जबरन अंतिम संस्कार करा दिया. परिवार को पुलिस ने दबंगई दिखाई और किसी को मृतक का चेहरा तक नही देखने दिया गया. रामवीर की पत्नी आखिरी बार भी अपने पति का मुंह नही देख पायी. परिवार के किसी व्यक्ति को मृतक की अर्थी को कंधा तक नही देने दिया गया.

गांव पहुंचे एडीजी राजीव कृष्ण से पुलिस के अमानवीय कृत्य की शिकायत की गयी है. एडीजी ने इंसाफ दिये जाने का आश्वासन पीड़ित परिवार को दिया है. शराब पीने से तबियत बिगड़ने के बाद से रामवीर आगरा के निजी अस्पताल में भर्ती थे. उनकी अस्पताल में ही मौत हो गयी थी. पुलिस ने परिवार को कफन और बांस दिये और एम्बुलेंस से लाश उतारते ही उसकी अर्थी बनाकर उस पर शव को रख दिया. पुलिस ने अपना खौफ और दबंगई के बल पर लाश को जबरन रात को दो बजे मुखाग्नि दिलाई. रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक हिंदू धर्म के मुताबिक अंतिम संस्कार किया जाना निषेध माना जाता है.

कमिश्नर ने माना- एल्कोहल से हुई मौतें

आगरा के डौकी थाना क्षेत्र के गांव कौलारा कलां, ताजगंज के देवरी और शमसाबाद के गढ़ी जहानसिंह में जहरीली शराब का कहर टूटा है. इन गांवों में अब तक 10 लोगो की मौत हुई है. पुलिस और आबकारी विभाग ने मौतों के बाद मामला दबाने के लिए जमकर गुंडई की है. माना जा रहा है कि पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से चल रही थी. मंडलायुक्त अमित गुप्ता के मुताबिक जिन लोगो की शराब पीने से मौत हुई है उनमें से 4 की एफएसएल रिपोर्ट में मिथाइल अल्कोहल पाया गया है. मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है.

एसएसपी ने जांच रिपोर्ट देखे बिना पुलिसवालों को बचाते हुए दिया था बयान

आगरा के एसएसपी मुनिराज जी ने 25 अगस्त की शाम इस संबध में वीडियो बयान जारी करते हुए मौत का कारण जहरीली शराब होने से ही इंकार कर दिया था. मुनिराज जी के मुताबिक मौतों का कारण शराब न होकर अलग-अलग है. एसएसपी ने खुद को और पुलिसवालों को बचाने के लिए यह तर्क दिया था कि ओवरडोज लेने की वजह से लोगो की मौत हुई है. जबकि ऐसा कोई तथ्य जांच में सामने नही आया. अपने इस बयान को लेकर एसएसपी सवालों के कटघरे में है. लेकिन एडीजी ने इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की है. डौकी, ताजगंज, शमसाबाद के थानेदारों को सस्पैंड कर दिया गया है. इसके अलावा बीट सिपाहियों समेत 6 पुलिसवालों पर भी सस्पैंशन की कार्रवाई की गयी है.

आबकारी अफसरों पर कार्रवाई लिए शासन से संस्तुति

एडीजी जोन ने अपनी जांच में फतेहाबाद सेक्टर 3 आबकारी निरीक्षक संजय कुमार विद्यार्थी, सेक्टर 7 ताजगंज के आबकारी निरीक्षक रजनीश पांडेय और तीन आबकारी सिपाहियों को प्राथमिक जांच में दोषी पाया है और उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के लिए शासन को संस्तुति की है. इन इलाकों में अवैध शराब की बिक्री धड़ल्ले से चल रही थी लेकिन थाना प्रभारी और आबकारी विभाग के अफसरों ने शराब माफिया पर कोई कार्रवाई नही की. एडीजी को जांच के दौरान शराब बिक्री करने वालों के भी नाम मिले है । (साभार भारत समाचार)

https://youtu.be/tarA6HgxzEg