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कहां खो गयी ईओ के भ्रष्टाचार की फाइलें, आसमान निगल गया या पाताल में हो गयी दफन,सबसे बड़ा सवाल ?



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। नगर पालिका परिषद बलिया वर्तमान समय मे ईओ दिनेश विश्वकर्मा के कारण भ्रष्टाचार का अड्डा बन गयी है । यहां भ्रष्टाचार में सबसे ज्यादे सहायक बना है जेम पोर्टल । सीएम योगी की सरकार ने जेम पोर्टल के माध्यम से अधिक से अधिक खरीदारी को इस लिये आदेश दिया था कि पारदर्शिता रहेगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा । लेकिन भ्रष्टाचार करने वाला शातिर दिमाग का हो तो वह गोलमाल करने का रास्ता ढूंढ ही लेता है । चाहे डस्टबिन की खरीदारी हो, ई रिक्शा की खरीदारी हो,बिजली की मोटर की खरीदारी हो ,जेम पोर्टल के माध्यम से ही करोड़ो का घपला किया गया है । यही नही जेम पोर्टल से ही बिजली की दो मोटर जिनकी कुल कीमत 1लाख 80 हजार थी,खरीदी गई और दिसम्बर 2019 में इसके लिये 1लाख 80 हजार नही बल्कि 18 लाख का भुगतान कर दिया गया । यही नही ईओ साहब ने अपनी राज्यकर्मचारी पत्नी के 2017 के मेडिकल क्लेम को 2019 में ही बिना अधिकार के ही गलत तरीके से 2 लाख 87 हजार रुपये आहरित कर लिये । यह अलग बात है कि बलिया एक्सप्रेस के द्वारा इसको प्रमुखता के साथ छापने पर दोनों पैसे संभवतः नगर पालिका के खाते में वापस जमा हो गये है ।

यही नही ईओ विश्वकर्मा के खिलाफ चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी ,स्थानीय विधायक व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल व कर्मचारी संगठनों ने जनपद स्तरीय अधिकारियों से लगायत शासन स्तरीय व नगर विकास मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री तक लिखित शिकायत करके ईओ के खिलाफ जांच की मांग की है । कर्मचारियों ने तो माननीय उच्च न्यायालय में एक याचिका तक दायर कर रखी है ।यही नही ऑडिट विभाग ने इसके द्वारा आहरित कई भुगतानों को गबन कहा है ।

बता दे कि शिकायतों के बाद ईओ दिनेश विश्वकर्मा के खिलाफ लगभग 26 जांचे हुई और सभी जांच रिपोर्ट प्रभारी अधिकारी नगर निकाय/स्थानीय निकाय या जिलाधिकारी के पास लंबित बतायी जा रही है । सूत्रों की माने तो इन जांच रिपोर्टो को वर्तमान जिलाधिकारी अदिति सिंह के सामने आते ही इस ईओ पर कार्यवाही होनी तय मानी जा रही है । साथ ही ये जांच रिपोर्टे नगर पालिका के भ्रष्टाचार को तारतार करके सबके सामने ला देंगी ।

अब देखना है कि ईओ दिनेश विश्वकर्मा ऐंड कम्पनी के भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ कब होता है । नही तो आम लोग तो कह ही रहे है कि चेयरमैन ऑडिट मंत्री सब पर भारी,एक नगर पालिका का अधिकारी ।