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थाईलैंड कॉलगर्ल केस: अमिताभ ठाकुर नूतन ठाकुर की मांग, MP पुत्र पर दर्ज हो FIR ,पुलिस नही ढूंढ पायी युवती के रहने का ठिकाना



 ए कुमार

लखनऊ ।। अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने थाईलैंड की कॉलगर्ल की रहस्यमय मृत्यु के संबंध में विधिक प्रावधानों के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर अग्रेतर विधिक कार्यवाही किये जाने की मांग की.

पुलिस कमिश्नर लखनऊ के साथ एसीएस होम तथा डीजीपी  को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि मीडिया में आये समाचारों से स्पष्ट है कि थाईलैंड की एक कॉलगर्ल चोरीछिपे लखनऊ में लायी गयी, यहाँ उसके बीमार पड़ने पर अनुचित एवं अवैधानिक ढंग से चोरी-चुपके इलाज कराया गया तथा मृत्यु के पश्चात् भी लखनऊ पुलिस की सक्रिय सहायता एवं सहयोग से उस महिला के शव का अंतिम संस्कार भी चोरी छिपे विधि के प्रावधानों के विपरीत किया गया. 


उन्होंने कहा कि आज राजनेता आईपी सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल पर आरोप लगाया है कि बीजेपी के राज्यसभा सांसद संजय सेठ के बेटे ने ही 'अय्याशी' के लिए उसे बुलवाया था ।

अमिताभ तथा नूतन ने कहा कि इस प्रकरण में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किया जाना उचित नहीं है. अतःउन्होंने अविलंब संजय सेठ के पुत्र के खिलाफ सम्यक धाराओं में एफआईआर दर्ज कराते हुए अग्रेतर विधिक कार्यवाही कराये जाने की मांग की है ।

विदेशी युवतियों को ऐय्याशी के लिये लखनऊ बुलाना पुराना चलन

 लखनऊ में विदेशी युवतियों के आने और उनको बड़े पार्टियों में शामिल होने की बात नई नहीं है। राजधानी के कई रसूखदार और सफेदपोश व्यापारी व बिल्डर विदेशी युवती को बुलाकर पार्टियों में मौज मस्ती करते हैं । जिन देशों के युवतियों की मांग ज्यादा होती है।  उसमें थाईलैंड, रूस , कजाकिस्तान, कोरिया की लड़कियां शामिल है । लोहिया अस्पताल में कोरोना संक्रमण से थाईलैंड की युवती की मौत हो गई थी । इस मामले में सामने आया कि युवती किसी रसूखदार व्यापारी के बुलावे पर लखनऊ पहुंची थी । लखनऊ पहुंचने के बाद कोरोना संक्रमित हो गई । इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। युवती की मौत के बाद राजधानी के सफेदपोश कारोबारियों के काले कारनामों पर सोशल मीडिया पर कई संदेश वायरल हो गए। यहां तक कि इस मामले में नामी बिल्डर को मामले की जांच कराने के लिए कमिश्नर को पत्र तक देना पड़ा। ये भी है एक  प्रशासनिक अधिकारी के लिए बुलाई गई थी युवती , कोरोना संक्रमण से मृत युवती थाईलैंड से लखनऊ  खुद ब खुद नहीं पहुंची है सूत्रों की माने तो इससे राजधानी के रसूखदार व्यापारी वह सफेदपोश बिल्डर ने अपने खर्चे पर बुलाया है  । चर्चा इस बात की भी है कि युवती की मुलाकात किसी बड़े प्रशासनिक अधिकारी से कराई जानी थी। थाई युवती को किसी प्रशासनिक अधिकारी के डिमांड पर बुलाया गया था। इस बात की चर्चा दिन भर प्रशासनिक अधिकारियों व राजनीतिक गलियारों में होती रही। जिस सफेदपोश ने युवती को थाईलैंड से बुलाया था । उसने अपने करीबी होटल मालिक के जरिए रुकने का इंतजाम कर आया था। पुलिस की जांच में इस रसूखदार बिल्डर का भी नाम सामने आ जाएगा।  2 दिन से पुलिस युवती के स्थानीय गाइड से कर रही पूछताछ, थाईलैंड से आई युवती का स्थानीय गाइड सलमान था वजीरगंज इलाके में रहता है , पूछताछ जारी!

युवती कहां ठहरी थी पता लगाने में पुलिस अबतक नाकाम

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में थाईलैंड की 41 वर्षीय युवती की 3 मई को लोहिया अस्पताल में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। यूपी पुलिस ने एंबेसी से संपर्क किया। वहां से स्थानीय गाइड सलमान को अंतिम संस्कार के लिए जिम्मेदारी दी गई। पुलिस ने वीडियो काल के जरिए परिजनों को अंतिम दर्शन कराने के बाद संस्कार किया। इस दौरान भी  सलमान मौजूद था। इसके बाद युवती की अस्थियां एम्बेसी को भेजने की तैयारी शुरू हो गई। इसी बीच शनिवार को सोशल मीडिया पर युवती की मौत का मामला रसूखदारों से जुड़े होने की वायरल हुई तो जांच शुरू की गई। युवती के अस्पताल में दर्ज कराए गए पते पर पड़ताल शुरू की गई।हजरतगंज के जिस होटल में रुकने की बात कही थी वहां पुलिस को उसके ठहरने का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है। हजरतगंज पुलिस का दावा है कि इलाके के सभी बड़े होटलों के एंट्री रजिस्टर को चेक किया गया है। साथ ही होटल के बाहर व अंदर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई है, जिसमें थाई युवती के आने-जाने का कोई भी साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। हालांकि पुलिस का दावा है कि होटल स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।  पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन में किसी भी विदेशी शख्स के होटल में रुकने का सवाल ही नहीं उठता है। अगर किसी भी होटल ने कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं किया है तो उसपर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का दावा है कि उसने क्षेत्र के 10 बड़े होटलों के कर्मचारियों से पूछताछ भी की है, जो थाई युवती के ठहरने की बात से साफ इनकार कर रहे हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर युवती शहर में कहा रुकी थी, जिसे पता कर पाने में कमिश्नरेट पुलिस नाकाम साबित हो रही है।