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जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पहुंचा रोचक दौर में,कल हो सकता है सदस्यों के गायब करने का एक दर्जन के करीब एफआईआर



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। सत्तारूढ़ भाजपा व सपा के लिये जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी नाक की सवाल बन गयी है । अभी तक सपा प्रत्याशी आनंद चौधरी व भाजपा प्रत्याशी सुप्रिया चौधरी के द्वारा ही नामांकन पत्र खरीदने से आमने सामने की लड़ाई दिख रही है । कल 11 बजे तक पर्चा खरीदा जा सकता है । धनबल के सहारे कुर्सी तक पहुंचने के इस चुनाव में खरीद फरोख्त का दौर शुरू हो गया है । अंतिम दौर में प्रत्याशी चयन के कारण भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क करने में आ रही है । जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिये फेफना विधानसभा के दो दिग्गज राजनेता आमने सामने है । सपा नेता अम्बिका चौधरी जहां अपने पुत्र आनंद को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने के लिये नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के साथ दिन रात एक किये हुए है तो वही फेफना विधायक व मंत्री उपेन्द्र तिवारी अपने धुर विरोधी के पुत्र को किसी भी कीमत पर जितने नही देना चाह रहे है । इसी कड़ी में श्री तिवारी ने अम्बिका चौधरी के रिश्तेदार की अनबन का फायदा उठाते हुए इनके रिश्तेदार को ही भाजपा उम्मीदवार बनाकर नहले पर दहला चल दिया है ।

सूत्रों की माने तो लगभग 3 दर्जन के करीब जिलापंचायत सदस्यों का अता पता ही नही चल रहा है । इतनी भारी तादात में सदस्यों के गायब होने से भाजपा के नेताओ की जीत की योजना का समीकरण गड़बड़ा रहा है । सूत्रों की माने तो शनिवार को हो सकता है कि लगभग एक दर्जन जिला पंचायत सदस्यों के परिजनों के द्वारा अपने जिला पंचायत सदस्य परिजन के जबरिया बंधक बनाने का मुकदमा भी कायम कराया जा सकता है । यह अलग बात है कि सम्बंधित सदस्य अपनी गवाही में परिजनों के द्वारा दी गयी तहरीर के खिलाफ बयान देता है या पक्ष में । बता दे कि जिला पंचायत में कुल 58 जिला पंचायत सदस्य है । जिसके पास 30 सदस्यों का वोट होगा, वह अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा ।