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अप्रैल फूल छोड़ो , अप्रैल कूल मनाओ, धरती को ठंडक पहुंचाओ

 


  आजमगढ़ ।। अप्रैल के पहले दिन दुनियाभर में जहां अप्रैल फूल यानी मूर्ख दिवस मनाया जाना एक शौक माना जाता है,वहीं पर एक नए कैंपेन अप्रैल फूल नहीं अप्रैल कूल की एक गूंज दुनिया में धरती ठंडी बनी रहे और अपने जल- जंगल और पर्यावरण को बचाया जा सके, की सुनाई देने लगी है ।

    तमसा परिवार के प्रमुख सामाजिक और सांस्कृतिककर्मी अरविंद चित्रांश ने कहा कि चारों तरफ यह गूंज होनी चाहिए कि ‘अप्रैल फूल छोड़ो, अप्रैल कूल मनाओ ’। पहली अप्रैल को मूर्ख बनने और बनाने से अच्छा है एक पुनीत कार्य करना ,हर शख्स द्वारा कम से कम एक पौधा लगाना,जिससे धरती की ठंडक बनी रहे और अपने जल-जंगल और पर्यावरण को बचाया जा सके,चारों तरफ से समर्थन करते हुए देश के हर हिस्से में एक एक पौधा लगाकर उसे तब तक जल से सींचते रहें,जब तक पेड़ ना हो जाए,और सभी लोग पौधा लगाते हुए अपनी फोटो शेयर करें,जिससे आम जनमानस में जल संरक्षण,

प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बनी रहे ।