क्या है अप्रैल फूल डे और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत? हम भारतीयों के लिए क्यो खास है यह दिन
डॉ सुनील कुमार ओझा (उपसम्पादक-बलियाएक्सप्रेस)
बलिया ।। बड़े ही दुख की बात है कि हम 80 से 90 प्रतिशत भारतीय आज 1 अप्रैल को सिर्फ मूर्ख दिवस के रूप में ही जानते है क्योंकि ये हमारे परम्परा में शामिल हो गया है जबकि हमारे लिए यह दिन बहुत गौरवशाली दिन है।लेकिन हमारे ऊपर पश्चिमी सभ्यता इस कदर हॉबी है कि हम अपना मूल ही भूलते जा रहे है जो एक विचारणीय प्रश्न है।
एक या दो नहीं बल्कि इस दिन को मनाने के पीछे कई तरह की कहानियां और कहावतें प्रचलित हैं। अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है यह दिन। तो आइए जानते हैं इसके बारे में..
अप्रैल फूल सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मनाया जाता है। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी भी होती है। इस दिन लोग एक-दूसरे से मजाक करते हैं। फिर चाहे वो मैसेज भेजकर, प्रैंक करने के अलावा और भी कई तरीकों से। जिसका लोग बुरा नहीं मानते बल्कि उसे एंजॉय करते हैं।
अप्रैल फूल डे की शुरूआत
इसकी कोई खास जानकारी नहीं है कि पहली बार अप्रैल फूल डे कब मनाया गया था। लेकिन लोग मानते हैं कि फ्रेंच कैलेंडर में होने वाला बदलाव अप्रैल फूल डे मनाने की शुरुआत हो सकती है। तो वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय की एनी से सगाई के कारण अप्रैल फूल डे मनाया जाता है। और कुछ लोग इसे हिलारिया फेस्टिवल से भी जोड़ कर देखते हैं।
इनमें सबसे ज्यादा मशहूर अवधारणा के अनुसार पुराने समय में रोमन लोग अप्रैल में अपने नए साल की शुरूआत करते थे, तो वहीं मीडिल यूरोप में 25 मार्च को नए साल का उत्सव मनाया जाता था। लेकिन 1852 में पोप ग्रेगरी अष्ठम ने ग्रेगेरियन कैलेंडर (जो आज प्रचलित है) की घोषणा की, जिसके बाद से जनवरी से नए साल की शुरुआत होने लगी।
फ्रांस द्वारा इस कैलेंडर को सबसे पहले स्वीकार किया गया। लेकिन लोगों के अनुसार यूरोप के कई देशों ने इस कैलेंडर को स्वीकार नहीं किया था तो वहीं कई लोगों इससे पूरी तरह अंजान थे, जिसकी वजह से नए कैलेंडर के आधार पर नया साल मनाने वाले लोग पुराने तरीके से अप्रैल में नववर्ष मनाने वाले लोगों को मूर्ख समझने लगे और तभी से अप्रैल फूल मनाया जाने लगा।
अप्रैल फूल डे अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और ब्रिटेन में अप्रैल फूल डे सिर्फ दोपहर तक मनाया जाता है। जबकि कुछ देशों- जापान, रूस, आयरलैंड, इटली और ब्राजील में पूरे दिन मूर्ख दिवस मनाया जाता है।
भारत के विशेष संदर्भ में 1 अप्रैल का इतिहास
दुनिया के लोग भले ही एक अप्रैल को एक दूसरे को मूर्ख बनाकर मजा लेते हों, लेकिन इतिहास में इस तारीख पर कई बड़ी घटनाएं दर्ज हैं। भारत में रिजर्व बैंक की स्थापना और अमेरिका में एप्पल की स्थापना इस सदी की चंद बड़ी घटनाओं में शामिल हैं, जिसका साक्षी एक अप्रैल का दिन रहा। भारत में 1 अप्रैल 1935 को रिजर्व बैंक की स्थापना हुई और 1 जनवरी 1949 को इसका राष्ट्रीयकरण किया गया। यह केन्द्रीय बैंकिंग प्रणाली है। नयी दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
अमेरिकी कंपनी एप्पल की बात करें तो यह परीकथा जैसी लगती है। एक अप्रैल 1976 को केलिफोर्निया में स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनीक और रोनाल्ड वेन ने एप्पल इंक की स्थापना की। शुरू में इसके नाम में कंप्यूटर शब्द भी जोड़ा गया था, लेकिन 9 जनवरी 2007 को इसके नाम से कंप्यूटर शब्द हटा लिया गया और स्टीव जाब्स ने पहला आई फोन बाजार में उतारा। राजस्व के हिसाब से एप्पल दुनिया की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी बनी और फोन निर्माण के क्षेत्र में भी इसने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
*देश दुनिया के इतिहास में एक अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-*
*1582 :* फ्रांस में इस दिन को मूर्ख दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई।
