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नही रहे सन्त प्रवर रामबालक बाबा, भक्तो सन्तो में फैली शोक की लहर




बलिया ।। जिले की पौराणिक आध्यात्मिक परंपरा के पुनरोद्धारक संत श्री रामबालक दास जी का देहावसान हो गया है। रविवार साढ़े दस बजे दिन में श्री सीताराम प्रमोद वाटिका में सन्त शिरोमणि रामबालक बाबा ने अपना शरीर त्याग किया  । बाबा के देहावसान की खबर जैसे ही लोगो को लगी,चारो तरफ शोक की लहर दौड़ गयी । भक्तो और सन्तो का रेला बाबा के  अंतिम दर्शन के लिये उमड़ पड़ा है, सोमवार को बाबा को समाधि दी जाएंगी ।

 भृगक्षेत्र की पौराणिक परंपराओं  पंचकोसी यात्रा , कार्तिक मास में गंगा तट पर कल्पवास , ददरी मेले मे सत्संग , संत सम्मेलन , संतसेवा ,यज्ञादि  को पुनर्जीवित करने वाले सिद्धसंत स्वामी रामबालक दास जी महाराज का सोमवार को निधन हो गया ।

बलिया से लेकर बांदा चित्रकूट धाम तक संतों और भक्तों में उदासी छा गयी है । ज्ञातव्य है कि महाराज जी चित्रकूट के श्रृंगारवन जहाँ भगवान राम सीताजी के श्रृंगार के लिये पुष्प चुने थे , उस महात्यागी सियाराम दास आश्रम के वर्तमान श्री मंहत भी थे ।

चित्रकूट धाम के संतों मे अत्यंत लोकप्रिय  रामबालक बाबा के निधन से सभी हतप्रभ शोकाकुल हैं ।कोरोना महामारी की बंदिशों के बीच मना करने के बाद भी सुरेमनपुर आश्रम पर लोगों का पहुँचना जारी है ।इस वीतरागी महात्मा के निधन से जिले मे चहुंओर शोक की लहर है ।