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लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया' फोरम की ऑनलाइन - साइंस, पॉलिटिक्स एंड एथिक्स ऑफ क्लाइमेट चेंज ,विषयक व्याख्यानमाला का पद्मश्री प्रो जगदीश शुक्ल के व्याख्यान से हुआ समापन





बलिया ।। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के ' लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया' फोरम की ओर से शनिवार (26 जून) को 'संगच्छद्धवं  आनलाइन व्याख्यान माला  का समापन बलिया की विभूति पद्मश्री प्रो० जगदीश शुक्ल के व्याख्यान के साथ हुआ। मौसम विज्ञान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ख्याति रखने वाले प्रो शुक्ल ने 'साइंस, पॉलिटिक्स एंड एथिक्स ऑफ क्लाइमेट चेंज' विषय पर हिन्दी में व्याख्यान दिया। दुनिया में जलवायु परिवर्तन से जुड़े गंभीर खतरों की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि ये खतरे कोरोना से कई गुना भयावह होंगे।  कहा कि पिछले कुछ सालों में दुनिया का औसत तापमान 14 डिग्री से बढ़कर 15 डिग्री हो गया है और यदि ग्रीन हाउस गैसों का उत्पादन ऐसे ही होता रहा तो यह 4 डिग्री सेल्सियस और बढ़ जायेगा, जिसके कारण समुद्र तल 5 मीटर ऊपर उठ जायेगा और तटवर्ती क्षेत्र के करोड़ों लोग विस्थापित होंगे।  इससे बचने के लिए आवश्यक है कि समाज और सरकारें मिलकर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के प्रयत्न करें। इस समस्या के राजनीतिक और नैतिक पहलुओं के बारे में बताते हुए प्रो शुक्ल ने  कहा कि कुछ सरकारें और राजनीतिक दल जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। दुःखद यह है कि यह समस्या अमीर  देशों द्वारा उत्पन्न की जा  रही है और इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव गरीब देशों  या गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। 

  अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो० कल्पलता पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय की प्री पी-एच० डी०  की परीक्षा शीघ्र संपन्न होनी है, इन शोधार्थियों के विषय चयन और मार्गदर्शन के लिए इन महानुभावों की सहायता ली जायेगी। इस प्रकार विश्वविद्यालय में अनुसंधान और शिक्षण का एक प्रेरक वातावरण निर्मित होगा जिससे युवा प्रतिभाओं का निर्माण व विकास होगा। 

     इस गोष्ठी में अतिथियों का स्वागत डा० यादवेंद्र प्रताप सिंह, संचालन डा० प्रमोद शंकर पांडेय  तथा धन्यवाद ज्ञापन डा० जैनेंद्र कुमार पांडेय ने किया।

       इस गोष्ठी में रामेश्वर चौबे, जयप्रकाश नारायण पांडेय, ऋषि सिंह, टी लाल आदि देश- विदेश के ख्याति- लब्ध वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर तथा  डा० गौरीशंकर दूबे, डा० अशोक सिंह, डा० गणेश पाठक, डा० ओंकार सिंह, डा० वीरेंद्र सिंह,डा० देवेंद्र सिंह, अपराजिता, अतुल, मंजीत, सुजीत आदि विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य, प्राध्यापक गण, शोध छात्र एवं विद्यार्थी सम्मिलित रहे।