*1793 :* जापान में उनसेन ज्वालामुखी फटा, जिसकी वजह से करीब 53,000 लोगों की मौत हो गई।
*1839 :* कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बीस बिस्तर के साथ शुरू किया गया।
*1869 :* आयकर की शुरुआत की गई।
*1869 :* एक नया तलाक कानून अस्तित्व में आया।
*1878 :* कलकत्ता संग्रहालय को उसकी मौजूदा इमारत में जनता के लिए खोला गया।
*1882 :* डाक बचत बैंक प्रणाली की शुरुआत।
*1889 :* हिंदू का दैनिक अखबार के तौर पर प्रकाशन शुरू। 20 सितंबर 1888 से प्रकाशित इस अखबार को अब तक साप्ताहिक रूप से प्रकाशित किया जा रहा था।
*1912 :* भारत की राजधानी को औपचारिक रूप से कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया।
*1930 :* विवाह के लिए लड़कियों की न्यूनतम आयु 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई।
*1935 :* भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना।
*1935 :* इंडियन पोस्टल आर्डर की शुरुआत।
*1936:* उड़ीसा राज्य की स्थापना। इसे बिहार से अलग करके बनाया गया।
*1937:* पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का जन्म।
*1954 :* सुब्रत मुखर्जी भारतीय वायुसेना के पहले प्रमुख बनाए गए।
*1954 :* कलकत्ता के साउथ प्वाइंट स्कूल की स्थापना, जो 1988 में दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल बना।
1956 : कंपनीज एक्ट को लागू किया गया।
1957 : दाशमिक मुद्रा :डेसिमल कोएनेज: की शुरुआत के तौर पर एक पैसा चलाया गया। इसी आधार पर डाक टिकटों की बिक्री भी शुरू हुई।
1962 : मिट्रिक भार प्रणाली को पूरी तरह अपनाया गया।
1969 : तारापुर में देश के पहले परमाणु बिजली घर ने काम करना शुरू किया।
1973 : भारत के जिम कार्बेट नेशनल पार्क में बाघ संरक्षण परियोजना की शुरुआत।
1976 : टेलीविजन के लिए एक पृथक निगम की स्थापना की गई, जिसे दूरदर्शन नाम दिया गया।
1976 : स्टीव जॉब्स ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एप्पल कंपनी की स्थापना की।
1978 : भारत की छठी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत।
1979: ईरान इस्लामी गणराज्य बना।
1992 : आठवीं पंचवर्षीय योजना की शुरुआत
2004: गूगल ने जीमेल का ऐलान किया।
2010 : प्रथम नागरिक राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल का ब्योरा दर्ज करने के साथ ही देश में 15वीं जनगणना का काम शुरू हो गया।
1 अप्रैल 2021 से बदलने जा रहे हैं ये 10 नियम, नौकरीपेशा से लेकर आम आदमी पर होंगे असर
नए वित्त वर्ष से कई अहम नियम बदलने वाले हैं, जिनका सीधा असर नौकरीपेशा से लेकर आम लोगों पर पड़ेगा. असल में इनकम टैक्स और सैलरी से जुड़े कुछ नए नियम 1 अप्रैल से बदलने की तैयारी है. जिन नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं उनमें पीएफ पर टैक्स, डीए, आईटीआर और इनकम टैक्स से जुड़े नियम शामिल हैं. 1 अप्रैल से EPF में ज्यादा पैसा कटवाने पर टैक्स का प्रावधान है. बजट में किए गए एलानों के अनुसार 75 साल से ज्यादा उम्र वालों को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से राहत दी गई थी. तो वहीं जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है. ये सब बदलाव 1 अप्रैल से होने हैं, जिनके बारे में बजट 2021 में एलान किए गए थे. जानते हैं मुख्य बदलावों के बारे में…..
1. EPF योगदान पर टैक्स
अब एक वित्त वर्ष में ईपीएफ में 2.5 लाख तक निवेश ही टैक्स फ्री होगा. इनकम टैक्स के नए नियमों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 से सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा कॉन्ट्रिब्यूशन करने पर जो ब्याज के रूप में कमाई होगी, उस पर आपको टैक्स चुकाना होगा. जिन कर्मचारियों की इनकम ज्यादा है वो PF कॉन्ट्रिब्यूशन के जरिए ज्यादा टैक्स ना बचा सकें, इसलिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका बजट में एलान किया था. हालांकि, मंथली 2 लाख रुपए की सैलरी वालों पर इस नियम से कोई असर नहीं होगा.
