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विश्वास या अंधविश्वास : पैर धो कर पानी पीने की परंपरा कोरोना काल मे कितनी जायज

 




मधुसूदन  सिंह

बलिया ।। एक तरफ कोरोना काल मे एक दूसरे के स्पर्श से भी लोग बच रहे है, जनपद के मनियर थाना क्षेत्र से एक ऐसी वीडियो वायरल हुई है जो सनातनी परम्परा के नाम पर कोरोना फैलाने वाली हो सकती है । एक तरफ पैर धुलवाने वाले पूर्व प्रधान इसको गुरु शिष्य परम्परा का अंग कह रहे है तो दूसरी तरफ प्रधान प्रत्याशी के पति इसको छोटी जातियों को नीचा दिखाने वाला कृत्य कह रहे है ।

कोरोना के दूसरी लहर के बीच बलिया में अंधविश्वास पर विश्वास करने का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ है हालांकि  बलिया एक्सप्रेस का इरादा किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का नही है बावजूद कोरोना के संक्रमण के इस दौर में लोगो से सेहत के लिये ऐसा करने से परहेज करने की गुजारिश जरूर कर रहा है ।



 वायरल वीडियो में एक पूर्व प्रधान सामंतों की तरह कुर्सी पर बैठे है और उसके पैरों के पास एक युवक एक बर्तन में उनका पैर डाल कर पहले धोता है फिर उस पानी को पी जाता है।वायरल वीडियो के पड़ताल में वीडियो मनियर ब्लॉक के विशुनपुरा गांव की निकली । जिसकी जानकारी लेने के लिये जब मीडियाकर्मियों की टीम उस गांव में पहुंची तो उसका सामना उस व्यक्ति से हुआ जिसका वायरल वीडियो में पैर पानी से धो कर एक युवक पिता है। पता चला वो व्यक्ति गांव के पूर्व प्रधान श्रीनिवास मिश्रा है। पूर्व प्रधान से मीडिया ने वायरल वीडियो का सच जानना चाहा जिसका जवाब भी हैरान कर देने वाला मिला। जवाब में पूर्व प्रधान ने बताया कि 1985 से नवरात्रि का व्रत रखता हूँ। व्रत के दौरान मैं अन्न ग्रहण नही करता। रोज सुबह 4 बजे मां दुर्गा का पाठ करने के बाद ही चाय पीता हूँ। इसी धार्मिक वृत्ति की वजह से लोग मेरा पैर धोकर मेरा चरणोदक पीते है। 

वही इसी ग्राम पंचायत के प्रधान पद के प्रत्याशी के पति की माने तो यह कृत्य निंदनीय है और एक अपराध भी है। जिसका  सोशल मीडिया पर विरोध करने की बात कही। इस मामले को लेकर गांव में अलग अलग विचार और मतभेद देखने को मिला। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऐसा किया जाना किसी खतरे की घण्टी से कम नही है।

पूर्व प्रधान श्रीनिवास मिश्र का बयान



प्रधान पद प्रत्याशी के पति का बयान