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बलिया में पुलिस पर लगा यह आरोप,ऑडियो वायरल

 


सुभासपा प्रदेश प्रवक्ता और गड़वार एसओ का ऑडियो हुआ वायरल , लगाया एसओ पर परेशान करने का आरोप

 मधुसूदन सिंह

बलिया ।।  जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव से पहले राजनैतिक दलों के साथ साथ पुलिस भी सत्ता पक्ष के समर्थन में खुलकर सामने आने लगी है । कही विरोधियों पर एफआईआर दर्ज हो रही है तो कही स्थानीय पुलिस जिला पंचायत सदस्यों के घर इस तरह दविश दे रही है जैसे ये कोई जनप्रतिनिधि नही आतंवादी हो । सन 1995 से यानी जब से पंचायतीराज कानून लागू हुआ तब से सत्ताधारी दलों द्वारा सरकारी तंत्र का प्रयोग कर ऐसे चुनावो को जीतने का सिलसिला जारी है । यह अलग बात है कि जब खुद करते है तो सही होता है और जब दूसरा करता है तो गलत ।

 बलिया में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव वर्तमान मंत्री उपेन्द्र तिवारी व पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के लिये जीवन मरण का प्रश्न बन गया है । इस चुनाव में जिसका प्रत्याशी जीतेगा,उसका फेफना की जनता के बीच आगामी विधानसभा चुनाव में तूती बोलने की संभावना जतायी जा रही है । इस लिये दोनों तरफ से जो भी जीत के लिये आवश्यक अस्त्र है उसको चलाने में गुरेज नही किया जा रहा है ।

 इस समय इस चुनाव में बलिया पुलिस भी काफी सक्रिय हो गयी है । जिला पंचायत सदस्यों को खोजने के नाम पर इनके घरों पर भारी फोर्स के साथ दविश का सिलसिला शुरू हो गया है । एक जगह एफआईआर दर्ज होने के साथ 2 जगह और तहरीर पड़ने की सूचना है । सुभासपा के एक जिला पंचायत सदस्य के घर पुलिस की जबरदस्त दविश से परेशान परिजनों की शिकायत पर जब इस दल के प्रवक्ता सुनील सिंह ने थानाध्यक्ष गड़वार से जब इस संबंध में बातचीत की गई तो उनका एक ही जबाब था,जिला पंचायत सदस्य से बात करा दीजिये ।

 बलिया पुलिस कैसा खेल खेल रही है ,सुभासपा के प्रदेश प्रवक्ता सुनील सिंह और गड़वार एसओ राजीव सिंह के बीच हुई इस फोन वार्ता से लगाया जा सकता है। विगत कुछ दिनों से जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने,अगवा होने की खबरे लगातार आ रही है। इसके पीछे किसका हाथ है ये कोई नही जानता लेकिन राजनीति में कुर्सी के लिए खुलेआम गन्दी राजनीति का चेहरा एक के बाद एक सामने आ रहा है। इस वायरल फोन मामले में सुभासपा के प्रवक्ता द्वारा गड़वार के थाना प्रभारी को फोन कर पूछा जाता है कि हमारे जिला पंचायत सदस्य विपिन राजभर के घर पुलिस बार-बार जा रही है वही प्रभारी द्वारा जबाब मिलता है कि कहां है वो ,पुलिस जानना चाहती है उनसे बात कराए वो कहा है। वही प्रदेश प्रवक्ता के द्वारा कहा जाता है कि क्या किसी ने तहरीर या मुकदमा है तो जवाब मिलता है कोई मुकदमा नही है। बावजूद प्रभारी द्वारा उनकी जानकारी मांगी जा रही है। आरोप लगया कि पुलिस के द्वारा बेवजह परेशान किया जा रहा है।


अब इस मामले में साफ प्रतीत हो रहा है कि कही न कही पुलिस की भूमिका राजनीति के अधीन है जिसका सबूत इस वायरल फोन कॉल पर सुना और समझा जा सकता है।