2. बुजुर्गों को नहीं भरना होगा टैक्स रिटर्न
75 साल से अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर दाखिल करने से छूट दी गई है. वरिष्ठ नागरिकों पर अनुपालन बोझ को कम करने के लिए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 पेश करते हुए, आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने से 75 साल से ऊपर वालों को छूट दी थी. यह छूट उन सीनियर सिटीजंस को दी गई है जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज पर आश्रित हैं.
3. ITR फाइल नहीं करने पर एक्शन
केंद्र सरकार ने ITR फाइल करने को बढ़ावा देने के लिए TDS के नियमों को सख्त कर दिया है. इसके लिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206AB को जोड़ दिया है. नए नियम के मुताबिक ITR फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना TDS देना होगा. नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उन पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (टीसीएस- TCS) भी ज्यादा लगेगा.
नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से पीनल TDS और TCL दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं. ITR दाखिल नहीं करने वालों के लिए TDS और TCS की दर, 5 फीसदी या तय दर, जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी.
4. पोस्ट ऑफिस
पोस्ट ऑफिस अकाउंट से पैसा निकालने और जमा करने पर अब चार्ज देना होगा. अगर आपका अकाउंट इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) में है, तो आपको 1 अप्रैल से पैसे जमा करने या निकालने के अलावा आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) पर चार्ज देना होगा. यह चार्ज फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट के खत्म होने के बाद लिया जाएगा.
5. LTC
केंद्र सरकार ने COVID-19 के चलते ट्रैवल लीव कंसेशन (LTC) योजना में छूट की घोषणा की थी. ट्रैवल लीव कंसेशन (LTC) कैश वाउचर स्कीम नए वित्त वर्ष में लागू हो जाएंगे. सरकार ने पिछले साल उन लोगों के लिए योजना की घोषणा की थी जो कोरोना वायरस के चलते यात्रा पर लगे प्रतिबंधों की वजह से LTC टैक्स बेनिफिट का फायदा नहीं उठाया था.
6. प्री-फील्ड ITR फॉर्म
कर्मचारियों की सहूलियत के लिए और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रकिया को आसान बनाने के लिए इंडिविडुअल टैक्सपेयर्स को अब 1 अप्रैल 2021 से प्री-फील्ड ITR फॉर्म मुहैया कराया जाएगा. इससे ITR फाइल करना आसान हो जाएगा.
नोट : इसके अलावा न्यू वेज कोड अगर लागू किया जाता है तो आपके सीटीसी में बेसिक सैलरी का हिस्सा 50 फीसदी या उससे अधिक होना चाहिए. नए नियम लागू होने पर आपकी बेसिक सैलरी के साथ-साथ आपका सीटीसी भी बढ़ सकता है. वहीं, कुछ रिपोर्ट में यह दवा किया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों का डीए भी बढ़ाया जा सकता है.
7. इन बैंकों की बदलेगी चेकबुक
पंजाब नेशनल बैंक ने कहा है कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की पुरानी चेकबुक और आईएफएससी/एकआईसीआर कोड सिर्फ 31 मार्च तक ही काम करेंगे. इसके बाद आपको बैंक से नया कोड और चेकबुक लेना होगा.
8. नहीं छुपा पाएंगे आय
1 अप्रैल से पैन कार्ड और आधार कार्ड लिंक होना जरूरी है. पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं करने पर 10 हजार की पेनल्टी के साथ पैन नंबर भी इनवैलिड हो जाएगा. पैन और आधार लिंक होने के बाद आप अपना कोई निवेश या आय नहीं छुपा पाएंगे.
9. पेंशन फंड मैनेजर्स वसूल सकेंगे ज्यादा फीस
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने पेंशन फंड मैनेजर (PFM) को अपने ग्राहकों को 1 अप्रैल से उच्च शुल्क लेने की अनुमति दी है. इस कदम से इस सेक्टर में अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकता है. पेंशन नियामक ने 2020 में जारी प्रस्तावों (RFP) के लिए एक उच्च शुल्क संरचना का प्रस्ताव किया था. यह PFM के लिए लाइसेंस के एक नए दौर के बाद प्रभावी होना था.
10. नया वेज रूल
1 अप्रैल से सैलरी का नया वेज रूल लागू हुआ तो आपकी सैलरी में बदलाव होंगे. नए वेज कोड के मुताबिक आपको इन हैंड मिलने वाली सैलरी में वेतन का हिस्सा 50 फीसदी होना चाहिए. यानी बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग अलाउंस को मिलाकर मिलने वाली सैलरी आपकी कुल सैलरी का आधा होना चाहिए.
(साभार )
प्राध्यापक अमर नाथ मिश्र पी जी कालेज दूबेछपरा , बलिया उत्तरप्रदेश