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कोरोना की गेमचेंजर 2-DG दवा बनाने वाले डॉ. अनिल मिश्र के गांव मिश्रचक में खुशी की लहर





संतोष कुमार शर्मा

सिकन्दरपुर बलिया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा कोविड की दवा का इजाद करने वाले डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र की सफलता पर उनके पैतृक गांव सिकन्दरपुर तहसील के मिश्रचक में खुशी की लहर है। डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र की मां सुशीला देवी खुशी से फूले नहीं समा रही। विजयशंकर मिश्रा के दूसरे नम्बर के पुत्र डॉ अनिल कुमार मिश्र के दो भाई अशोक मिश्र व सुधीर मिश्र अध्यापक है, जबकि अरुण मिश्र घर पर रहते हैं। माता सुशीला देवी अपने बेटे की सफलता पर गौरवान्वित हैं। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उनका बेटा बाल्यकाल से ही कुशाग्र बुद्धि का व होनहार रहा है। पढ़ाई के समय भी उसे किसी से कोई मतलब नहीं रहता था। उसे केवल पढ़ने लिखने की ही धुन रहती थी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन में कार्यरत डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने कोरोना की दवा की खोज की है। इस सूचना के बाद सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के मिश्रचक गांव में खुशी की लहर है। इस सफलता पर गांव के लोग बेहद प्रफुल्लित हैं। डॉ मिश्र के भाई अरुण मिश्र ने कहा कि उनके भ्राता ने बलिया जिले की मिट्टी को धन्य कर दिया है। डॉ मिश्र ने अपनी प्राथमिक शिक्षा जूनियर हाई स्कूल सिकन्दरपुर से की है। उन्होंने हाईस्कूल राष्ट्रीय इंटर कालेज सन्दवापुर से व इंटरमीडिएट मिर्जापुर से उत्तीर्ण किया है। उन्होंने वर्ष 1984 में गोरखपुर विश्वविद्यालय से एमएससी और वर्ष 1988 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान विभाग से PhD  की है। इसके बाद वह फ्रांस के बर्गोग्ने विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रोजर गिलार्ड के साथ तीन साल के लिए पोस्टडॉक्टोरल फेलो रहे। फिर वे प्रोफेसर सी एफ मेयर्स के साथ कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में भी पोस्टडॉक्टोरल फेलो रहे। डॉ. अनिल कुमार मिश्रा वर्ष 1994 से 1997 तक INSERM, नांतेस, फ्रांस में प्रोफेसर चताल के साथ अनुसंधान वैज्ञानिक भी रहे। डॉ. अनिल मिश्र 1997 में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में डीआरडीओ के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज में शामिल हुए। वह 2002-2003 तक जर्मनी के मैक्स-प्लैंक इंस्टीट्यूट में विजिटिंग प्रोफेसर और INMAS के प्रमुख रहे। डीआरडीओ में वरिष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर कार्यरत डॉ. अनिल मिश्र वर्तमान में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन(डीआरडीओ) के साइक्लोट्रॉन और रेडियो फार्मास्यूटिकल साइंसेज डिवीजन में काम करते हैं। उल्लेखनीय है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने कमाल करते हुए कोरोना की दवा बना दी है। मोदी सरकार ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है। डॉक्टर अनिल कुमार मिश्र के पूर्व सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के लीलकर गांव के ही एम्स में कार्यरत डॉ संजय राय के नेतृत्व में कोविडशील्ड वैक्सीन के शोध का कार्य हुआ था।


कोरोना की गेम चेंजर दवा बनी 2DG, सिकंदरपुर के मिडिल स्कूल में खुशी


गेम चेंजर 2 DG दवा बनाने वाले डॉक्टर अनिल मिश्रा के गांव में खुशी की लहर व्याप्त है। इस दौरान उनकी प्रारंभिक शिक्षा  जूनियर हाई स्कूल सिकंदरपुर में हुई थी। जूनियर हाई स्कूल सिकंदरपुर के प्रधानाध्यापक जहीर आलम अंसारी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि 1975 में अनिल मिश्रा ने इसी विद्यालय से आठवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। बताया कि अध्यापक जो अब भी मौजूद हैं उनसे संपर्क करने पर उन्होंने बताया है कि अनिल मिश्रा बहुत ही होनहार छात्र थे। उन्होंने पढ़ाई में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सभी अध्यापक उनसे सदैव प्रसन्न रहते थे। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि आज परिषदीय विद्यालयों में अवसरों की कमी नहीं है। इसी विद्यालय के निकले हुए दर्जनों छात्र और छात्राएं जिनमें कोई जज है कोई डीएम है कोई कप्तान है। सब इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं।